वाराणसी : फ्लैट कल्चर और न्यूक्लियर फैमिली में डॉगी को साथ रखना आसान नहीं है. घर में पाले जाने वाले पालतू जानवर तब परेशानी का सबब बन जाते हैं जब इन्हें छोड़कर लंबे समय के लिए कहीं बाहर जाना होता है. खास तौर पर विदेशी नस्ल के अलग-अलग कुत्तों को दूसरों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है. अब वाराणसी नगर निगम पशु चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर इस परेशानी को दूर करने जा रहा है. बनारस में रहने वाले पशु प्रेमी नगर निगम के जिम में अपने डॉगी को छोड़कर कहीं भी लंबे समय के लिए जा सकते हैं.
दरअसल मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे और कई मेट्रो सिटीज में पालतू कुत्तों को शेल्टर होम में छोड़ने की प्राइवेट व्यवस्था उपलब्ध है. कई जगहों पर सरकारी तंत्र भी ऐसे पशुओं की देखभाल करता है. उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में अबतक ऐसी सुविधा कम ही हैं. अभी कुछ दिन पहले नोएडा में सरकारी तौर पर एक डॉग शेल्टर होम की शुरुआत की गई है, जहां लोग अपने पालतू कुत्तों को छोड़कर कहीं भी जा सकते हैं. कुछ ऐसी ही शुरुआत वाराणसी में भी करने की तैयारी हो गई है. वाराणसी के कबीर चौरा इलाके में स्थित वर्तमान सरकारी जानवरों के अस्पताल के खाली पड़े एक स्थान पर एक एनिमल शेल्टर होम बनाने की तैयारी की जा रही है.
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह का कहना है कि वाराणसी नगर निगम के साथ मिलकर कबीर चौरा इलाके में एक शेल्टर होम बनाया जा रहा है. इस शेल्टर होम में पालतू कुत्तों को रखने की व्यवस्था नॉमिनल रेट पर उपलब्ध करवाई जाएगी. लोग 5 दिन, 10 दिन, 15 दिन या 1 महीने के लिए अपने पालतू कुत्ते को नगर निगम के इस शेल्टर होम में छोड़ सकते हैं. उसके लिए उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करना होगा.
डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि शेल्टर होम में रखे गए डॉगी की देख-रेख, खाने-पीने और उन्हें सुबह शाम टहलाने की व्यवस्था भी नगर निगम वाराणसी ही करेगा. इसके लिए पशु मालिकों को किसी तरह की कोई टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. नगर निगम पालतू जानवर का पूरा ख्याल रखेगा. उन्हें घर जैसे माहौल में रखा जाएगा, ताकि हुए उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो.
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