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सरकारी विभागों पर वाराणसी नगर निगम का करोड़ों बकाया, बीएचयू पर सबसे ज्यादा - हाउस टैक्स की वसूली

वाराणसी नगर निगम हाउस टैक्स की वसूली को लेकर एक्टिव है. नगर निगम का करोड़ों रुपये दबाकर बैठे लगभग 40,000 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजकर उनसे वसूली की तैयारी शुरू की है. वहीं, वाराणसी में सबसे ज्यादा सरकारी विभागों के ऊपर टैक्स बाकी है, जिसमें बीएचयू पहले नंबर पर है.

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वाराणसी नगर निगम
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Published : Jan 4, 2023, 11:15 AM IST

3 सालों से नगर निगम का करोड़ों रुपये दबाकर बैठे 40 हजार लोग

वाराणसी: नए साल की शुरुआत के साथ अब वित्तीय वर्ष के टारगेट को पूरा करने के लिए हर विभाग अपने स्तर को जुड़ा हुआ है. वाराणसी नगर निगम भी नए साल के आने से पहले ही दिसंबर के महीने में ही हाउस टैक्स की वसूली को लेकर लगातार एक्टिव दिखाई दे रहा था. लगभग 76 करोड़ के निर्धारित शासन के टारगेट के विपरीत 45 करोड़ की वसूली तो नगर निगम ने कर ली है, लेकिन अभी भी नगर निगम अपने टारगेट से काफी पीछे है.

वाराणसी नगर निगम पुराने बकायेदारों के साथ सरकारी विभागों के बकायेदारों पर भी नकेल कसने की तैयारी कर रहा है और ऐसे टॉप 3 बकायेदारों की सूची निकलवाई गई है, जिन पर नगर निगम का काफी लंबे वक्त से करोड़ों रुपये बकाया है. जिनमें सबसे टॉप पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय है. बनारस में बीते 3 सालों से नगर निगम का करोड़ों रुपये दबाकर बैठे लगभग 40,000 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजकर उनसे वसूली की तैयारी शुरू की है. इन सबके बीच वाराणसी नगर निगम अपना टारगेट पूरा करने के लिए अब सरकारी विभागों पर भी शिकंजा कसने जा रहा है.

वाराणसी नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र का कहना है कि सरकारी विभागों में कई विभाग ऐसे हैं जिनके ऊपर काफी लंबे वक्त से बकाया है. कुछ विभागों के साथ तो नगर निगम का टाइअप है और हम उनके साथ तालमेल करके अपने बिल और उनके बिल को एडजस्ट कर लेते हैं, जो सरकारी नियमों के अधीन होता है. वहीं, बहुत से ऐसे सरकारी संस्थान और विभाग है, जहां पर लंबे वक्त से बकाया है और वह चला आ रहा है.

इनमें सबसे पहले बीएचयू है काशी हिंदू विश्वविद्यालय कर दो हिस्सा है. एक कमर्शियल और एक रिहायशी इसके अंदर लोग रहते भी हैं. इस आधार पर टैक्स के निर्धारण को लेकर हमेशा से काफी कंफ्यूजन की स्थिति रही है. टैक्स निर्धारण कैसे हो, क्या हो यह बाद की बात है, लेकिन वर्तमान समय में नगर निगम के लगभग 50 करोड़ के अकेले बकाया है.

पीके मिश्रा का कहना है कि यह लंबे वक्त से बकाए की धनराशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं. कई अधिकारियों और कई कुलपतियों से बातचीत हो चुकी है, लेकिन इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. इसलिए जल्द ही विभाग को नोटिस जारी कर उनसे इस संदर्भ में उनका जस्टिफिकेशन मांगा जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि जब इस बारे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर राजेश सिंह को फोन किया गया तो उनका कहना था वह भी बनारस के बाहर हैं और उनसे अभी बातचीत संभव नहीं है. उनको किए गए मैसेज में भी स्पष्ट रूप से सारी चीजें पूछे जाने के बाद उनकी तरफ से कोई जवाब इस संदर्भ में नहीं दिया गया.

वहीं, दूसरे नंबर पर भारत संचार निगम लिमिटेड के ऊपर नगर निगम का दो करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. इसे लेकर भी विभाग के अधिकारियों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष जाना जाएगा और उसके बाद वसूली की कार्रवाई होगी. तीसरे नंबर पर वाराणसी रोडवेज पर भी लगभग 50 लाख रुपये बकाया है. इसे लेकर रोडवेज कोर्ट पहुंच गया है और कोर्ट ने स्थगन आदेश भी जारी किया है. मामला कोर्ट में होने की वजह से आगे की कार्रवाई में दिक्कत है, लेकिन कोर्ट में अपना पक्ष रखने के बाद इस पर भी जल्द कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

3 सालों से नगर निगम का करोड़ों रुपये दबाकर बैठे 40 हजार लोग

वाराणसी: नए साल की शुरुआत के साथ अब वित्तीय वर्ष के टारगेट को पूरा करने के लिए हर विभाग अपने स्तर को जुड़ा हुआ है. वाराणसी नगर निगम भी नए साल के आने से पहले ही दिसंबर के महीने में ही हाउस टैक्स की वसूली को लेकर लगातार एक्टिव दिखाई दे रहा था. लगभग 76 करोड़ के निर्धारित शासन के टारगेट के विपरीत 45 करोड़ की वसूली तो नगर निगम ने कर ली है, लेकिन अभी भी नगर निगम अपने टारगेट से काफी पीछे है.

वाराणसी नगर निगम पुराने बकायेदारों के साथ सरकारी विभागों के बकायेदारों पर भी नकेल कसने की तैयारी कर रहा है और ऐसे टॉप 3 बकायेदारों की सूची निकलवाई गई है, जिन पर नगर निगम का काफी लंबे वक्त से करोड़ों रुपये बकाया है. जिनमें सबसे टॉप पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय है. बनारस में बीते 3 सालों से नगर निगम का करोड़ों रुपये दबाकर बैठे लगभग 40,000 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजकर उनसे वसूली की तैयारी शुरू की है. इन सबके बीच वाराणसी नगर निगम अपना टारगेट पूरा करने के लिए अब सरकारी विभागों पर भी शिकंजा कसने जा रहा है.

वाराणसी नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र का कहना है कि सरकारी विभागों में कई विभाग ऐसे हैं जिनके ऊपर काफी लंबे वक्त से बकाया है. कुछ विभागों के साथ तो नगर निगम का टाइअप है और हम उनके साथ तालमेल करके अपने बिल और उनके बिल को एडजस्ट कर लेते हैं, जो सरकारी नियमों के अधीन होता है. वहीं, बहुत से ऐसे सरकारी संस्थान और विभाग है, जहां पर लंबे वक्त से बकाया है और वह चला आ रहा है.

इनमें सबसे पहले बीएचयू है काशी हिंदू विश्वविद्यालय कर दो हिस्सा है. एक कमर्शियल और एक रिहायशी इसके अंदर लोग रहते भी हैं. इस आधार पर टैक्स के निर्धारण को लेकर हमेशा से काफी कंफ्यूजन की स्थिति रही है. टैक्स निर्धारण कैसे हो, क्या हो यह बाद की बात है, लेकिन वर्तमान समय में नगर निगम के लगभग 50 करोड़ के अकेले बकाया है.

पीके मिश्रा का कहना है कि यह लंबे वक्त से बकाए की धनराशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं. कई अधिकारियों और कई कुलपतियों से बातचीत हो चुकी है, लेकिन इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. इसलिए जल्द ही विभाग को नोटिस जारी कर उनसे इस संदर्भ में उनका जस्टिफिकेशन मांगा जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि जब इस बारे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर राजेश सिंह को फोन किया गया तो उनका कहना था वह भी बनारस के बाहर हैं और उनसे अभी बातचीत संभव नहीं है. उनको किए गए मैसेज में भी स्पष्ट रूप से सारी चीजें पूछे जाने के बाद उनकी तरफ से कोई जवाब इस संदर्भ में नहीं दिया गया.

वहीं, दूसरे नंबर पर भारत संचार निगम लिमिटेड के ऊपर नगर निगम का दो करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. इसे लेकर भी विभाग के अधिकारियों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष जाना जाएगा और उसके बाद वसूली की कार्रवाई होगी. तीसरे नंबर पर वाराणसी रोडवेज पर भी लगभग 50 लाख रुपये बकाया है. इसे लेकर रोडवेज कोर्ट पहुंच गया है और कोर्ट ने स्थगन आदेश भी जारी किया है. मामला कोर्ट में होने की वजह से आगे की कार्रवाई में दिक्कत है, लेकिन कोर्ट में अपना पक्ष रखने के बाद इस पर भी जल्द कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

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