वाराणसी: स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रैंकिंग में बनारस 27वें पायदान पर पहुंच गया है. वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर नगर आयुक्त गोरांग राठी ने लक्ष्य निर्धारित किया है. नगर आयुक्त गौरांग राठी ने नगर निगम के कर्मचारियों और अफसरों को चेतावनी देते हुए साफ कर दिया है कि लक्ष्य से कम अंक को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकते हैं. हर बिंदु पर बेहतर काम कर खुद परिणाम तय करें. परीक्षा शुरू हो गई है.
शहर में स्वच्छता मिशन को लेकर चल रहे कार्य से नगर आयुक्त गौरांग लाठी को सर्वेक्षण में बनारस का प्रदर्शन अच्छा रहने की पूरी उम्मीद है. वहीं शहर को पूरी तरह से साफ रखने के लिए निजी कंपनी से घर-घर कूड़ा उठान शुरू हो गया है. दूसरी ओर काशी के घाटों की सफाई के लिए अलग से कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है, जो सप्ताह के सातों दिन कार्य कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी साल 2020 की स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में 27वें पायदान पर पहुंच गया. इस प्रकार वाराणसी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्ट ने बड़ी छलांग लगाई. स्वच्छता के मद्देनजर शहर की हालत पहले से काफी सुधरी है. देश में वाराणसी शहर को 3684.20 अंक मिले हैं, जिसके आधार पर स्वच्छता रैंकिंग में 27वें पायदान पर शहर पहुंच गया है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की तुलना में पिछले साल वाराणसी शहर 70वें स्थान पर था. इस हिसाब से शहर ने 43 पायदान की छलांग लगाई है. उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में बनारस ने छठवां स्थान प्राप्त किया है. स्वच्छता रैंकिंग के परिणाम में प्रदेश में लखनऊ नंबर एक पर है. इसी प्रकार आगरा नंबर दो और गाजियाबाद नंबर तीन पर है.
स्वच्छता सर्वेक्षण में वाराणसी को मिला यह स्थान, 2021 का लक्ष्य तय - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
उत्तर प्रदेश का वाराणसी शहर स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रैंकिंग में 27वें स्थान पर पहुंच गया. इसलिए नगर आयुक्त गौरांग राठी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर टारगेट तय कर दिया है. उन्होंने नगर निगम के अफसरों और कर्मचारियों को साफ तौर पर चेताया कि लक्ष्य से कम अंक को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकते हैं.
वाराणसी: स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रैंकिंग में बनारस 27वें पायदान पर पहुंच गया है. वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर नगर आयुक्त गोरांग राठी ने लक्ष्य निर्धारित किया है. नगर आयुक्त गौरांग राठी ने नगर निगम के कर्मचारियों और अफसरों को चेतावनी देते हुए साफ कर दिया है कि लक्ष्य से कम अंक को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकते हैं. हर बिंदु पर बेहतर काम कर खुद परिणाम तय करें. परीक्षा शुरू हो गई है.
शहर में स्वच्छता मिशन को लेकर चल रहे कार्य से नगर आयुक्त गौरांग लाठी को सर्वेक्षण में बनारस का प्रदर्शन अच्छा रहने की पूरी उम्मीद है. वहीं शहर को पूरी तरह से साफ रखने के लिए निजी कंपनी से घर-घर कूड़ा उठान शुरू हो गया है. दूसरी ओर काशी के घाटों की सफाई के लिए अलग से कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है, जो सप्ताह के सातों दिन कार्य कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी साल 2020 की स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में 27वें पायदान पर पहुंच गया. इस प्रकार वाराणसी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्ट ने बड़ी छलांग लगाई. स्वच्छता के मद्देनजर शहर की हालत पहले से काफी सुधरी है. देश में वाराणसी शहर को 3684.20 अंक मिले हैं, जिसके आधार पर स्वच्छता रैंकिंग में 27वें पायदान पर शहर पहुंच गया है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की तुलना में पिछले साल वाराणसी शहर 70वें स्थान पर था. इस हिसाब से शहर ने 43 पायदान की छलांग लगाई है. उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में बनारस ने छठवां स्थान प्राप्त किया है. स्वच्छता रैंकिंग के परिणाम में प्रदेश में लखनऊ नंबर एक पर है. इसी प्रकार आगरा नंबर दो और गाजियाबाद नंबर तीन पर है.