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बसपा सांसद अतुल राय को वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत, गैंगेस्टर मामले में हुए बरी

Ghosi BSP MP Atul Rai : कोर्ट ने कहा कि गैंगस्टर के अंतर्गत अभियुक्त की दोषसिद्धि के लिए अभियोजन द्वारा कोई सबूत नहीं दिया गया है. मामले में अभियोजन न तो गैंग चार्ट में से दर्शित मुकदमों में एक की भी सत्यता को साबित कर सका और न ही आरोपियों द्वारा कथित अर्जित लाभ या उनके गैंग संचालन के तथ्य को साबित कर सका है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 7:36 PM IST

बसपा सांसद अतुल राय के वकील अनुज यादव ने केस के बारे में जानकारी दी.

वाराणसी: विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की कोर्ट ने गैंगेस्टर के एक मामले में बसपा सांसद अतुल राय समेत चार को बरी कर दिया. कोर्ट ने 51 पेज के फैसले में कहा कि इस प्रकरण के तथ्यों का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि गैंगस्टर के अंतर्गत अभियुक्त की दोषसिद्धि के लिए अभियोजन द्वारा कोई सबूत नहीं दिया गया है.

यह साबित किया जाना आवश्यक है कि अभियुक्तगण द्वारा एक गैंग संचालित किया जा रहा था, जो गैंगचार्ट में दर्शित अपराधों द्वारा आर्थिक भौतिक या अन्य लाभ अर्जित कर रहे थे अथवा जनमानस में भय का माहौल बनाकर किसी लाभ के उद्देश्य से लोक व्यवस्था को भंग कर रहे थे. वहीं इस मामले में अभियोजन न तो गैंग चार्ट में से दर्शित मुकदमों में एक की भी सत्यता को साबित कर सका और न ही आरोपियों द्वारा कथित अर्जित लाभ या उनके गैंग संचालन के तथ्य को साबित कर सका है.

कोर्ट ने कहा, महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आरोपियों द्वारा विधि विरुद्ध रूप से संग्रहित किसी भी संपत्ति को डीएम द्वारा कुर्की की कारवाई नहीं की गई. साथ ही अनुचित भौतिक या आर्थिक लाभ अर्जित करने के मामले में किसी संपत्ति का विवरण नहीं दिया गया. वादी ने भी इस बात का जिक्र अपनी तहरीर में नहीं किया है. अदालत ने समस्त साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद कहा कि अभियोजन यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी सुजीत सिंह उर्फ सुरजीत सिंह अपने गिरोह का सरगना है और आरोपी सांसद अतुल सिंह, अनिल कुमार मिश्र व राजन सिंह उस गिरोह के सदस्य हैं. ऐसे में चारों आरोपियों को गैगेस्टर एवं समझ विरोधी क्रियाकलाप अधिनियम में बरी किया जाता है.

इस संबंध में सांसद अतुल राय के अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया कि 2009 में वाराणसी के मंडुआडीह थाने में एक गैंगेस्टर का मुकदमा अतुल राय के विरुद्ध दर्ज हुआ था. जिसमें चार लोग आरोपी बनाए गए थे. गैंग चार्ट में चार मुकदमे दिखाए गए थे. इस मुकदमे में आज न्यायालय द्वारा गुण-दोष के आधार पर घोसी सांसद अतुल राय को बरी किया गया है. मामले में चार लोग आरोपी थे. चारों लोगों को कोर्ट ने बरी किया है.

अभियोजन के मुताबिक 3 अप्रैल 2009 को प्रभारी निरीक्षक मंडुआडीह धर्मवीर सिंह ने अभिलेखों का अध्ययन करने के बाद पाया कि सुजीत सिंह नाजायज गिरोहबंद किस्म का अपराधी है और नाजायज गिरोह बनाकर अपने गैंग व अन्य सदस्यों के आर्थिक, सामाजिक व भौतिक लाभ के लिए अपराध को अपना पेशा बना लिया है. सुजीत कुमार सिंह गैंग का लिडर है. उसके गैंग के मुख्य सदस्य अतुल सिंह उर्फ अतुल राय, अनिल कुमार मिश्रा और राजन सिंह हैं. इन लोगों के खिलाफ चार अपराधों का जिक्र करते हुए चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था.

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बसपा सांसद अतुल राय के वकील अनुज यादव ने केस के बारे में जानकारी दी.

वाराणसी: विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की कोर्ट ने गैंगेस्टर के एक मामले में बसपा सांसद अतुल राय समेत चार को बरी कर दिया. कोर्ट ने 51 पेज के फैसले में कहा कि इस प्रकरण के तथ्यों का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि गैंगस्टर के अंतर्गत अभियुक्त की दोषसिद्धि के लिए अभियोजन द्वारा कोई सबूत नहीं दिया गया है.

यह साबित किया जाना आवश्यक है कि अभियुक्तगण द्वारा एक गैंग संचालित किया जा रहा था, जो गैंगचार्ट में दर्शित अपराधों द्वारा आर्थिक भौतिक या अन्य लाभ अर्जित कर रहे थे अथवा जनमानस में भय का माहौल बनाकर किसी लाभ के उद्देश्य से लोक व्यवस्था को भंग कर रहे थे. वहीं इस मामले में अभियोजन न तो गैंग चार्ट में से दर्शित मुकदमों में एक की भी सत्यता को साबित कर सका और न ही आरोपियों द्वारा कथित अर्जित लाभ या उनके गैंग संचालन के तथ्य को साबित कर सका है.

कोर्ट ने कहा, महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आरोपियों द्वारा विधि विरुद्ध रूप से संग्रहित किसी भी संपत्ति को डीएम द्वारा कुर्की की कारवाई नहीं की गई. साथ ही अनुचित भौतिक या आर्थिक लाभ अर्जित करने के मामले में किसी संपत्ति का विवरण नहीं दिया गया. वादी ने भी इस बात का जिक्र अपनी तहरीर में नहीं किया है. अदालत ने समस्त साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद कहा कि अभियोजन यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी सुजीत सिंह उर्फ सुरजीत सिंह अपने गिरोह का सरगना है और आरोपी सांसद अतुल सिंह, अनिल कुमार मिश्र व राजन सिंह उस गिरोह के सदस्य हैं. ऐसे में चारों आरोपियों को गैगेस्टर एवं समझ विरोधी क्रियाकलाप अधिनियम में बरी किया जाता है.

इस संबंध में सांसद अतुल राय के अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया कि 2009 में वाराणसी के मंडुआडीह थाने में एक गैंगेस्टर का मुकदमा अतुल राय के विरुद्ध दर्ज हुआ था. जिसमें चार लोग आरोपी बनाए गए थे. गैंग चार्ट में चार मुकदमे दिखाए गए थे. इस मुकदमे में आज न्यायालय द्वारा गुण-दोष के आधार पर घोसी सांसद अतुल राय को बरी किया गया है. मामले में चार लोग आरोपी थे. चारों लोगों को कोर्ट ने बरी किया है.

अभियोजन के मुताबिक 3 अप्रैल 2009 को प्रभारी निरीक्षक मंडुआडीह धर्मवीर सिंह ने अभिलेखों का अध्ययन करने के बाद पाया कि सुजीत सिंह नाजायज गिरोहबंद किस्म का अपराधी है और नाजायज गिरोह बनाकर अपने गैंग व अन्य सदस्यों के आर्थिक, सामाजिक व भौतिक लाभ के लिए अपराध को अपना पेशा बना लिया है. सुजीत कुमार सिंह गैंग का लिडर है. उसके गैंग के मुख्य सदस्य अतुल सिंह उर्फ अतुल राय, अनिल कुमार मिश्रा और राजन सिंह हैं. इन लोगों के खिलाफ चार अपराधों का जिक्र करते हुए चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था.

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