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जानिए, आखिर कैसे मोदी ने दोबारा जीता काशी का दिल

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार वो पल वाराणसी के लोगों को मिल गया, जिसका इंतजार लंबे वक्त से किया जा रहा था. पीएम मोदी ने 2014 का रिकॉर्ड तोड़ते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की.

ईटीवी भारत ने जानी काशी के दिल की बात.
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Published : May 24, 2019, 10:43 AM IST

वाराणसी: बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से वाराणसी से जीत हासिल कर बनारस के लोगों को 5 साल और विकास के सपने को आगे बढ़ाने का वक्त दे दिया है, लेकिन इन सबके बीच सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी जीत प्रधानमंत्री मोदी को बनारस से मिली तो मिली कैसे.

ईटीवी भारत ने जानी काशी के दिल की बात.

यह सवाल उठना इसलिए भी लाज़मी है, क्योंकि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार बनारस से जीतकर देश की सत्ता पर आसीन हुए तब बनारस के लोगों को उनसे उम्मीदें बहुत थीं. उम्मीदों पर प्रधानमंत्री मोदी ने खरा उतरने का भी प्रयास किया. 40 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का तोहफा बनारस को देकर विकास की गंगा बहा दी, तो क्या इन्हीं मुद्दों पर बनारस के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को ऐतिहासिक जीत दिलाई और 479000 से ज्यादा वोटों से पीएम मोदी ने बनारस से जीत हासिल की. इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश ईटीवी भारत ने की और जाना कि आखिर इतनी बड़ी जीत पीएम मोदी को बनारस से कैसे मिली.


दरअसल, वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा जगह भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी से उनका गहरा लगाव है. शायद यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बनारस में विकास की गंगा बहाने के साथ ही उस अद्भुत काम को कर दिखाया जो शायद नामुमकिन था, विश्वनाथ कॉरिडोर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ शुरू किया, बल्कि तेजी से काम भी आगे बढ़ रहा 250 से ज्यादा मकानों की खरीद-फरोख्त इन मकानों को गिराना और खाली जगह पर विश्वनाथ कॉरिडोर का भव्य रूप तैयार करना यह सब काम प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में ही संभव हुआ. इसके अलावा 40000 करो रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और फिर इनका शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 5 साल के कार्यकाल में करके बनारस के लोगों को यह विश्वास दिलाया कि बनारस विकास की नई कहानी गढ़ रहा है.


इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने समय-समय पर बनारस से आध्यात्मिक और सामाजिक लगाओ भी रखा किसी की बेटी की शादी हो या बेटे का तिलक निमंत्रण जाने पर प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से एक लेटर जरूर पहुंचता था, जिसकी वजह से लोग प्रधानमंत्री मोदी से सीधे जुड़ते गए. प्रधानमंत्री मोदी ने अपना 68 वां जन्मदिन बनारस में मनाकर यह संदेश भी दिया कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर बनारस नहीं आते बल्कि काशी के सांसद के रूप में हर दुख-सुख अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों के साथ बांटते हैं. इन छोटी-छोटी बातों से बनारस के लोग काफी प्रभावित हुए और हमने भी लोगों से जब बात की तो लोगों ने यही कहा कि बनारस में विकास हुआ विकास के नाम पर राजनीति नहीं हुई, सिर्फ काम हुआ और वह काम आज दिखाई पड़ रहा है, जिसकी वजह से बनारस के लोगों ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी को मौका दिया है.

वाराणसी: बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से वाराणसी से जीत हासिल कर बनारस के लोगों को 5 साल और विकास के सपने को आगे बढ़ाने का वक्त दे दिया है, लेकिन इन सबके बीच सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी जीत प्रधानमंत्री मोदी को बनारस से मिली तो मिली कैसे.

ईटीवी भारत ने जानी काशी के दिल की बात.

यह सवाल उठना इसलिए भी लाज़मी है, क्योंकि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार बनारस से जीतकर देश की सत्ता पर आसीन हुए तब बनारस के लोगों को उनसे उम्मीदें बहुत थीं. उम्मीदों पर प्रधानमंत्री मोदी ने खरा उतरने का भी प्रयास किया. 40 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का तोहफा बनारस को देकर विकास की गंगा बहा दी, तो क्या इन्हीं मुद्दों पर बनारस के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को ऐतिहासिक जीत दिलाई और 479000 से ज्यादा वोटों से पीएम मोदी ने बनारस से जीत हासिल की. इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश ईटीवी भारत ने की और जाना कि आखिर इतनी बड़ी जीत पीएम मोदी को बनारस से कैसे मिली.


दरअसल, वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा जगह भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी से उनका गहरा लगाव है. शायद यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बनारस में विकास की गंगा बहाने के साथ ही उस अद्भुत काम को कर दिखाया जो शायद नामुमकिन था, विश्वनाथ कॉरिडोर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ शुरू किया, बल्कि तेजी से काम भी आगे बढ़ रहा 250 से ज्यादा मकानों की खरीद-फरोख्त इन मकानों को गिराना और खाली जगह पर विश्वनाथ कॉरिडोर का भव्य रूप तैयार करना यह सब काम प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में ही संभव हुआ. इसके अलावा 40000 करो रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और फिर इनका शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 5 साल के कार्यकाल में करके बनारस के लोगों को यह विश्वास दिलाया कि बनारस विकास की नई कहानी गढ़ रहा है.


इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने समय-समय पर बनारस से आध्यात्मिक और सामाजिक लगाओ भी रखा किसी की बेटी की शादी हो या बेटे का तिलक निमंत्रण जाने पर प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से एक लेटर जरूर पहुंचता था, जिसकी वजह से लोग प्रधानमंत्री मोदी से सीधे जुड़ते गए. प्रधानमंत्री मोदी ने अपना 68 वां जन्मदिन बनारस में मनाकर यह संदेश भी दिया कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर बनारस नहीं आते बल्कि काशी के सांसद के रूप में हर दुख-सुख अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों के साथ बांटते हैं. इन छोटी-छोटी बातों से बनारस के लोग काफी प्रभावित हुए और हमने भी लोगों से जब बात की तो लोगों ने यही कहा कि बनारस में विकास हुआ विकास के नाम पर राजनीति नहीं हुई, सिर्फ काम हुआ और वह काम आज दिखाई पड़ रहा है, जिसकी वजह से बनारस के लोगों ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी को मौका दिया है.

Intro:वाराणसी: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आज वह ऐतिहासिक पल वाराणसी के लोगों के लिए आ ही गया जिसका इंतजार लंबे वक्त से किया जा रहा था बनारस के सांसद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से वाराणसी से जीत हासिल कर कर बनारस के लोगों को 5 साल और विकास के सपने को आगे बढ़ाने का वक्त दे दिया है लेकिन इन सबके बीच सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी जीत आखिर प्रधानमंत्री मोदी को बनारस से मिली तो मिली कैसे यह सवाल उठना इसलिए भी लाजिमी है क्योंकि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार बनारस से जीतकर देश की सत्ता पर आसीन हुए तब बनारस के लोगों को उनसे उम्मीदें बहुत थी उम्मीदों पर प्रधानमंत्री मोदी ने खरा उतरने का भी प्रयास किया 40 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का तोहफा बनारस को देखकर विकास की गंगा बहा दी तो क्या इन्हीं मुद्दों पर बनारस के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को ऐतिहासिक जीत दिलाई और 479000 से ज्यादा वोटों से पीएम मोदी ने बनारस से जीत हासिल की इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश ईटीवी भारत ने की और जाना कि आखिर इतनी बड़ी जीत पीएम मोदी को बनारस से मिली कैसे


Body:वीओ-01 दरअसल वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा जगह भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी से उनका गहरा लगाव है शायद यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बनारस में विकास की गंगा बहाने के साथ ही उस अद्भुत काम को कर दिखाया जो शायद नामुमकिन था विश्वनाथ कॉरिडोर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ शुरू किया बल्कि तेजी से काम भी आगे बढ़ रहा 250 से ज्यादा मकानों की खरीद-फरोख्त इन मकानों को गिराना और खाली जगह पर विश्वनाथ कॉरिडोर का भव्य रूप तैयार करना यह सब काम प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में ही संभव हुआ इसके अलावा 40000 करो रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और फिर इनका शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 5 साल के कार्यकाल में करके बनारस के लोगों को यह विश्वास दिलाया कि बनारस विकास की नई कहानी गढ़ रहा है इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने समय-समय पर बनारस से आध्यात्मिक और सामाजिक लगाओ भी रखा किसी की बेटी की शादी हो या बेटे का तिलक निमंत्रण जाने पर प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से एक लेटर जरूर पहुंचता था जिसकी वजह से लोग प्रधानमंत्री मोदी से सीधे जुड़ते गए प्रधानमंत्री मोदी ने अपना 68 वां जन्मदिन बनारस में मना कर यह संदेश भी दिया कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर बनारस नहीं आते बल्कि काशी के सांसद के रूप में हर दुख सुख अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों के साथ बांटते हैं इन छोटी-छोटी बातों से बनारस के लोग काफी प्रभावित हुए और हमने भी लोगों से जब बात की तो लोगों ने यही कहा कि बनारस में विकास हुआ विकास के नाम पर राजनीति नहीं हुई सिर्फ काम हुआ और वह काम आ दिखाई पड़ रहा है जिसकी वजह से बनारस के लोगों ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी को मौका दिया है


Conclusion:वीओ-02 सबसे अहम प्रधानमंत्री मोदी के बनारस से सांसद बनने के बाद बदलाव के रूप में देखने को मिला तो पूरी दुनिया के राष्ट्र अध्यक्षों और दुनिया भर के लोगों का बनारस के प्रति लगाओ चाहे फ्रांस और जर्मनी हो जापान हो हर बड़े देश के राष्ट्राध्यक्ष ने बनारस में आकर बनारस की जिंदगी को जीने का प्रयास किया इतना ही नहीं 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन को करके बनारस एक नया इतिहास रचने की भी कोशिश हुई इसके अलावा तीन फ्लाईओवर एक निर्माणाधीन है मडवाडी रेलवे स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन का कायाकल्प घाटों का सुंदरीकरण हृदय योजना से गलियों नाली खड़ंजा का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों का विकास 4 गांव को सांसद आदर्श योजना के तहत गोद लेना पासपोर्ट का कोटा बढ़ाया जाना विकलांगों से सीधे जुड़ने का प्रयास किया जाना और तो और बनारस को देश का पहला वाटर वे प्रोजेक्ट देना इन सब चीजों ने बनारस के लोगों से प्रधानमंत्री मोदी का बतौर सांसद सीधा लगाओ रखा जिसकी वजह से निश्चित तौर पर पीएम मोदी ने इतनी बड़ी जीत हासिल की और अब 5 साल और शहर विकास की उम्मीद पर अपने सांसदों देश के प्रधानमंत्री मोदी का इस्तकबाल करने के लिए तैयार हो चुका है.

वॉक थ्रू- गोपाल मिश्र

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