ETV Bharat / state

व्यास जी तहखाना को डीएम के सुपुर्द करने पर सुनवाई बढ़ी आगे, जानिए क्यों 24 नवंबर को होगी सुनवाई - gyanvapi vyas ji tehkhana case

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर (Varanasi Gyanvapi Premises) में स्थित व्यास जी तहखाना (Vyas Ji Tehkhana) मामले में आज दोनों पक्षों की बहस सुनी गई. कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाने के लिए 24 नवंबर की तारीख तय की है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 21, 2023, 9:09 PM IST

Updated : Nov 22, 2023, 6:15 AM IST

व्यास जी तहखाना मामले में सुनवाई बढ़ी

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी तहखाना को लेकर कोर्ट में चल रही सुनवाई के तहत आज 1991 के मुख्य वाद आदि विश्वेश्वर प्रकरण से जुड़े अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से इस मामले में वादी बनने को लेकर दाखिल की गई एप्लीकेशन पर दोनों पक्षों की बहस सुनी गई. सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने की बात करते हुए 24 नवंबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाए जाने की तारीख निर्धारित की. माना जा रहा है कि कोर्ट 24 तारीख को इस मामले में वादी बनाए जाने के एप्लीकेशन पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट करेगा कि विजय शंकर रस्तोगी को इस मामले में वादी बनाया जाए या नहीं. उसके अलावा इस पूरे तहखाने को जिला अधिकारी के सुपुर्द किए जाने के मामले पर सुनवाई आगे भी जारी रहेगी.

दरअसल, दिवंगत पंडित सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक ने पिछले दिनों एक वाद दायर किया था. इसमें उनके अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी की तरफ से यह दलील दी गई थी कि पंडित सोमनाथ व्यास के तहखाना पर मस्जिद पक्ष कब्जा कर सकता है. क्योंकि, 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ होता रहा. लेकिन, बाद में नंदी के सामने बैरिकेडिंग करके पूजा पाठ रोकने के साथ ही परिवार के लोगों को भी अंदर जाने से रोका गया. नंदी के सामने बैरिकेडिंग को हटाने और तहखाने को पूर्व की तरह व्यास परिवार के लिए खोले जाने की मांग करने के साथ ही जब तक यह मुकदमा चल रहा है, तब तक इसका मालिकाना हक जिला अधिकारी वाराणसी को सुपुर्द किए जाने की मांग इस एप्लीकेशन में की गई है.

हालांकि, इसका विरोध अंजुमन इंतजामियां लगातार कर रहा है. इसकी देख-रेख करने वाले अंजुमन इंतजामिया का कहना है कि हम किसी पर कब्जा करने की नीयत से वहां पर कार्य नहीं कर रहे हैं. क्योंकि, आदेश के मुताबिक, परिसर हमारा ही है जिस पर विवाद के तहत मामला न्यायालय में है. जो भी निर्णय होगा, वह देखा जाएगा. लेकिन, तब तक इस स्थल को जिलाधिकारी के सुपुर्द किया जाना उचित नहीं है.

फिलहाल, दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला जज इस मामले में जल्द फैसला सुनाने वाले थे. लेकिन, इसके पहले ही 1991 में लॉर्ड विश्वेश्वर मामले में वार्ड मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से एक एप्लीकेशन देते हुए इस पूरे प्रकरण में उन्हें भी वादी बनाए जाने की अपील की गई है. जिस पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है. आज भी कोर्ट में इस संदर्भ में विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी दलीलें पेश की हैं. इसके बाद इस मामले में दलीलों को सुनने के पश्चात 24 नवंबर को सुनवाई आगे बढ़ाएगा.

यह भी पढ़ें: स्वामी चिदानंद ने कहा- अयोध्या में हो रहा राष्ट्र मंदिर का निर्माण, ज्ञानवापी में फव्वारा नहीं, अब शिव धारा के दर्शन होंगे

यह भी पढ़ें: राम मंदिर के पुजारी अचार्य सत्येंद्र दास बोले- ज्ञानवापी का निर्णय भी सबूतों के आधार पर होगा

व्यास जी तहखाना मामले में सुनवाई बढ़ी

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी तहखाना को लेकर कोर्ट में चल रही सुनवाई के तहत आज 1991 के मुख्य वाद आदि विश्वेश्वर प्रकरण से जुड़े अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से इस मामले में वादी बनने को लेकर दाखिल की गई एप्लीकेशन पर दोनों पक्षों की बहस सुनी गई. सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने की बात करते हुए 24 नवंबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाए जाने की तारीख निर्धारित की. माना जा रहा है कि कोर्ट 24 तारीख को इस मामले में वादी बनाए जाने के एप्लीकेशन पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट करेगा कि विजय शंकर रस्तोगी को इस मामले में वादी बनाया जाए या नहीं. उसके अलावा इस पूरे तहखाने को जिला अधिकारी के सुपुर्द किए जाने के मामले पर सुनवाई आगे भी जारी रहेगी.

दरअसल, दिवंगत पंडित सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक ने पिछले दिनों एक वाद दायर किया था. इसमें उनके अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी की तरफ से यह दलील दी गई थी कि पंडित सोमनाथ व्यास के तहखाना पर मस्जिद पक्ष कब्जा कर सकता है. क्योंकि, 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ होता रहा. लेकिन, बाद में नंदी के सामने बैरिकेडिंग करके पूजा पाठ रोकने के साथ ही परिवार के लोगों को भी अंदर जाने से रोका गया. नंदी के सामने बैरिकेडिंग को हटाने और तहखाने को पूर्व की तरह व्यास परिवार के लिए खोले जाने की मांग करने के साथ ही जब तक यह मुकदमा चल रहा है, तब तक इसका मालिकाना हक जिला अधिकारी वाराणसी को सुपुर्द किए जाने की मांग इस एप्लीकेशन में की गई है.

हालांकि, इसका विरोध अंजुमन इंतजामियां लगातार कर रहा है. इसकी देख-रेख करने वाले अंजुमन इंतजामिया का कहना है कि हम किसी पर कब्जा करने की नीयत से वहां पर कार्य नहीं कर रहे हैं. क्योंकि, आदेश के मुताबिक, परिसर हमारा ही है जिस पर विवाद के तहत मामला न्यायालय में है. जो भी निर्णय होगा, वह देखा जाएगा. लेकिन, तब तक इस स्थल को जिलाधिकारी के सुपुर्द किया जाना उचित नहीं है.

फिलहाल, दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला जज इस मामले में जल्द फैसला सुनाने वाले थे. लेकिन, इसके पहले ही 1991 में लॉर्ड विश्वेश्वर मामले में वार्ड मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से एक एप्लीकेशन देते हुए इस पूरे प्रकरण में उन्हें भी वादी बनाए जाने की अपील की गई है. जिस पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है. आज भी कोर्ट में इस संदर्भ में विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी दलीलें पेश की हैं. इसके बाद इस मामले में दलीलों को सुनने के पश्चात 24 नवंबर को सुनवाई आगे बढ़ाएगा.

यह भी पढ़ें: स्वामी चिदानंद ने कहा- अयोध्या में हो रहा राष्ट्र मंदिर का निर्माण, ज्ञानवापी में फव्वारा नहीं, अब शिव धारा के दर्शन होंगे

यह भी पढ़ें: राम मंदिर के पुजारी अचार्य सत्येंद्र दास बोले- ज्ञानवापी का निर्णय भी सबूतों के आधार पर होगा

Last Updated : Nov 22, 2023, 6:15 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.