ETV Bharat / state

Varanasi में बिजली कर्मचारियों ने 36 घण्टे का किया कार्य बहिष्कार, दी ये चेतावनी - power workers protest

वाराणसी में बिजली कर्मचारियों ने बुधवार को अपनी मांगों को लेकर का कार्य बहिष्कार किया. कार्य बहिष्कार के चलते बिजली केंद्रों पर पुलिस कर्मियों को ड्यूटी करनी पड़ी.

Varanasi electricity workers
Varanasi electricity workers
author img

By

Published : Mar 16, 2023, 11:24 AM IST

वाराणसी में बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन

वाराणसीः शहर में अपनी मांगों को लेकर बुधवार को बिजली कर्मचारियों ने 36 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया. भिखारीपुर स्थित मुख्य केंद्र पर सभी कर्मचारी धरने पर बैठ गए. कर्मचारियों ने वेतन और सविंदा कर्मियों को नियमित करने के साथ ही विद्युत परिषद के गठन की मांग को लेकर नारेबाजी की. वहीं, दूसरी तरफ कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते बिजली केंद्रों पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई.

गौरतलब है कि इससे पहले भी विद्युत कर्मचारी संघ ने लगभग 100 दिन पहले हजारों कर्मचारियों के साथ आन्दोलन किया था. उस दौरान ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के आश्वासन पर इन्होंने आन्दोलन समाप्त किया था. 3 महिने बीतने के बाद भी जब सरकार ने कर्मचारियों की मांगो पर ध्यान नहीं दिया तो कमर्चारी संघ ने एक बार फिर आन्दोलन कर कार्य बहिष्कार कर दिया.

36 घंटे के कार्य बहिष्कार पर कर्मचारीः जेई अंकुर पांडेय ने कहा कि, 'हम सभी कर्मचारियों ने पहली कड़ी में 36 घण्टे का अल्टीमेटम देते हुए कार्य बहिष्कार किया है. यदि 36 घण्टे में हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तो हम 72 घण्टे का कार्य बहिष्कार करेगें. इस दौरान अगर कहीं किसी भी प्रकार की बिजली समस्या होती है तो कर्मचारी उसे नही ठीक करेंगे.

कर्मचारियों की मांगे

बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने ऊर्जा निगमों के सुचारू रूप से संचालन हेतु चेयरमैन, प्रबन्धन निदेशकों और निदेशकों के पदों पर चयन निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत करने की मांग की है. इसके साथ ही सभी बिजली कर्मियों को पूर्व की भांति 09 वर्ष, कुल 14 वर्ष और कुल 19 वर्ष की सेवा के उपरान्त 03 पदोन्नत पदों के समयबद्ध वेतनमान देने की मांग की गई है.

कर्मचारियों ने बिजली कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा की भी मांग की है. इसके साथ ही ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के निजीकरण के आदेश वापस लेने और 765/400/220 केवी बिजली उपकेन्द्रों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से चलाने का निर्णय रद्द करने की मांग भी की है.

कर्मचारियों ने अपनी मांगों में निजीकरण प्रक्रिया निरस्त करने और ऊर्जा कर्मियों की सुरक्षा हेतु पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने को कहा है. इसके अलावा सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन की मांग की गई है. केन्द्र के सार्वजनिक उपक्रमों की तरह प्रदेश के ऊर्जा निगमों में भी भत्तों का पुनरीक्षण और रियायती बिजली की सुविधा पहले की तरह जारी रखने को कहा गया है.

बिजली कर्मियों ने कई वर्षों से लंबित बोनस का भुगतान, अन्य प्रान्तों की तरह समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाने तथा भ्रष्टाचार एवं फिजूलखर्ची रोकने हेतु लगभग 25 हजार करोड़ के मीटर खरीद के आदेश रद्द करने की भी बात कही है. इसके साथ ही कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर करने की भी मांग शामिल है.

ये भी पढ़ेंः लखनऊ विश्वविद्यालय में 132 करोड़ रुपये घाटे का बजट पास

वाराणसी में बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन

वाराणसीः शहर में अपनी मांगों को लेकर बुधवार को बिजली कर्मचारियों ने 36 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया. भिखारीपुर स्थित मुख्य केंद्र पर सभी कर्मचारी धरने पर बैठ गए. कर्मचारियों ने वेतन और सविंदा कर्मियों को नियमित करने के साथ ही विद्युत परिषद के गठन की मांग को लेकर नारेबाजी की. वहीं, दूसरी तरफ कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते बिजली केंद्रों पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई.

गौरतलब है कि इससे पहले भी विद्युत कर्मचारी संघ ने लगभग 100 दिन पहले हजारों कर्मचारियों के साथ आन्दोलन किया था. उस दौरान ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के आश्वासन पर इन्होंने आन्दोलन समाप्त किया था. 3 महिने बीतने के बाद भी जब सरकार ने कर्मचारियों की मांगो पर ध्यान नहीं दिया तो कमर्चारी संघ ने एक बार फिर आन्दोलन कर कार्य बहिष्कार कर दिया.

36 घंटे के कार्य बहिष्कार पर कर्मचारीः जेई अंकुर पांडेय ने कहा कि, 'हम सभी कर्मचारियों ने पहली कड़ी में 36 घण्टे का अल्टीमेटम देते हुए कार्य बहिष्कार किया है. यदि 36 घण्टे में हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तो हम 72 घण्टे का कार्य बहिष्कार करेगें. इस दौरान अगर कहीं किसी भी प्रकार की बिजली समस्या होती है तो कर्मचारी उसे नही ठीक करेंगे.

कर्मचारियों की मांगे

बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने ऊर्जा निगमों के सुचारू रूप से संचालन हेतु चेयरमैन, प्रबन्धन निदेशकों और निदेशकों के पदों पर चयन निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत करने की मांग की है. इसके साथ ही सभी बिजली कर्मियों को पूर्व की भांति 09 वर्ष, कुल 14 वर्ष और कुल 19 वर्ष की सेवा के उपरान्त 03 पदोन्नत पदों के समयबद्ध वेतनमान देने की मांग की गई है.

कर्मचारियों ने बिजली कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा की भी मांग की है. इसके साथ ही ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के निजीकरण के आदेश वापस लेने और 765/400/220 केवी बिजली उपकेन्द्रों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से चलाने का निर्णय रद्द करने की मांग भी की है.

कर्मचारियों ने अपनी मांगों में निजीकरण प्रक्रिया निरस्त करने और ऊर्जा कर्मियों की सुरक्षा हेतु पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने को कहा है. इसके अलावा सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन की मांग की गई है. केन्द्र के सार्वजनिक उपक्रमों की तरह प्रदेश के ऊर्जा निगमों में भी भत्तों का पुनरीक्षण और रियायती बिजली की सुविधा पहले की तरह जारी रखने को कहा गया है.

बिजली कर्मियों ने कई वर्षों से लंबित बोनस का भुगतान, अन्य प्रान्तों की तरह समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाने तथा भ्रष्टाचार एवं फिजूलखर्ची रोकने हेतु लगभग 25 हजार करोड़ के मीटर खरीद के आदेश रद्द करने की भी बात कही है. इसके साथ ही कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर करने की भी मांग शामिल है.

ये भी पढ़ेंः लखनऊ विश्वविद्यालय में 132 करोड़ रुपये घाटे का बजट पास

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.