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गूगल से मिले नंबर पर भरोसाकर ठगे गए थे 6 लोग, साइबर टीम ने 16 लाख रुपये वापस कराए

वाराणसी में आनलाइन ठगी का शिकार हुए 6 लोगों को साइबर टीम ने 16 लाख रुपये की वापसी कराई है. इस पर कमिश्नर ने साइबर टीम को सम्मानित किया है.

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साइबर ठगी
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Published : Mar 17, 2022, 12:43 PM IST

वाराणसी: जनपद में कानून व्यवस्था बेहतर करने और आनलाइन ठग और साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने वाली टीम को कमिश्नर ने सम्मानित किया है. बीते जनवरी माह से अबतक साइबर सेल की टीम ने 6 शिकायतों को सुलझाकर धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों को 16 लाख रुपये से अधिक का रिफंड कराया है. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने साइबर टीम के कार्य की प्रशंसा करते हुए सभी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. बता दें कि जालसाजी के शिकार ज्यादातर लोगों ने गूगल सर्च से मिले माेबाइल नंबर पर भरोसा कर अपने रुपये गंवाए थे.

साइबर क्राइम टीम ने यह 6 केस सुलझाए

केस नंबर- 1
2 मार्च 2022 को आनलाइन धोखाधड़ी के शिकार चौक निवासी आशीष कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. आशीष ने बताया कि उसने गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो कि जालसाजों का था. जालसाजों ने उसे अपने जाल में फंसाया था. केस को सुलझाते हुए साइबर क्राइम टीम ने 8 लाख 63 हजार रुपये बचा लिए थे.

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साइबर टीम को मिला सम्मान

केस नंबर- 2
कैण्ट निवासी सुनील कुमार के साथ भी ऐसी ही घटना हुई. उसने गूगल से आईसीआईसीआई कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो कि जालसाज का था. ठग ने उसे जाल में फंसा लिया. साइबर टीम ने मामले में 54 हजार रुपये रिफंड करा लिए.

केस नंबर- 3
घौसाबाद निवासी करीम खान ने साइबर फ्राड की शिकायत दर्ज कराया. शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो जालसाज का निकला. वह उसके झांसे में आ गया और स्क्रीन शेयरिंग ऐप (एनीडेस्क) डाउनलोड कराकर ठग ने उससे धोखाधड़ी कर ली. साइबर टीम ने इस मामले में 50 हजार रूपये को रिफंड करा लिए.

केस नंबर- 4
चौकाघाट निवासी ओमप्रकाश पुत्र जोखन ने साइबर सेल में को अपले साथ हुए फ्राॅड की शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नम्बर निकालने पर वह ठग का शिकार हो गया. साइबर टीम ने पीड़ित को 49 हजार रूपये को रिफंड कराए.

केस नंबर- 5
सुन्दरपुर निवासी आकाश विश्वकर्मा भी साइबर फ्राॅड का शिकार हो गए. उन्होंने बताया कि क्रेडिट कार्ड अपडेट कराने के लिए एक फोन आया था. फोन करने वाला खुद को एसबीआई का कर्मचारी बता रहा था. उसकी बातों में आकर आकाश ओटीपी बता दिया. जिसके बाद वह ठगी का शिकार हो गया. इस मामले में साइबर टीम ने 45 हजार 531 रुपये रिफंड कराए.

केस नंबर- 6
प्रवेश कुमार पाण्डेय पुत्र राजनाथ पाण्डेय निवासी अर्दली बाजार ने साइबर सेल से फ्राॅड होने की शिकायत की थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि गूगल से आरबीएल बैंक कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो ठग का था और वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया. ठग ने उससे 1 लाख 2 हजार रुपये की धोखाधड़ी की. शिकायत के बाद रुपये का ट्रांसफर रुकवाया गया. साइबर टीम ने 60 हजार रुपये रिफंड करा दिए, जबकि शेष राशि रिफंड कराने की कार्यवाही चल रही है.

साइबर फ्राॅड से खुद को ऐसे बचाएं

1. बैंक सम्बन्धित संवेदनशील जानकारी जैसे ओटीपी, पिन, सीवीवी आदि किसी के साथ साझा नहीं करें.

2. अपने मोबाइल फोन में किसी के कहने पर स्क्रीन शेयरिंग ऐप जैसे कि Any Desk Quick Support, Team Viewer आदि इंस्टॉल नहीं करें.

3. गूगल सर्च पर कस्टमर केयर के नाम से उपलब्ध नम्बरों पर बिना जांचे-परखे विश्वास नहीं करें.

4. लोन केवल विश्वसनीय बैंक/आर्थिक संस्थान आदि से ही प्राप्त करें.

5. क्रेडिट कार्ड एक्टीवेशन/ ब्लॉक/ केवाईसी के नाम पर किसी भी व्यक्ति को बैंक सम्बन्धित संवेदनशील जानकारी उपलब्ध कराने से बचें.

6. OLX /Quikr /Facebook (Meta) आदि वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्रियों का भौतिक सत्यापन व सघन जांच करने के बाद ही भुगतान करें.

7- साइबर फ्राॅड होने पर तत्काल 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराएं. कमिश्नरेट वाराणसी से सम्बन्धित हो तो साइबर सेल के नम्बर 7839856954 पर संपर्क करें.

यह भी पढ़ें- बेरहम मां की हैवानियत, नवजात के साथ किया ऐसा कि जानकर आपकी रूह कांप जाएगी

पुरस्कृत होने वाले पुलिस अधिकारी/कर्मचारी

निरीक्षक अंजनी कुमार पाण्डेय प्रभारी सर्विलांस/ साइबर सेल, नि. शांतनु सिंह, साइबर सेल, कम्प्यूटर आपरेटर परवेज अख्तर, साइबर सेल, आरक्षी सुनील कुमार, साइबर सेल, आरक्षी मनीष कुमार वर्मा, साइबर सेल, आरक्षी अखिलेश सोनकर, साइबर सेल,आरक्षी आदर्श आनन्द सिंह, साइबर सेल, आरक्षी विराट सिंह, साइबर सेल, कमिश्नरेट वाराणसी हैं.

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वाराणसी: जनपद में कानून व्यवस्था बेहतर करने और आनलाइन ठग और साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने वाली टीम को कमिश्नर ने सम्मानित किया है. बीते जनवरी माह से अबतक साइबर सेल की टीम ने 6 शिकायतों को सुलझाकर धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों को 16 लाख रुपये से अधिक का रिफंड कराया है. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने साइबर टीम के कार्य की प्रशंसा करते हुए सभी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. बता दें कि जालसाजी के शिकार ज्यादातर लोगों ने गूगल सर्च से मिले माेबाइल नंबर पर भरोसा कर अपने रुपये गंवाए थे.

साइबर क्राइम टीम ने यह 6 केस सुलझाए

केस नंबर- 1
2 मार्च 2022 को आनलाइन धोखाधड़ी के शिकार चौक निवासी आशीष कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. आशीष ने बताया कि उसने गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो कि जालसाजों का था. जालसाजों ने उसे अपने जाल में फंसाया था. केस को सुलझाते हुए साइबर क्राइम टीम ने 8 लाख 63 हजार रुपये बचा लिए थे.

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साइबर टीम को मिला सम्मान

केस नंबर- 2
कैण्ट निवासी सुनील कुमार के साथ भी ऐसी ही घटना हुई. उसने गूगल से आईसीआईसीआई कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो कि जालसाज का था. ठग ने उसे जाल में फंसा लिया. साइबर टीम ने मामले में 54 हजार रुपये रिफंड करा लिए.

केस नंबर- 3
घौसाबाद निवासी करीम खान ने साइबर फ्राड की शिकायत दर्ज कराया. शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो जालसाज का निकला. वह उसके झांसे में आ गया और स्क्रीन शेयरिंग ऐप (एनीडेस्क) डाउनलोड कराकर ठग ने उससे धोखाधड़ी कर ली. साइबर टीम ने इस मामले में 50 हजार रूपये को रिफंड करा लिए.

केस नंबर- 4
चौकाघाट निवासी ओमप्रकाश पुत्र जोखन ने साइबर सेल में को अपले साथ हुए फ्राॅड की शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि गूगल से एसबीआई कस्टमर केयर नम्बर निकालने पर वह ठग का शिकार हो गया. साइबर टीम ने पीड़ित को 49 हजार रूपये को रिफंड कराए.

केस नंबर- 5
सुन्दरपुर निवासी आकाश विश्वकर्मा भी साइबर फ्राॅड का शिकार हो गए. उन्होंने बताया कि क्रेडिट कार्ड अपडेट कराने के लिए एक फोन आया था. फोन करने वाला खुद को एसबीआई का कर्मचारी बता रहा था. उसकी बातों में आकर आकाश ओटीपी बता दिया. जिसके बाद वह ठगी का शिकार हो गया. इस मामले में साइबर टीम ने 45 हजार 531 रुपये रिफंड कराए.

केस नंबर- 6
प्रवेश कुमार पाण्डेय पुत्र राजनाथ पाण्डेय निवासी अर्दली बाजार ने साइबर सेल से फ्राॅड होने की शिकायत की थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि गूगल से आरबीएल बैंक कस्टमर केयर नम्बर निकाला जो ठग का था और वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया. ठग ने उससे 1 लाख 2 हजार रुपये की धोखाधड़ी की. शिकायत के बाद रुपये का ट्रांसफर रुकवाया गया. साइबर टीम ने 60 हजार रुपये रिफंड करा दिए, जबकि शेष राशि रिफंड कराने की कार्यवाही चल रही है.

साइबर फ्राॅड से खुद को ऐसे बचाएं

1. बैंक सम्बन्धित संवेदनशील जानकारी जैसे ओटीपी, पिन, सीवीवी आदि किसी के साथ साझा नहीं करें.

2. अपने मोबाइल फोन में किसी के कहने पर स्क्रीन शेयरिंग ऐप जैसे कि Any Desk Quick Support, Team Viewer आदि इंस्टॉल नहीं करें.

3. गूगल सर्च पर कस्टमर केयर के नाम से उपलब्ध नम्बरों पर बिना जांचे-परखे विश्वास नहीं करें.

4. लोन केवल विश्वसनीय बैंक/आर्थिक संस्थान आदि से ही प्राप्त करें.

5. क्रेडिट कार्ड एक्टीवेशन/ ब्लॉक/ केवाईसी के नाम पर किसी भी व्यक्ति को बैंक सम्बन्धित संवेदनशील जानकारी उपलब्ध कराने से बचें.

6. OLX /Quikr /Facebook (Meta) आदि वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्रियों का भौतिक सत्यापन व सघन जांच करने के बाद ही भुगतान करें.

7- साइबर फ्राॅड होने पर तत्काल 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराएं. कमिश्नरेट वाराणसी से सम्बन्धित हो तो साइबर सेल के नम्बर 7839856954 पर संपर्क करें.

यह भी पढ़ें- बेरहम मां की हैवानियत, नवजात के साथ किया ऐसा कि जानकर आपकी रूह कांप जाएगी

पुरस्कृत होने वाले पुलिस अधिकारी/कर्मचारी

निरीक्षक अंजनी कुमार पाण्डेय प्रभारी सर्विलांस/ साइबर सेल, नि. शांतनु सिंह, साइबर सेल, कम्प्यूटर आपरेटर परवेज अख्तर, साइबर सेल, आरक्षी सुनील कुमार, साइबर सेल, आरक्षी मनीष कुमार वर्मा, साइबर सेल, आरक्षी अखिलेश सोनकर, साइबर सेल,आरक्षी आदर्श आनन्द सिंह, साइबर सेल, आरक्षी विराट सिंह, साइबर सेल, कमिश्नरेट वाराणसी हैं.

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