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रूंगटा मामले में मुख्तार अंसारी की सजा पर वाराणसी कोर्ट ने लगाई रोक

रूंगटा मामले में मुख्तार अंसारी की सजा पर वाराणसी कोर्ट ने रोक लगा दी है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 17, 2024, 6:52 AM IST

वाराणसीः पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को वाराणसी की जिला जज की कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने जिला जज की अदालत में रुंगटा प्रकरण में धमकी के मामले में मुख़्तार को मिली के सजा के खिलाफ अपील दाखिल की. वहीं, प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने अपील सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए सजा पर रोक लगाते हुए विपक्षी को नोटिस जारी की है. वहीं, कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तिथि नियत की है. वहीं, अदालत ने सजा के खिलाफ दाखिल अपील के संबंध में वादी को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.


वहीं, आपको बता दें कि बीते 15 दिसंबर को एसीजेएम प्रथम /एमपी एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने इस मामले में आरोपी पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी. साथ ही कोर्ट ने अर्थ दंड भी लगाया था.इस आदेश के खिलाफ आरोपी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने सत्र न्यायालय में अपील दाखिल की।

वहीं प्रकरण के अनुसार नंद किशोर रूंगटा के अपहरण के बाद उसके परिवार वाले को बम में उड़ाने की धमकी दी गई थी. इसके बाद महावीर प्रसाद रूंगटा ने पांच नवंबर 1997 को बम से उड़ाने की धमकी के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने विवेचना के बाद धमकी के मामले में मुख्तार के खिलाफ उसी समय आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.

वहीं, कोर्ट में एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नितेश सिन्हा की अदालत ने सार्वजनिक रास्ते को जबरन कब्जा करने की नियत से अवरुद्ध करने और विरोध पर मारपीट, गालीगलौज व जान से मारने की धमकी देने के मामले में राजातालाब थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है. वहीं, प्रकरण के अनुसार मातलदेई, राजातालाब निवासी वादी वृंदा ने अपने अधिवक्ता बंटी खान व रागिनी सिंह के माध्यम से अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. प्रार्थना पत्र में आरोप है कि वादी ने मौजा मातलदेई में स्थित आराजी नम्बर 65 ख/2 की जमीन जगदीश उपाध्याय से क्रय किया है. उक्त जमीन के अतिरिक्त प्लाट काट करके 12 फीट चौड़ा रास्ता वर्ष 1999 में प्रार्थी तथा प्रार्थी के भाई द्वारा स्थापित किया गया था उक्त रास्ता का हवाला रजिस्ट्री के पेपर में भी पश्चिम तरफ 12 फीट का रास्ता दर्शाया गया है. जिसका उपयोग प्रार्थी तथा आसपास के रहने वाले शान्तिपूर्वक ढंग से कर रहे थे इसके बाद विपक्षी जगदीश उपाध्याय अन्य कई लोगों को अपना सम्पूर्ण प्लाट विक्रय किया और सभी लोगों के रजिस्ट्री में पश्चिम तरफ 12 फीट चौड़ा रास्ता प्रदर्शित किया गया है.

इस बीच विपक्षी की नियत खराब हो गयी तथा अक्सर 4-6 अज्ञात लोगों को साथ लेकर नाजायज ढंग से उपरोक्त रास्ते में अवरोध उत्पन्न करते हैं.जिसका सहयोग अन्य करते हैं. इसी क्रम में 13 जनवरी 2023 को उक्त सार्वजनिक रास्ता को विपक्षी जगदीश उपाध्याय ने लालती देवी पत्नी जवाहिर के हक में रजिस्ट्री कर दी तथा जबरदस्ती गैर कानूनी तरीके से सामूहिक रास्ता में अवरोध उत्पन्न करने लगे. वहीं रास्ता को ईंट की दीवार बनवाकर बंद करने लगे. इस पर जब वादी व आसपास के लोगों ने इसका विरोध किया तो जगदीश उपाध्याय, कृपाशंकर त्रिपाठी, जवाहिर, लालती देवी, मुरारी शंकर व गिरजाशंकर उनलोगों को भद्दी-भद्दी गालियां देते हुये जान से मारने की धमकी देने लगे.इसकी शिकायत पुलिस से करने पर जब कोई कार्यवाही न हुई तो वादी ने अदालत की शरण ली.

वाराणसीः पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को वाराणसी की जिला जज की कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने जिला जज की अदालत में रुंगटा प्रकरण में धमकी के मामले में मुख़्तार को मिली के सजा के खिलाफ अपील दाखिल की. वहीं, प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने अपील सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए सजा पर रोक लगाते हुए विपक्षी को नोटिस जारी की है. वहीं, कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तिथि नियत की है. वहीं, अदालत ने सजा के खिलाफ दाखिल अपील के संबंध में वादी को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.


वहीं, आपको बता दें कि बीते 15 दिसंबर को एसीजेएम प्रथम /एमपी एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने इस मामले में आरोपी पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी. साथ ही कोर्ट ने अर्थ दंड भी लगाया था.इस आदेश के खिलाफ आरोपी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने सत्र न्यायालय में अपील दाखिल की।

वहीं प्रकरण के अनुसार नंद किशोर रूंगटा के अपहरण के बाद उसके परिवार वाले को बम में उड़ाने की धमकी दी गई थी. इसके बाद महावीर प्रसाद रूंगटा ने पांच नवंबर 1997 को बम से उड़ाने की धमकी के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने विवेचना के बाद धमकी के मामले में मुख्तार के खिलाफ उसी समय आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.

वहीं, कोर्ट में एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नितेश सिन्हा की अदालत ने सार्वजनिक रास्ते को जबरन कब्जा करने की नियत से अवरुद्ध करने और विरोध पर मारपीट, गालीगलौज व जान से मारने की धमकी देने के मामले में राजातालाब थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है. वहीं, प्रकरण के अनुसार मातलदेई, राजातालाब निवासी वादी वृंदा ने अपने अधिवक्ता बंटी खान व रागिनी सिंह के माध्यम से अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. प्रार्थना पत्र में आरोप है कि वादी ने मौजा मातलदेई में स्थित आराजी नम्बर 65 ख/2 की जमीन जगदीश उपाध्याय से क्रय किया है. उक्त जमीन के अतिरिक्त प्लाट काट करके 12 फीट चौड़ा रास्ता वर्ष 1999 में प्रार्थी तथा प्रार्थी के भाई द्वारा स्थापित किया गया था उक्त रास्ता का हवाला रजिस्ट्री के पेपर में भी पश्चिम तरफ 12 फीट का रास्ता दर्शाया गया है. जिसका उपयोग प्रार्थी तथा आसपास के रहने वाले शान्तिपूर्वक ढंग से कर रहे थे इसके बाद विपक्षी जगदीश उपाध्याय अन्य कई लोगों को अपना सम्पूर्ण प्लाट विक्रय किया और सभी लोगों के रजिस्ट्री में पश्चिम तरफ 12 फीट चौड़ा रास्ता प्रदर्शित किया गया है.

इस बीच विपक्षी की नियत खराब हो गयी तथा अक्सर 4-6 अज्ञात लोगों को साथ लेकर नाजायज ढंग से उपरोक्त रास्ते में अवरोध उत्पन्न करते हैं.जिसका सहयोग अन्य करते हैं. इसी क्रम में 13 जनवरी 2023 को उक्त सार्वजनिक रास्ता को विपक्षी जगदीश उपाध्याय ने लालती देवी पत्नी जवाहिर के हक में रजिस्ट्री कर दी तथा जबरदस्ती गैर कानूनी तरीके से सामूहिक रास्ता में अवरोध उत्पन्न करने लगे. वहीं रास्ता को ईंट की दीवार बनवाकर बंद करने लगे. इस पर जब वादी व आसपास के लोगों ने इसका विरोध किया तो जगदीश उपाध्याय, कृपाशंकर त्रिपाठी, जवाहिर, लालती देवी, मुरारी शंकर व गिरजाशंकर उनलोगों को भद्दी-भद्दी गालियां देते हुये जान से मारने की धमकी देने लगे.इसकी शिकायत पुलिस से करने पर जब कोई कार्यवाही न हुई तो वादी ने अदालत की शरण ली.

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