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सावन में काशी विश्वनाथ के दर्शन से पहले पढ़ें ये खबर...

सावन (Sawan-2021) के पवित्र महीने को लेकर भगवान शिव की नगरी काशी में तैयारियां शुरू हो गई है. जिसे लेकर शनिवार को वाराणसी कमिश्नर दीपक (Varanasi Commissioner Deepak Aggarwal) अग्रवाल ने शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) ने बैठक की.

Kashi Vishwanath Temple
Kashi Vishwanath Temple
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Published : Jul 18, 2021, 9:43 AM IST

वाराणसी : भगवान शिव का पवित्र महीना सावन (Sawan-2021) 25 जुलाई से शुरू होने वाला है. ऐसे में देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में सावन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. जिसे लेकर वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल (Varanasi Commissioner Deepak Aggarwal) ने शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) परिसर में मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा के अलावा पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि सावन के हर सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन नहीं होंगे बल्कि सिर्फ झांकी दर्शन की व्यवस्था की जाएगी. भक्तों को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा. श्रद्धालु बाहर से ही बाबा का दर्शन कर, वहां लगाए गए विशेष पात्र में जल या दूध अर्पित कर सकेंगे.

इसके साथ ही बैठक के दौरान मंडलायुक्त ने यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पेयजल सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी गहन चर्चा की. मंडलायुक्त ने कहा कि सावन से पहले सभी गलियों की मरम्मत करके श्रद्धालुओं के आवागमन हेतु इसे पूरी तरह से तैयार किया जाए. उन्होंने मंदिर परिसर में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के अलग-अलग रास्ते निर्धारित करने का निर्देश दिया. इसके अलावा मंडालायुक्त ने गर्मी को देखते हुए पेयजल और साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए हैं. साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं के आवागमन को देखते हुए परिसर के मार्गों को ठीक करने और इधर-उधर फैली काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य की सामग्रियों को एक स्थान पर रखने के निर्देश दिए.

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि मैदागिन से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 छत्ता द्वार से होते हुए मंदिर चौक भेजा जाएगा. इसके बाद मंदिर परिसर के गेट नंबर 1 से प्रवेश देकर गर्भ गृह के पूर्वी प्रवेश द्वार पर जल चढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी. वहीं ढूंढीराज गली बांसफाटक से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के गेट नंबर डी से प्रवेश देकर गर्भगृह के पीछे वाले द्वार से जल चढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी. सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गर्भगृह के दक्षिणी द्वार और वीआईपी, वीवीआईपी के अलावा सुगम दर्शन के टिकट धारियों को गेट सी से प्रवेश कराकर गर्भ गृह के उत्तरी द्वार से दर्शन कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी सोमवार को झांकी दर्शन की व्यवस्था रहेगी.

वाराणसी : भगवान शिव का पवित्र महीना सावन (Sawan-2021) 25 जुलाई से शुरू होने वाला है. ऐसे में देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में सावन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. जिसे लेकर वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल (Varanasi Commissioner Deepak Aggarwal) ने शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) परिसर में मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा के अलावा पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि सावन के हर सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन नहीं होंगे बल्कि सिर्फ झांकी दर्शन की व्यवस्था की जाएगी. भक्तों को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा. श्रद्धालु बाहर से ही बाबा का दर्शन कर, वहां लगाए गए विशेष पात्र में जल या दूध अर्पित कर सकेंगे.

इसके साथ ही बैठक के दौरान मंडलायुक्त ने यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पेयजल सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी गहन चर्चा की. मंडलायुक्त ने कहा कि सावन से पहले सभी गलियों की मरम्मत करके श्रद्धालुओं के आवागमन हेतु इसे पूरी तरह से तैयार किया जाए. उन्होंने मंदिर परिसर में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के अलग-अलग रास्ते निर्धारित करने का निर्देश दिया. इसके अलावा मंडालायुक्त ने गर्मी को देखते हुए पेयजल और साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए हैं. साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं के आवागमन को देखते हुए परिसर के मार्गों को ठीक करने और इधर-उधर फैली काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य की सामग्रियों को एक स्थान पर रखने के निर्देश दिए.

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि मैदागिन से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 छत्ता द्वार से होते हुए मंदिर चौक भेजा जाएगा. इसके बाद मंदिर परिसर के गेट नंबर 1 से प्रवेश देकर गर्भ गृह के पूर्वी प्रवेश द्वार पर जल चढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी. वहीं ढूंढीराज गली बांसफाटक से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के गेट नंबर डी से प्रवेश देकर गर्भगृह के पीछे वाले द्वार से जल चढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी. सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गर्भगृह के दक्षिणी द्वार और वीआईपी, वीवीआईपी के अलावा सुगम दर्शन के टिकट धारियों को गेट सी से प्रवेश कराकर गर्भ गृह के उत्तरी द्वार से दर्शन कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी सोमवार को झांकी दर्शन की व्यवस्था रहेगी.

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