वाराणसी : कोरोना महामारी ने बच्चों की शिक्षा पर गहरा असर डाला है. हालांकि इसके लिए सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग ने भी तमाम प्रयास किए. मगर इसके बावजूद बच्चे सुचारू ढंग से पढ़ नहीं पा रहे हैं. इन समस्याओं को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग 1.96 लाख विद्यार्थियों को लगातार दूसरे साल भी बिना परीक्षा के प्रोन्नत करने पर मंथन कर रहा है.
विद्यार्थियों को किया जाएगा प्रोन्नत
जी हां विभाग बिना परीक्षा के बच्चों को पास करने पर विचार कर रहा है. शैक्षिक सत्र 2019-20 में भी कोरोना संक्रमण के चलते सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रवेश दिया गया था. इसके साथ ही शिक्षण सत्र 2020-21 में भी कोरोना संक्रमण के चलते नियमित कक्षाओं का संचालन नहीं हो पा रहा है. जिसको देखते हुए विभाग बच्चों को प्रोन्नत करने पर विचार किया जा रहा है.
नहीं हो पा रही पढ़ाई
राइट-टू-एजुकेशन के तहत कक्षा 8 तक के बच्चों को अनुत्तीर्ण करने का प्रावधान नहीं है. ऐसे में विभाग आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने पर मंथन कर रहा है. क्योंकि परिषदीय विद्यालयों में चलने वाली ऑनलाइन कक्षाओं में 10 प्रतिशत से भी कम बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. जिसकी वजह से पढ़ाई में वह अनवरतता दिखाई नहीं दे रही है. इसके साथ ही मोहल्ला पाठशाला में भी 60 से 70 प्रतिशत बच्चे यह शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं. अभी भी एक आबादी शिक्षा से दूर दिखाई दे रही है.
आंतरिक मूल्यांकन पर होगी प्रोन्नति
इस बाबत बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. लेकिन समय-समय पर उनका मूल्यांकन किया जा रहा है. मिशन प्रेरणा के तहत बच्चों की प्रेरणा लक्ष्य परीक्षाएं भी कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि इस साल यदि विद्यालय नहीं खुले तो परीक्षा कराना संभव नहीं होगा. ऐसे में विभाग मंथन कर रहा है कि पिछले साल की तरह आंतरिक मूल्यांकन पर बिना परीक्षा के बच्चों को प्रोन्नत कर दिया जाए. शासन द्वारा इस बाबत जो गाइडलाइन मिलेगी उसका पालन विभाग द्वारा किया जाएगा.