वाराणसी: भेलूपुर थाना क्षेत्र के शंकुलधारा पोखरे के पास कार की डिग्गी से 92.94 लाख रुपये बरामद हुए थे. इस मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद भेलूपुर थाना प्रभारी निरीक्षक रमाकांत दुबे सहित 7 पुलिसकर्मियों को वाराणसी अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) संतोष सिंह ने शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया.
बता दें कि बैजनत्था स्थित शंकराचार्य कॉलोनी स्थित गुजरात की एक फर्म के कार्यालय में घुसकर उसके कर्मचारी से एक करोड़ 40 लाख रुपये की लूट की गई थी. इस मामले में सारनाथ के अजीत मिश्रा सहित 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ विक्रम सिंह ने लूट का मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं, इस लूट के पूरे प्रकरण में पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध थी. इसकी जांच डीसीपी काशी जोन को सौंपी गई थी. उनकी रिपोर्ट में सामने आया कि बीते 29 मई को एक कार की डिग्गी से 92 लाख 94 हजार 600 रुपये मिले थे. लेकिन, जांच की तो कहानी कुछ और सामने आई. डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि पूरे प्रकरण में निलंबित इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे के अलावा तीन दारोगा और तीन सिपाही शामिल रहे हैं. पुलिस ने जिस कार से रुपये बरामद किए थे, उस कार के मालिक को गिरफ्तार कर लिया था. वह कार आजमगढ़ निवासी सच्चिदानंद उर्फ मंटू राय की पत्नी निधि राय के नाम रजिस्टर्ड है.
वाराणसी कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बीते 29 मई को बैजनत्था के व्यापारी से एक करोड़ 40 लाख लूट का केस दर्ज है. जांच में पैसे को लेकर मारपीट का मामला सामने आया था. लेन-देन के मामले के विवाद की सूचना पर भेलूपुर पुलिस पहुंची थी. इंस्पेक्टर भेलूपुर और अन्य पुलिसकर्मियों ने दो दिनों तक मामले को अपने स्तर से दबाने का प्रयास किया. अधिकारियों के आदेश के बाद भी पैसे किसके हैं, भेलूपुर पुलिस इसका पता नहीं लगा सकी. उन्होंने जांच रिपोर्ट शुक्रवार को वाराणसी अपर पुलिस आयुक्त को सौंपी. डीसीपी काशी जोन की जांच रिपोर्ट में इन पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पाई गई. इसके बाद वाराणसी अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने भेलूपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, एसआई सुशील कुमार, एसआई महेश कुमार, एसआई उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय, शिवचंद्र को पहले बर्खास्त कर दिया.
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