वाराणसी: काशी में 6वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है. काशी में तीन दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने किया. इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक प्रकाश झा के साथ कई दिग्गज अभिनेता और फिल्म निर्देशक शामिल हुए. अभिनेत्री मधुरिमा तुली भी इस कार्यक्रम में नजर आईं. इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में फिल्म मेकिंग और फिल्मी कलाकारों के लिए बेहतर वातावरण होने की बात कही. वहीं, इस फेस्टिवल से पाकिस्तानी शॉर्ट मूवी को हटा दिया गया. फिल्म में ट्रांसजेंडर्स के लिए विवादित कंटेंट होने के कारण ये फैसला लिया गया.
फिल्म फिस्टिवल की शुरुआत: वाराणसी के कचहरी स्थिति कमिश्नरी ऑडोटोरियम में फिल्म फिस्टिवल की शुरुआत हुई. इस फिल्म फेस्टिवल में 44 देशों की 94 फिल्मों को प्रदर्शित किया जा रहा है. इस फेस्टिवल का उद्घाटन आज शुक्रवार को सुबह 10 बजे हुआ. इस दौरान भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया, 'उत्तर प्रदेश में फिल्म मेकिंग के लिए पहाड़, नदी, धार्मिक स्थान सब मौजूद हैं. फिल्में बनाने के लिए उत्तर प्रदेश एक बेहतर स्थान है. इस दौरान प्रकाश झा समेत तमाम दिग्गजों ने अपनी बातें रखीं. इसके साथ ही इन सभी ने उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माण की प्रक्रिया और उसकी संभावनाओं को लेकर भी अपनी बातें मीडिया के सामने रखीं.
उत्तर प्रदेश फिल्म फ्रेंडली हो गया है: बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक और एक्टर प्रकाश झा ने भी मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, 'फिल्म फेस्टिवल उतना ही कारगर होगा जितनी की फिल्में होती हैं. फिल्में संवाद करती हैं. फेस्टिवल के जरिए वह संवाद पूरा होता है. बहुत अच्छी बात है कि यह बनारस में हो रहा है. यहां पर शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल हो रहा है. यहां पर और भी बहुत से फेस्टिवल का आयोजन किया जाना चाहिए. उत्तर प्रदेश फिल्म फ्रेंडली हो गया है. आजकल बहुत सारी फिल्मों की शूटिंग यहां पर हो रही है. मैंने भी लगातार प्रयागराज, लखनऊ में फिल्मों की शूटिंग की है. मुझे लगता है कि यूपी में फिल्मों के प्रति वातावरण और रुझान अच्छा हो रहा है.'
फिल्मों में ही देखे थे बनारस के घाट और मंदिर: एक्टर प्रकाश झा ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश में फिल्म की शूटिंग करने का मेरा अपना अनुभव बहुत ही अच्छा रहा. मैंने लगातार यहां पर काम किया है. सांड की आंख, मट्टो की साइकिल की शूटिंग यूपी में ही हुई थी. मैंने अयोध्या में शूटिंग की थी. इसके साथ ही प्रयागराज, लखनऊ में शूटिंग की. मेरा यहां पर काम करने का बहुत ही अच्छा अनुभव रहा है. अभिनेत्री मधुरिमा तुली ने कहा, 'मैं बनारस पहली आई हूं. मुझे बहुत खुशी हो रही. मेरा इस फेस्टिवल में आने का कारण ही बनारस है. मैं बहुत पहले से यहां आना चाहती थी. फिल्मों में खूबसूरत काशी विश्वनाथ जी का मंदिर देखा है. गंगा नदी, बोट, घाट सब फिल्मों में देखा हुआ है. फाइनली अब जाकर यहां से देखने का मौका मिलेगा.'
इसे भी पढ़े-काशी फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन परिचर्चा का आयोजन, शामिल हुईं फिल्मी हस्तियां
यूपी फिल्म निर्माण के लिए बेहतरीन स्थल: पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश फिल्म प्रोडक्शन के लिए सभी सुविधाओं से और सभी संसाधनों से युक्त है. वे चाहे सांस्कृतिक हों, प्राकृतिक हों हर चीज से युक्त है. यहां पहाड़ भी है, नदियां हैं, धार्मिक के साथ ही साथ सांस्कृतिक स्थल भी हैं. फिल्म के निर्माण के लिए सबसे बेहतरीन स्थल है. उत्तर प्रदेश फिल्म निर्माण का हब साबित हो सकता है.' उन्होंने विवादित फिल्मों के लेकर कहा, 'कुछ लोगों की आदत है कि वह विवादित चीजों की अपने हिसाब से मार्केटिंग करते हैं. हमें उन फिल्मों को भी देखना चाहिए जो अच्छी हैं और संदेश के साथ हैं. समाज में प्रदूषण पैदा करने वाली फिल्में नहीं बननी चाहिए.'
फेस्टिवल में आ रही हैं कमाल की फिल्में: अभिनेत्री मधुरिमा ने कहा, 'वाराणसी में अन्तरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल हो रहा है. यह बहुत बड़ी बात है. यह कल्चर और टूरिज्म के ऊपर है. हमने अभी जितनी फिल्में देखीं, वह बहुत कमाल की हैं. मुझे उम्मीद है कि आगे जो फिल्में आएंगी वह भी कमाल की होंगी. मैं सारी फिल्में देखने के लिए बहुत ही ज्यादा उत्साहित हूं.' उन्होंने पाकिस्तान की फिल्म निकाले जाने को लेकर कहा, 'कुछ वजहें रही होंगी, जिसकी वजह से फिल्म निकाली गई होंगी. आंतरिक मामले क्या हैं, हम उस पर अधिक नहीं बोल सकते हैं. उसे हम सरकार पर ही छोड़ देते हैं, क्योंकि सरकार को ही इस बारे में ज्यादा पता होगा.'
पाकिस्तानी फिल्म में ट्रांसजेंडर्स के लिए थी घृणा: इंडियन इंफोटेन्मेंट मीडिया कॉरपोरेशन के चेयरमैन देवेंद्र खंडेलवाल ने बताया, 'इस समारोह की शुरुआत बहुत ही शानदार तरीके से हुई है. मुख्तार अब्बास नकवी भी आए थे. उन्होंने कला और संस्कृति के लिए बहुत काम किया है. जब वे मंत्री थे तो उस समय उन्होंने लघु फिल्मों को आगे बढ़ाने के लिए बहुत काम किया था. हमारी ज्यूरी के मेंबर्स भी आ गए हैं.' उन्होंने पाकिस्तान की फिल्म हटाए जाने को लेकर कहा, 'वह फिल्म हमारे कारण नहीं हटाई गई है. उसे हमारी ज्यूरी ने हटाया है. उस फिल्म में जेनरेशन गैप और ट्रांसजेंडर्स के बारे में कुछ बातें थीं जोकि हमारे समाज के लिए स्वीकार करने योग्य नहीं थीं. उनको घृणा की दृष्टि से पाकिस्तान में देखा जाता है. हमारे यहां ऐसा नहीं है.'
यह भी पढ़े-अब संयुक्त अरब अमीरात के बाजार में खुशबू बिखेरेगा वाराणसी का गेंदा फूल