वाराणसी : मंगलवार का दिन 39 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र के लिए खास था. पासिंग आउट परेड में कदम से कदम मिलाते हुए 114 अग्निवीरों ने अंतिम पग पार किया और गोरखा राइफल्स का हिस्सा बने. परेड की सलामी कमान्डेंट 39 जीटीसी ब्रिगेडियर राजीव नाग्याल ने ली. परेड के दौरान अग्निवीरों के माता-पिता भी वहां मौजूद रहे. गौरवपूर्ण क्षण का साक्षी बनने की खुशी उनके चेहरे पर साफ दिखाई दी.
31 सप्ताह की ट्रेनिंग के बाद बने अनुशासित सैनिक: 31 सप्ताह की बेसिक और एडवांस मिलिट्री ट्रेनिंग के पश्चात् इन अग्निवीरों का एक सामान्य युवा से अनुशासित सैनिक के रूप में उद्भव हुआ. यह पासिंग आउट परेड 39 जीटीसी में दी जाने वाली कठिन प्रशिक्षण का नतीजा है. जिसकी बदौलत इन युवाओं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत बनाकर देश सेवा के लिए तैयार किया गया. कमान्डेंट 39 जीटीसी ने प्रथम बैच के नौजवान अग्निवीरों को उनके कठिन परिश्रम एवं शानदार प्रदर्शन पर शुभकामनाएं देते हुए प्रोत्साहित किया .
सैनिकों के माता-पिता हुए सम्मानित : कमान्डेंट 39 जीटीसी ने अपने संबोधन में ट्रेनिंग के महत्व को बताया. अग्निवीरों को अपने देश एवं वर्दी पर गर्व करने के लिए कहा. पासिंग आउट परेड में मौजूद अग्निवीरों के माता-पिता के लिए यह भावुक कर देने वाला पल था. अग्निवीरों के भारतीय सेना का हिस्सा बनते ही उनके चेहरे से खुशी झलकने लगी. इस समारोह का समापन सैनिकों के माता-पिता को "गौरव पदक" प्रदान कर किया गया. यह पदक देश के प्रति उनके त्याग और समर्पण का प्रतीक है. उन्होंने अग्निवीरों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं.
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