वाराणसीः प्रदेश के सरकारी स्कूलों की कक्षा 6, 7, 8 की कक्षाओं में अब स्वच्छता की पाठशाला लगेगी. स्वच्छता की पाठशाला में जहां इसकी बारीकियां बताई जाएंगी, वहीं इन स्कूलों में बाकायदा एक हाइजीन कॉर्नर भी बनाया जाएगा. खास बात यह है कि इन क्लास और कॉर्नर के साथ ही बच्चियों को पर्सनल हाइजीन के बारे में समझाने के लिए भी विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा. मासिक धर्म और अन्य शारीरिक समस्याओं के समय बच्चियों को किस तरीके से अपना हाइजीन मेंटेन करना है. इसकी जानकारी भी दी जाएगी.
प्रदेश सरकार इस समय सभी परिषदीय स्कूलों की स्थिति सुधारने में लगी हुई है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए अधिकारियों को आदेश भी जारी कर दिया है. स्कूलों के खुलने के साथ ही वहां पर स्वच्छता और खाने-पीने की चीजों की जांच होगी. इसके साथ ही कमरों की साफ-सफाई सुनिश्चित करने का आदेश है. वहीं, दूसरी ओर स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हाइजीन की शिक्षा देने का प्लान है. उन्हें इसके लिए कक्षाएं लगाकर बताया जाएगा. विद्यालय में बच्चियों को शरीर में होने वाले बदलाव के बारे में भी शिक्षा दी जाएगी.
सभी स्कूलों में हैंडवाशिंग यूनिट स्थापित: इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद पाठक ने बताया कि बच्चों के हाइजीन पर बहुत पहले से ही ध्यान दिया जा रहा है. इस संबंध में हम लोगों ने लगभग सभी स्कूलों में हैंडवाशिंग यूनिट स्थापित की हैं. समय-समय पर प्लान भी चलाते रहते हैं. शिक्षक भी हाइजीन को लेकर बच्चों को बताते रहते हैं. गर्ल्स हाइजीन के लिए भी हम लोग काम कर रहे हैं. कक्षा 6, 7, 8 की बच्चियों के लिए सैनेटरी नैपकीन वगैरह सीएमओ ऑफिस से हमें मिलता है.
हाइजीन के लिए बच्चियों की चलेंगी क्लास: अरविंद पाठक ने बताया कि लगभग सभी जगहों पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में हमारे इंसेनरेटर, इलेक्ट्रिक इंसेनरेटर, वेंडिंग मशीन है. हम इसमें सीएसआर के माध्यम से वेंडिंग मशीन के लिए काम करेंगे. कोशिश है कि लड़कियों के लिए हम नई वेंडिंग मशीनें लगवा दें. खासकर हमारे कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में हाइजीन के बारे में काम करने जा रहे हैं. वहां पर हाइजीन कॉर्नर बनावाने का प्लान है. बच्चियों की आदत में सुधार के लिए सप्ताह में एक बार हाइजीन की क्लास चलाने का भी प्लान है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाइजीन को माना गंभीर मुद्दा: स्कूल में पढ़ रहीं बच्चियों के लिए हाइजीन की शिक्षा क्यों जरूरी है, इसे आप सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश से समझ सकते हैं. 10 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहीं कक्षा 6 से 12 तक की बच्चियों को मुफ्त सैनिटरी पैड मुहैया कराने की जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस पीठ में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला थे. कोर्ट ने माना कि यह गंभीर मुद्दा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मेंस्ट्रुअल हाइजीन पर एक एसओपी के साथ ही राष्ट्रीय मॉडल तैयार करें.
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