वाराणसीः छात्र संघर्ष समिति उदय प्रताप कॉलेज के संयोजक विवेकानंद के नेतृत्व में छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल राजधानी लखनऊ पहुंचा. इस दौरान छात्रों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी से लोक भवन में मिलकर पत्रक दिया.
![ज्ञापन सौंपता प्रतिनिधि मंडल.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02:54:46:1602408286_up-02-up-college-photo-7209211_11102020144828_1110f_1602407908_1003.jpg)
इस दौरान छात्र नेता विवेकानंद सिंह ने बताया कि वित्तीय अनियमितता की जांच रिपोर्ट, जांच कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दी गई है. हमारे छात्र प्रतिनिधि मंडल ने मांग किया है कि अब मुख्यमंत्री अति शीघ्र संज्ञान लेते हुए आरोपियों के ऊपर कार्रवाई करें. साथ ही नदेसर से भोजूबीर मार्ग का नाम हमारे कालेज के संस्थापक राजर्षि उदय प्रताप सिंह के नाम पर रखा गया है, जिसका शिलापट्ट अराजक तत्वों ने गिराकर छतिग्रस्त कर दिया है. उसे दोबारा लगाने के लिए कई बार एडीएम सिटी वाराणसी को लिखित ज्ञापन दिया गया परंतु अभी तक शिलापट्ट का सुंदरीकरण नहीं कराया गया.
छात्रों ने बताया कि इस बाबत हमारी समस्त बातों का संज्ञान लेते हुए शलभ मणि त्रिपाठी ने छात्र नेताओं को आश्वासन दिया कि कुछ आवश्यक कार्य से जैसे ही मुख्यमंत्री खाली होते हैं. वह तत्काल वार्ता कर आवश्यक कार्रवाई हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करेंगे.
बता दें कि यूपी कॉलेज के छात्र लगातार काफी दिनों से सचिव की नियुक्ति और वित्तीय अनियमितता की जांच की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. इसके संबंध में छात्रों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया था.
सीएम ने छात्रों की मांग का संज्ञान लेते हुए जांच समिति गठित करने का आदेश दिया था. वहीं महाविद्यालय प्रशासन ने सचिव पद पर न्यायमूर्ति एसके सिंह की नियुक्ति करके मामले को शांत करने का प्रयास किया लेकिन छात्र नहीं माने.