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यूपी बना देश का नम्बर वन प्रदेश, 71560 महिलाओं को मिला प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ

केंद्र व राज्य सरकार की ओर से महिलाओं के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए तमाम तरीकों की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें. इसको लेकर जहां एक ओर प्रदेश के सभी शहरों को मेडिकली हाईटेक बनाया जा रहा है, तो वही घर-घर चिकित्सकीय सुविधाएं पहुंचाई जा रही है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का संचालन किया जा रहा है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए संजीवनी की तरह है.

यूपी बना देश का नम्बर वन प्रदेश
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Published : Oct 29, 2021, 2:40 PM IST

वाराणसी: केंद्र व राज्य सरकार की ओर से महिलाओं के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए तमाम तरीकों की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें. इसको लेकर जहां एक ओर प्रदेश के सभी शहरों को मेडिकली हाईटेक बनाया जा रहा है, तो वही घर-घर चिकित्सकीय सुविधाएं पहुंचाई जा रही है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का संचालन किया जा रहा है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए संजीवनी की तरह है. 2017 में इस योजना की शुरुआत की गई थी और वर्तमान में वाराणसी जनपद में लगभग 71560 महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है और इसके साथ ही उत्तर प्रदेश अब देश में नंबर वन प्रदेश बन गया है.

71560 महिलाओं को मिल चुका है लाभ

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि पीएमएमवीवाई, एक ऐसी योजना है जिसमें पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को पोषण सहायता के रूप में तीन किश्तों में 5000 रुपये सरकार द्वारा सीधे उनके पंजीकृत खाते में दिए जाते हैं. इस योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण मिल सके जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें.

यूपी बना देश का नम्बर वन प्रदेश
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सीएमओ ने बताया कि जनवरी 2017 से 27 अक्टूबर 2021 तक जनपद में 71,560 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है. योजना के तहत जिले में अब तक करीब 28.65 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में भेजे जा चुके हैं. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों को योजना के तहत पंजीकृत किया जा चुका है.इस उपलब्धि के साथ ही उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर क़ाबिज़ है.

तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये

एसीएमओ एवं योजना के नोडल अधिकारी डॉ एके मौर्य ने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में 5000 रुपए दिए जाते हैं. पहली किश्त 1000 रुपए की होती है जो कि गर्भावस्था के दौरान पहले 150 दिन के अंदर पंजीकरण कराने के बाद प्रदान की जाती है. दूसरी किश्त गर्भावस्था के 180 दिन के अंदर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने पर प्रदान की जाती है. दूसरी किश्त में लाभार्थी को 2000 रुपए मिलते हैं.

यूपी बना देश का नम्बर वन प्रदेश
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तीसरी किश्त प्रसव के 42 दिन के बाद बच्चे के प्रथम चरण के टीकाकरण पूर्ण होने पर मिलती है. इसके तहत लाभार्थी को 2000 रुपए दिए जाते हैं. यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और पोर्टल से जुड़ी हुई है. पोर्टल पर लाभार्थी का पंजीकरण होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इसी के आधार पर उसे योजना का लाभ मिल सकेगा.

इसे भी पढ़ें - UP के सबसे गरीब विधायकों की सूची में टॉप पर कांग्रेस के 'लल्लू'

यह कहना है लाभार्थियों का

1- ब्लॉक बड़ागांव निवासी 24 वर्षीय सरिता बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर गर्भावस्था के दौरान उन्हें तीन हजार रुपए प्राप्त हुए जिससे उन्हें पोषण में बहुत सहयोग मिला. उन्होने कहा कि सरकार की यह योजना बहुत ही अच्छी है, जिससे हम अपने खान-पान का अच्छी तरह से ख्याल रख सकते हैं. इसमे आशा कार्यकर्ता सुमन बेगम और आशा संगिनी उषा देवी ने काफी सहायता की.

2- पिंडरा ब्लॉक की 23 वर्षीय पूनम बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर उन्हें तीन किस्तों में पांच हजार रुपए मिले जिससे समुचित पोषण में लाभ मिला. इस योजना से वह बेहद संतुष्ट और प्रसन्न हैं. इसके लिए उन्होने अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता संगीता देवी व आशा संगिनी कावेरी को भी धन्यवाद दिया, जिनकी वजह से उन्हें योजना का लाभ मिल सका.

यूपी बना देश का नम्बर वन प्रदेश
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कैसे मिलेगा योजना का लाभ

जिला कार्यक्रम समन्वयक शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम,बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है.

लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड, गर्भवती व उसके पति का आधार कार्ड तथा लाभार्थी के खाते की पासबुक की फोटो कॉपी तथा बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र फार्म भरते समय जमा करना होता है.

पीएमएमवीवाई का हेल्प लाइन नम्बर 7998799804 भी जारी किया गया है. कोई भी लाभार्थी उक्त हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है. साथ ही लाभार्थियों को किसी तरह की समस्या आये तो वह अपने नजदीकी ब्लाक के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा अधीक्षक व बीसीपीएम तथा बीपीएम से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि फोन पर यदि कोई व्यक्ति किसी तरह का खाता का डिटेल या ओटीपी मांगे तो कोई भी लाभार्थी कदापि न दें, क्योंकि पीएमएमवीवाई योजना से जुड़े कोई भी अधिकारी कर्मचारी द्वारा फोन पर खाता या ओटीपी सम्बन्धी कोई जानकारी नही मांगी जाती है.

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वाराणसी: केंद्र व राज्य सरकार की ओर से महिलाओं के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए तमाम तरीकों की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें. इसको लेकर जहां एक ओर प्रदेश के सभी शहरों को मेडिकली हाईटेक बनाया जा रहा है, तो वही घर-घर चिकित्सकीय सुविधाएं पहुंचाई जा रही है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का संचालन किया जा रहा है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए संजीवनी की तरह है. 2017 में इस योजना की शुरुआत की गई थी और वर्तमान में वाराणसी जनपद में लगभग 71560 महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है और इसके साथ ही उत्तर प्रदेश अब देश में नंबर वन प्रदेश बन गया है.

71560 महिलाओं को मिल चुका है लाभ

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि पीएमएमवीवाई, एक ऐसी योजना है जिसमें पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को पोषण सहायता के रूप में तीन किश्तों में 5000 रुपये सरकार द्वारा सीधे उनके पंजीकृत खाते में दिए जाते हैं. इस योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण मिल सके जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें.

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सीएमओ ने बताया कि जनवरी 2017 से 27 अक्टूबर 2021 तक जनपद में 71,560 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है. योजना के तहत जिले में अब तक करीब 28.65 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में भेजे जा चुके हैं. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों को योजना के तहत पंजीकृत किया जा चुका है.इस उपलब्धि के साथ ही उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर क़ाबिज़ है.

तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये

एसीएमओ एवं योजना के नोडल अधिकारी डॉ एके मौर्य ने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में 5000 रुपए दिए जाते हैं. पहली किश्त 1000 रुपए की होती है जो कि गर्भावस्था के दौरान पहले 150 दिन के अंदर पंजीकरण कराने के बाद प्रदान की जाती है. दूसरी किश्त गर्भावस्था के 180 दिन के अंदर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने पर प्रदान की जाती है. दूसरी किश्त में लाभार्थी को 2000 रुपए मिलते हैं.

यूपी बना देश का नम्बर वन प्रदेश
यूपी बना देश का नम्बर वन प्रदेश

तीसरी किश्त प्रसव के 42 दिन के बाद बच्चे के प्रथम चरण के टीकाकरण पूर्ण होने पर मिलती है. इसके तहत लाभार्थी को 2000 रुपए दिए जाते हैं. यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और पोर्टल से जुड़ी हुई है. पोर्टल पर लाभार्थी का पंजीकरण होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इसी के आधार पर उसे योजना का लाभ मिल सकेगा.

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यह कहना है लाभार्थियों का

1- ब्लॉक बड़ागांव निवासी 24 वर्षीय सरिता बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर गर्भावस्था के दौरान उन्हें तीन हजार रुपए प्राप्त हुए जिससे उन्हें पोषण में बहुत सहयोग मिला. उन्होने कहा कि सरकार की यह योजना बहुत ही अच्छी है, जिससे हम अपने खान-पान का अच्छी तरह से ख्याल रख सकते हैं. इसमे आशा कार्यकर्ता सुमन बेगम और आशा संगिनी उषा देवी ने काफी सहायता की.

2- पिंडरा ब्लॉक की 23 वर्षीय पूनम बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर उन्हें तीन किस्तों में पांच हजार रुपए मिले जिससे समुचित पोषण में लाभ मिला. इस योजना से वह बेहद संतुष्ट और प्रसन्न हैं. इसके लिए उन्होने अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता संगीता देवी व आशा संगिनी कावेरी को भी धन्यवाद दिया, जिनकी वजह से उन्हें योजना का लाभ मिल सका.

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कैसे मिलेगा योजना का लाभ

जिला कार्यक्रम समन्वयक शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम,बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है.

लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड, गर्भवती व उसके पति का आधार कार्ड तथा लाभार्थी के खाते की पासबुक की फोटो कॉपी तथा बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र फार्म भरते समय जमा करना होता है.

पीएमएमवीवाई का हेल्प लाइन नम्बर 7998799804 भी जारी किया गया है. कोई भी लाभार्थी उक्त हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है. साथ ही लाभार्थियों को किसी तरह की समस्या आये तो वह अपने नजदीकी ब्लाक के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा अधीक्षक व बीसीपीएम तथा बीपीएम से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि फोन पर यदि कोई व्यक्ति किसी तरह का खाता का डिटेल या ओटीपी मांगे तो कोई भी लाभार्थी कदापि न दें, क्योंकि पीएमएमवीवाई योजना से जुड़े कोई भी अधिकारी कर्मचारी द्वारा फोन पर खाता या ओटीपी सम्बन्धी कोई जानकारी नही मांगी जाती है.

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