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बनारस की जनता ने आधी आबादी पर नहीं दिखाया भरोसा, 9 महिला प्रत्याशियों में किसी को भी नहीं मिली जीत - 9 महिला प्रत्याशी खड़ी

बनारस में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में कुल 9 महिला प्रत्याशी खड़ी हुई थीं, लेकिन कोई भी जीत दर्ज नहीं कर पाई. महिला प्रत्याशी ने उस तरह चुनाव नहीं लड़ा, जिस तरह की उम्मीद थी. कई महिला प्रत्याशी तो अपने विधानसभा क्षेत्र में नोटा से भी कम वोट पा सकी हैं.

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Published : Mar 11, 2022, 12:15 PM IST

वाराणसी: जनपद की अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से कुल 9 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़ी हुई थीं. लेकिन, सिर्फ एक महिला प्रत्याशी को छोड़कर बाकी किसी भी महिला प्रत्याशी ने उस तरह चुनाव नहीं लड़ा, जिस तरह की उम्मीद थी. हालात यह हैं कई महिला प्रत्याशी तो अपने विधानसभा क्षेत्र में नोटा से भी कम वोट पा सकी हैं.

वाराणसी कैंट विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने पूजा यादव, सेवापुरी विधानसभा में कांग्रेस ने अंजू आनंद सिंह, शिवपुर विधानसभा में आम जनता पार्टी इंडिया के बैनर पर उषा, कांग्रेस ने उत्तरी विधानसभा में गुलेराना तबस्सुम, दक्षिणी विधानसभा में मुदिता कपूर, अजगरा विधानसभा में हेमा देवी पर भरोसा जताया था. इसके अलावा भी आम आदमी पार्टी सहित कई अन्य निर्दल के रूप में भी प्रत्याशी महिला चुनावी मैदान में थीं. लेकिन सिर्फ कैंट विधानसभा से पूजा यादव ने सबसे ज्यादा 50493 वोट पाए, जबकि बाकी कोई भी प्रत्याशी 3000 के आंकड़े को भी सही तरीके से पार नहीं कर सकीं.

सेवापुरी की अंजू आनंद सिंह को 2974 वोट मिले, जबकि यहां अकेले नोटा को 1587 वोट मिले हैं. इतना ही नहीं शिवपुर विधानसभा में आम जनता पार्टी इंडिया की प्रत्याशी उषा को 1230 वोट मिले, जबकि शिवपुर विधानसभा में अकेले नोटा ने 2295 वोट पाए. इसके अलावा शहर उत्तरी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी गुलेराना तबस्सुम ने 3076 वोट पाए, जबकि उत्तरी विधानसभा में नोटा को 1532 वोट मिले.

इसी तरह शहर दक्षिणी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी मुदिता कपूर को 1688 वोट मिले, जबकि दक्षिणी विधानसभा में 938 वोट अकेले नोटा को मिले हैं. इसके अतिरिक्त कैंट विधानसभा में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पूजा यादव को 50493 वोट मिले, जबकि यहां पर नोटा पर 1522 लोगों ने भरोसा जताया है. रोहनिया विधानसभा में आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी पल्लवी पटेल को 1633 और बहुजन मुक्ति पार्टी की उर्मिला देवी को 1051 वोट मिले हैं, जबकि रोहनिया विधानसभा में अकेले 2967 वोट नोटा को मिले हैं.

यह भी पढ़ें- अयोध्या, मथुरा, काशी और प्रयागराज में केसरिया होली...जानिए धर्मनगरी में बीजेपी को इस बार कितनी सीटें मिलीं

अजगरा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी हेमा देवी और बहुजन मुक्ति पार्टी की विद्या देवी चुनावी मैदान में थीं. इसमें हेमा को 2117 और विद्या देवी को 314 वोट मिले, जबकि अकेले 2070 वोट नोटा पर दिए गए हैं. यानी कई विधानसभा क्षेत्र में खड़ी महिला प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट कई जगह मिले हैं, जो साफ कर रहा है कि पार्टियों ने तो आधी आबादी पर बड़ा भरोसा दिखाया लेकिन जनता ने आधी आबादी के नेतृत्व को नकार दिया.


यह पहला मौका नहीं है कि इस तरह की स्थिति वाराणसी के अलग-अलग सीटों पर खड़ी हुई महिला प्रत्याशियों की हुई है. 2017 के चुनाव में रोहनिया से अपना दल के अध्यक्ष कृष्णा पटेल की तो जमानत भी जब्त हो चुकी है. इसके पहले 2012 के विधानसभा चुनावों में मात्र एक महिला प्रत्याशी के तौर पर वानिया से अनुप्रिया पटेल चुनी गई थीं.

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वाराणसी: जनपद की अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से कुल 9 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़ी हुई थीं. लेकिन, सिर्फ एक महिला प्रत्याशी को छोड़कर बाकी किसी भी महिला प्रत्याशी ने उस तरह चुनाव नहीं लड़ा, जिस तरह की उम्मीद थी. हालात यह हैं कई महिला प्रत्याशी तो अपने विधानसभा क्षेत्र में नोटा से भी कम वोट पा सकी हैं.

वाराणसी कैंट विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने पूजा यादव, सेवापुरी विधानसभा में कांग्रेस ने अंजू आनंद सिंह, शिवपुर विधानसभा में आम जनता पार्टी इंडिया के बैनर पर उषा, कांग्रेस ने उत्तरी विधानसभा में गुलेराना तबस्सुम, दक्षिणी विधानसभा में मुदिता कपूर, अजगरा विधानसभा में हेमा देवी पर भरोसा जताया था. इसके अलावा भी आम आदमी पार्टी सहित कई अन्य निर्दल के रूप में भी प्रत्याशी महिला चुनावी मैदान में थीं. लेकिन सिर्फ कैंट विधानसभा से पूजा यादव ने सबसे ज्यादा 50493 वोट पाए, जबकि बाकी कोई भी प्रत्याशी 3000 के आंकड़े को भी सही तरीके से पार नहीं कर सकीं.

सेवापुरी की अंजू आनंद सिंह को 2974 वोट मिले, जबकि यहां अकेले नोटा को 1587 वोट मिले हैं. इतना ही नहीं शिवपुर विधानसभा में आम जनता पार्टी इंडिया की प्रत्याशी उषा को 1230 वोट मिले, जबकि शिवपुर विधानसभा में अकेले नोटा ने 2295 वोट पाए. इसके अलावा शहर उत्तरी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी गुलेराना तबस्सुम ने 3076 वोट पाए, जबकि उत्तरी विधानसभा में नोटा को 1532 वोट मिले.

इसी तरह शहर दक्षिणी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी मुदिता कपूर को 1688 वोट मिले, जबकि दक्षिणी विधानसभा में 938 वोट अकेले नोटा को मिले हैं. इसके अतिरिक्त कैंट विधानसभा में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पूजा यादव को 50493 वोट मिले, जबकि यहां पर नोटा पर 1522 लोगों ने भरोसा जताया है. रोहनिया विधानसभा में आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी पल्लवी पटेल को 1633 और बहुजन मुक्ति पार्टी की उर्मिला देवी को 1051 वोट मिले हैं, जबकि रोहनिया विधानसभा में अकेले 2967 वोट नोटा को मिले हैं.

यह भी पढ़ें- अयोध्या, मथुरा, काशी और प्रयागराज में केसरिया होली...जानिए धर्मनगरी में बीजेपी को इस बार कितनी सीटें मिलीं

अजगरा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी हेमा देवी और बहुजन मुक्ति पार्टी की विद्या देवी चुनावी मैदान में थीं. इसमें हेमा को 2117 और विद्या देवी को 314 वोट मिले, जबकि अकेले 2070 वोट नोटा पर दिए गए हैं. यानी कई विधानसभा क्षेत्र में खड़ी महिला प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट कई जगह मिले हैं, जो साफ कर रहा है कि पार्टियों ने तो आधी आबादी पर बड़ा भरोसा दिखाया लेकिन जनता ने आधी आबादी के नेतृत्व को नकार दिया.


यह पहला मौका नहीं है कि इस तरह की स्थिति वाराणसी के अलग-अलग सीटों पर खड़ी हुई महिला प्रत्याशियों की हुई है. 2017 के चुनाव में रोहनिया से अपना दल के अध्यक्ष कृष्णा पटेल की तो जमानत भी जब्त हो चुकी है. इसके पहले 2012 के विधानसभा चुनावों में मात्र एक महिला प्रत्याशी के तौर पर वानिया से अनुप्रिया पटेल चुनी गई थीं.

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