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वाराणसी में PM मोदी के खिलाफ वोट मांग रहे बापू, शकुनि ने भी बिछाई बिसात - वाराणसी में लोकसभा चुनाव

वाराणसी लोकसभा सीट पर इस बार 26 कैंडिडेट चुनावी मैदान में हैं. 26 लोग चुनावी मैदान में हैं, जिनको अलग-अलग चुनावी चिह्न जारी किए गए हैं. किसी को लूडो मिली है तो किसी को सांप-सीढ़ी. किसी को बाल्टी मिली है तो किसी को केतली. किसी को ट्रक तो किसी को फलों की टोकरी. यही वजह है कि अपने चुनाव चिह्न के आधार पर कोई शकुनि का रूप ले रहा है तो कोई फलों की टोकरी को ही सिर पर उठाकर प्रचार के लिए निकल जा रहा है.

बापू का रूप धरकर वोट मांग रहा प्रत्याशी
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Published : May 14, 2019, 9:26 PM IST

वाराणसी : 19 मई को वाराणसी की लोकसभा सीट के लिए मतदान होना है. देश की सबसे हॉट सीट पर मतदान से पहले चुनावी सरगर्मी बढ़ने लगी है, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी दूसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ बनारस में ताल ठोकने के लिए अलग-अलग राज्यों से भी कैंडिडेट चुनावी मैदान में हैं.

वाराणसी लोकसभा सीट पर इस बार 26 कैंडिडेट चुनावी मैदान में हैं

सबसे बड़ी बात यह है कि चुनावी मौसम में जिस तरह से पीएम मोदी के खिलाफ कुछ अलग तरीके से प्रत्याशियों का रूप चुनावी मैदान में देखने को मिल रहा है, उसके बाद पब्लिक भी बनारस के चुनाव में ताल ठोक रहे इन यूनिक प्रत्याशियों को देखकर काफी खुश हैं. यहां कोई खुद को शकुनि बता रहा है तो कोई खुद को अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले बापू के रूप में प्रजेंट कर रहा है. तो क्या है बनारस के रोचक चुनावी माहौल का सच, आप भी जानिए.

क्यों खास है यह सीट

  • वाराणसी लोकसभा सीट पर इस बार 26 कैंडिडेट चुनावी मैदान में हैं.
  • जब नामांकन प्रक्रिया चल रही थी तो कुल 102 कैंडीडेट्स ने चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए नामांकन दाखिल किया था.
  • इनमें से अधिकांश का नामांकन रद्द हो गया, अब 26 लोग ही चुनावी मैदान में बचे हैं, जिनको अलग-अलग चुनावी चिह्न जारी किए गए हैं.
  • किसी को लूडो मिला है, तो किसी को सांप-सीढ़ी. किसी को बाल्टी मिला है तो किसी को केतली. किसी को ट्रक तो किसी को फलों की टोकरी.

शायद यही वजह है कि अपने चुनाव चिह्न के आधार पर कोई शकुनि का रूप ले रहा है, तो कोई फलों की टोकरी को ही सिर पर उठाकर प्रचार के लिए निकल रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि बनारस के इस चुनावी समर में 26 साल का सबसे कम उम्र का प्रत्याशी है तो 74 साल के सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी भी पीएम मोदी के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं.

24 प्रत्याशी पहली बार लड़ रहे लोकसभा का चुनाव

सबसे बड़ी बात यह है कि पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे 24 प्रत्याशी ऐसे हैं, जो पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. 24 प्रत्याशी दूसरे जिले या प्रदेश से आए हैं, जो बनारस में ताल ठोक रहे हैं. गुजरात के रहने वाले नरेंद्र मोदी के सामने यूपी के अलावा आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, केरल, उत्तराखंड से प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.

लूडो चुनाव चिन्ह वाले प्रत्याशी ने धरा शकुनि का रूप

भारत प्रभात पार्टी के अमरेश मिश्रा लेखक है. इनका कहना है उन्होंने बुलेट राजा फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी थी और कई किताबें लिख चुके हैं. इनका चुनाव चिह्न लूडो है, इसलिए यह शकुनि के रूप में बनारस की जनता के बीच में उतर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के सांसद निधि के 25 करोड़ रुपये से हुए कामों का हिसाब किताब मांग कर जनता से वोट मांग रहे हैं. वहीं बरेली के रहने वाले त्रिभुवन शर्मा फलों की टोकरी चुनाव चिह्न के साथ चुनावी मैदान में हैं और चुनाव प्रचार करने के लिए फलों की टोकरी सिर पर रख कर घूम रहे हैं.

महाराष्ट्र से आए 70 साल से ऊपर की उम्र के मनोहर आनंद राव पाटिल गांधी जी का रूप लेकर चुनावी मैदान में कूदे हैं और इसी रूप में वह चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. कुल मिलाकर बनारस में एक से बढ़कर एक कैंडिडेट कुछ अलग तरीके से चुनावी रंग को और गाढ़ा करने की कोशिश कर रहे हैं और पब्लिक भी इस अलग चुनावी रंग का खूब मजा ले रही है.

वाराणसी : 19 मई को वाराणसी की लोकसभा सीट के लिए मतदान होना है. देश की सबसे हॉट सीट पर मतदान से पहले चुनावी सरगर्मी बढ़ने लगी है, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी दूसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ बनारस में ताल ठोकने के लिए अलग-अलग राज्यों से भी कैंडिडेट चुनावी मैदान में हैं.

वाराणसी लोकसभा सीट पर इस बार 26 कैंडिडेट चुनावी मैदान में हैं

सबसे बड़ी बात यह है कि चुनावी मौसम में जिस तरह से पीएम मोदी के खिलाफ कुछ अलग तरीके से प्रत्याशियों का रूप चुनावी मैदान में देखने को मिल रहा है, उसके बाद पब्लिक भी बनारस के चुनाव में ताल ठोक रहे इन यूनिक प्रत्याशियों को देखकर काफी खुश हैं. यहां कोई खुद को शकुनि बता रहा है तो कोई खुद को अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले बापू के रूप में प्रजेंट कर रहा है. तो क्या है बनारस के रोचक चुनावी माहौल का सच, आप भी जानिए.

क्यों खास है यह सीट

  • वाराणसी लोकसभा सीट पर इस बार 26 कैंडिडेट चुनावी मैदान में हैं.
  • जब नामांकन प्रक्रिया चल रही थी तो कुल 102 कैंडीडेट्स ने चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए नामांकन दाखिल किया था.
  • इनमें से अधिकांश का नामांकन रद्द हो गया, अब 26 लोग ही चुनावी मैदान में बचे हैं, जिनको अलग-अलग चुनावी चिह्न जारी किए गए हैं.
  • किसी को लूडो मिला है, तो किसी को सांप-सीढ़ी. किसी को बाल्टी मिला है तो किसी को केतली. किसी को ट्रक तो किसी को फलों की टोकरी.

शायद यही वजह है कि अपने चुनाव चिह्न के आधार पर कोई शकुनि का रूप ले रहा है, तो कोई फलों की टोकरी को ही सिर पर उठाकर प्रचार के लिए निकल रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि बनारस के इस चुनावी समर में 26 साल का सबसे कम उम्र का प्रत्याशी है तो 74 साल के सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी भी पीएम मोदी के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं.

24 प्रत्याशी पहली बार लड़ रहे लोकसभा का चुनाव

सबसे बड़ी बात यह है कि पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे 24 प्रत्याशी ऐसे हैं, जो पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. 24 प्रत्याशी दूसरे जिले या प्रदेश से आए हैं, जो बनारस में ताल ठोक रहे हैं. गुजरात के रहने वाले नरेंद्र मोदी के सामने यूपी के अलावा आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, केरल, उत्तराखंड से प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.

लूडो चुनाव चिन्ह वाले प्रत्याशी ने धरा शकुनि का रूप

भारत प्रभात पार्टी के अमरेश मिश्रा लेखक है. इनका कहना है उन्होंने बुलेट राजा फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी थी और कई किताबें लिख चुके हैं. इनका चुनाव चिह्न लूडो है, इसलिए यह शकुनि के रूप में बनारस की जनता के बीच में उतर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के सांसद निधि के 25 करोड़ रुपये से हुए कामों का हिसाब किताब मांग कर जनता से वोट मांग रहे हैं. वहीं बरेली के रहने वाले त्रिभुवन शर्मा फलों की टोकरी चुनाव चिह्न के साथ चुनावी मैदान में हैं और चुनाव प्रचार करने के लिए फलों की टोकरी सिर पर रख कर घूम रहे हैं.

महाराष्ट्र से आए 70 साल से ऊपर की उम्र के मनोहर आनंद राव पाटिल गांधी जी का रूप लेकर चुनावी मैदान में कूदे हैं और इसी रूप में वह चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. कुल मिलाकर बनारस में एक से बढ़कर एक कैंडिडेट कुछ अलग तरीके से चुनावी रंग को और गाढ़ा करने की कोशिश कर रहे हैं और पब्लिक भी इस अलग चुनावी रंग का खूब मजा ले रही है.

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: 19 मई को वाराणसी की लोकसभा सीट के लिए मतदान होना है और देश की सबसे हॉट सीट पर मतदान से पहले चुनावी सरगर्मी बढ़ने लगी है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके खिलाफ बनारस में ताल ठोकने के लिए अलग-अलग राज्यों से भी कैंडिडेट चुनावी मैदान में है सबसे बड़ी बात यह है कि चुनावी मौसम में जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कुछ अलग तरीके से प्रत्याशियों का रूप चुनावी मैदान में देखने को मिल रहा है उसके बाद पब्लिक भी बनारस के चुनाव में ताल ठोक रहे इन यूनिक प्रत्याशियों को देखकर काफी खुश है क्योंकि जहां कोई खुद को शक नहीं बता रहा है तो कोई खुद को अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले बाबू के रूप में प्रजेंट कर रहा है क्या है बनारस के रोचक चुनावी माहौल का सच अभी जानिए.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 दरअसल वाराणसी लोकसभा सीट पर इस बार 26 कैंडिडेट चुनावी मैदान में है आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जब नामांकन प्रक्रिया चल रही थी तो कुल 102 कैंडीडेट्स ने चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए नामांकन दाखिल किया था जिनमें से अधिकांश का नामांकन रद्द हो गया अब 26 लोग ही चुनावी मैदान में बचे हैं जिनको अलग अलग चुनावी चिन्ह जारी किए गए हैं किसी को लूडो मिली है तो किसी को सांप सीढ़ी किसी को बाल्टी मिली है तो किसी को केतली किसी को ट्रक तो किसी को फलों की टोकरी शायद यही वजह है कि अपने चुनाव चिन्ह के आधार पर कोई शकुनि का रूप ले रहा है तो कोई फलों की टोकरी को ही सर पर उठाकर प्रचार के लिए निकल जा रहा है सबसे बड़ी बात यह है कि बनारस के इस चुनावी समर में 26 साल का सबसे कम उम्र का प्रत्याशी है तो 74 साल के सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी भी पीएम मोदी के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं ग्रेजुएट प्रत्याशी के लेकर हाई स्कूल पास प्रत्याशी तक चुनावी मैदान में मौजूद है सबसे बड़ी बात यह है कि कई अपराधिक प्रवृत्ति के करोड़पति कैंडिडेट भी चुनावी मैदान में इन सब के बीच कुछ यूनिक प्रत्याशी सबसे अलग होकर अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं जो पब्लिक को खूब भा रहे हैं.


Conclusion:वीओ-02 सबसे बड़ी बात यह है कि पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे 24 प्रत्याशी ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं 24 प्रत्याशी दूसरे जिले या प्रदेश से आए हैं जो बनारस में ताल ठोक रहे हैं गुजरात के रहने वाले नरेंद्र मोदी के सामने यूपी के अलावा आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, केरल, उत्तराखंड से प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. भारत प्रभात पार्टी के अमरेश मिश्रा लेखक है. इनका कहना है उन्होंने बुलेट राजा फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी थी और कई किताबें लिख चुके हैं. सबसे बड़ी बात इन का चुनाव चिन्ह लूडो है इसलिए यह शकुनि के रूप में बनारस की जनता के बीच में उतर रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी के सांसद निधि के 25 करोड़ रुपए से हुए कामों का हिसाब किताब मांग कर जनता से वोट मांग रहे हैं. वहीं बरेली के रहने वाले त्रिभुवन शर्मा फलों की टोकरी चुनाव चिन्ह का चुनावी मैदान में हैं और चुनाव प्रचार करने के लिए फलों की टोकरी हुई सिर पर रख कर घूम रहे हैं. वहीं महाराष्ट्र से आए 70 साल से ऊपर की उम्र के मनोहर आनंद राव पाटिल गांधी जी का रूप लेकर चुनावी मैदान में कूदे हुए और इसी रूप में वह चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. कुल मिलाकर बनारस में एक से बढ़कर एक कैंडिडेट कुछ अलग तरीके से चुनावी रंग को और गाढ़ा करने की कोशिश कर रहे हैं और पब्लिक भी इस अलग चुनावी रंग का खूब मजा ले रही है.

बाइट- अमरेश मिश्रा, शकुनि रूप में प्रत्याशी

क्लोजिंग पीटीसी-गोपाल मिश्र
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