वाराणसी: आईआईटी बीएचयू स्थित मालवीय उद्यमिता केंद्र में चिकित्सा विज्ञान संस्थान की कोविड-19 लैब को विसंक्रमित करने के लिए अल्ट्रावायलेट-सी आधारित तकनीक से सुसज्जित किया गया. यह उपकरण शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के फर्स्ट फ्लोर पर स्थित लैब में लगाया गया है.
यूवी तकनीक विज्ञान संस्थान के प्रयोगशाला में लगाया गया
एक्सपर्ट की मानें तो कोरोनावायरस अल्ट्रावायलेट किरणों के 2400-3000 माइक्रो वाट सेकेंड सेमी. के इस्तेमाल करने से निष्क्रिय हो जाता है. इसीलिए तकनीक पर आधारित उपकरण चिकित्सा विज्ञान संस्थान के प्रयोगशाला में लगाया गया. कार्य के उपरांत प्रयोगशाला को करीब दो घंटे पराबैगनी किरणों से विसंक्रमित किया जाएगा, ताकि कर्मचारियों को इस महामारी से बचाया जा सके.
प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया
सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को यूवी तकनीक से सुसज्जित किया गया. ऐसा इसीलिए किया गया क्योंकि लैब में कोरोना मरीज आएंगे और उनका सैंपल लिया जाएगा. इस दौरान कोई चिकित्सक और कर्मचारी संक्रमित न हो इसलिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया. यह तकनीक ऑटोमेटिक कार्य करेगा. सिस्टम के ऑन होने के बाद प्रयोगशाला में किसी प्रकार का प्रवेश वर्जित रहेगा.
वाराणसी: कोरोना से बचाव के लिए अल्ट्रावायलेट-सी तकनीक का होगा इस्तेमाल - disinfected by uv
यूपी के वाराणसी स्थित मालवीय उद्यमिता केंद्र ने चिकित्सा विज्ञान संस्थान की कोविड-19 लैब को कोरोना से मुक्त करने के लिए अल्ट्रावायलेट-सी आधारित तकनीक का इस्तेमाल किया है. इस तकनीक के माध्यम से चिकित्सकों और कर्मचारियों को कोरोना के संक्रमण से बचाया जा सकता है.
वाराणसी: आईआईटी बीएचयू स्थित मालवीय उद्यमिता केंद्र में चिकित्सा विज्ञान संस्थान की कोविड-19 लैब को विसंक्रमित करने के लिए अल्ट्रावायलेट-सी आधारित तकनीक से सुसज्जित किया गया. यह उपकरण शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के फर्स्ट फ्लोर पर स्थित लैब में लगाया गया है.
यूवी तकनीक विज्ञान संस्थान के प्रयोगशाला में लगाया गया
एक्सपर्ट की मानें तो कोरोनावायरस अल्ट्रावायलेट किरणों के 2400-3000 माइक्रो वाट सेकेंड सेमी. के इस्तेमाल करने से निष्क्रिय हो जाता है. इसीलिए तकनीक पर आधारित उपकरण चिकित्सा विज्ञान संस्थान के प्रयोगशाला में लगाया गया. कार्य के उपरांत प्रयोगशाला को करीब दो घंटे पराबैगनी किरणों से विसंक्रमित किया जाएगा, ताकि कर्मचारियों को इस महामारी से बचाया जा सके.
प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया
सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को यूवी तकनीक से सुसज्जित किया गया. ऐसा इसीलिए किया गया क्योंकि लैब में कोरोना मरीज आएंगे और उनका सैंपल लिया जाएगा. इस दौरान कोई चिकित्सक और कर्मचारी संक्रमित न हो इसलिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया. यह तकनीक ऑटोमेटिक कार्य करेगा. सिस्टम के ऑन होने के बाद प्रयोगशाला में किसी प्रकार का प्रवेश वर्जित रहेगा.