वाराणसी: विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में फर्जी तरीके से दुकान बेचने के आरोप में शशिकांत और रत्नेश्वर नाम के दो ठगों को वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. हालांकि, गिरफ्तार किए गए आरोपितों में से एक रत्नेश्वर ने खुद को भाजपा का काशी क्षेत्र का उपाध्यक्ष बताया. लेकिन छानबीन करने पर उसकी बातें झूठी निकली. फिलहाल पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है और एक अन्य ठग की तलाश जारी है.
बता दें कि बीते शुक्रवार को मंदिर प्रशासन ने फर्जी दुकान की बिक्री को लेकर सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखा था. इसके बाद से ही उक्त मामले को लेकर मंदिर प्रशासन खासा सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं.
साथ ही श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सीईओ डॉ. सुनील वर्मा ने चौक थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया था. सीईओ डॉ. सुनील वर्मा ने बताया था कि मीडिया के जरिए उन्हें जानकारी मिली कि श्रीकांत चौरसिया नाम के एक व्यक्ति ने फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सौदरीकरण विस्तारीकरण परियोजना के तहत निर्मित दुकानों को बेचने और आवंटित करने का भ्रम फैला रहा है.
वहीं, रविवार को पुलिस के हाथ सफलता लगी और उक्त मामले में आरोपित दो ठगों को गिरफ्तार कर लिया गया. इधर, जिलाधिकारी के नाम का फर्जी लेटर बनाने वाले तीसरे व्यक्ति की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है. उसके संभावित ठिकाने पर पुलिस लगातार दबिश भी दे रही है.
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दरअसल, काशी कॉरिडोर में दुकानें आवंटित करने को लेकर फर्जी आईएएस अफसर के नाम का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया है. आरोप है कि इस सर्टिफिकेट के लिए रुपए भी लिए गए हैं. सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर कुछ दिनों पहले ही रियल स्टेट बिजनेस लायन ग्रुप के नाम से एक पेज पर शशिकांत चौरसिया नामक के एक प्रोफाइल से इश्तेहार दिया गया था, जिसमें लिखा था कि विश्वनाथ कॉरिडोर में फेज वन में दुकान लेने के इच्छुक व्यक्ति संपर्क करें. इसमें दुकानों की साइज के हिसाब से रेट तय किया गया था. साथ ही संपर्क को मोबाइल नंबर भी दिए गए थे.
वहीं, इस संबंध में मंदिर के सीईओ सुनील कुमार ने मीडिया को बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की दुकानों का आवंटन अथवा उसके लिए किसी भी प्रकार का पंजीकरण न तो मंदिर न्यास द्वारा हो रहा है और न ही विशिष्ट क्षेत्र प्राधिकरण की तरफ से किया जा रहा है. यदि ऐसा हुआ है तो यह एक फर्जीवाड़ा है, जिसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.