कानपुर: शिवराजपुर विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत मधई निवादा के पंचायत सचिव द्वारा 15 अपात्रों के खाते में पीएम आवास की धनराशि देने की शिकायत की जांच की गई. जिसमें दोषी पाए जाने पर मुख्य विकास अधिकारी के आदेश पर खंड विकास अधिकारी ने पंचायत सचिव के खिलाफ शिवराजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.
पूरा मामला कानपुर की बिल्हौर तहसील के शिवराजपुर ब्लॉक का है. जहां मधई निवादा गांव निवासी जितेंद्र सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी कानपुर दीक्षा जैन को शिकायती पत्र देते हुए ग्राम पंचायत सचिव मनोज वर्मा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ग्राम पंचायत में करीब 28 अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास का पैसा दिया है, जिस पर मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने परियोजना निदेशक को मामले की जांच के निर्देश दिए थे.
परियोजना निदेशक ने खंड विकास अधिकारी चौबेपुर आशीष मिश्रा से मामले की जांच कराई. आशीष मिश्रा ने जांच में पाया कि ग्राम पंचायत सचिव ने 15 अपात्र लोगों के खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रत्येक अपात्र के खाते में एक लाख बीस हजार रुपये व मनरेगा की मजदूरी का रुपये भेज दिए गए.
वहीं, खंड विकास अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में 15 आवास अपात्रों को देने की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी. इस पर ग्राम पंचायत सचिव मनोज वर्मा को नोटिस जारी करते हुए जवाब देने को कहा गया, आरोपी पंचायत सचिव द्वारा दिए गए जवाब से अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए. इस पर मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन खंड विकास अधिकारी चौबेपुर आशीष मिश्रा को ग्राम पंचायत सचिव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए. वहीं, खंड विकास अधिकारी ने शिवराजपुर थाने में ग्राम पंचायत सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
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