वाराणसी: 2015 में अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए उपद्रव आगजनी और बवाल में आरोपी बनाए गए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, सतुआ बाबा संतोष दास समेत अन्य 81 आरोपियों के केस वापस लिए जाएंगे. राज्य सरकार के फैसले के बाद इन संतों समेत अन्य लोगों के केस तो वापस हो रहे हैं, लेकिन इस लिस्ट में कांग्रेस नेता अजय राय का शामिल नहीं है. इस मामले में अजय राय को भी आरोपी बनाया गया था लेकिन उन पर केस चलता रहेगा.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विनय कुमार की तरफ से विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट की अदालत में दी गई एप्लीकेशन में इन सभी के खिलाफ मुकदमा वापस करने की अनुमति मांगी गई है. वाराणसी में 2015 के दौरान गंगा में प्रतिमा विसर्जन के दौरान लगी रोक के दृष्टिगत गंगा में ही गणेश प्रतिमा के विसर्जन की मांग पर लोग अड़े हुए थे. इसमें स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती समेत अन्य संतों और कांग्रेस नेता अजय राय समेत अन्य लोगों ने धरना प्रदर्शन करके प्रतिकार यात्रा निकाली थी.
इसमें काफी उपद्रव लाठीचार्ज आगजनी हुई थी. इस दौरान गोदौलिया चौराहे पर आगजनी हुई थी. पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ समेत तमाम उपद्रव के बाद कर्फ्यू भी लगा था और इस प्रकरण में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, सतुआ बाबा और महंत बालक दास समेत पूर्व विधायक अजय राय समेत कई अन्य लोगों के अलावा 81 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. शासन के निर्देश के बाद इन 81 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला लिया गया है, जिसमें अजय राय को छोड़कर बाकी सभी लोग शामिल है.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के खिलाफ इसी मामले में पिछले दिनों केयर जमानती वारंट भी जारी किया गया था और कुर्की का आदेश भी किया था. कोर्ट ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई की रिपोर्ट एडीसीपी काशी जून से मिलने के बाद गिरफ्तारी का आदेश दिया था. हालांकि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और सतुआ बाबा, संतोष दास के फरार घोषित होने के बाद एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर हो गए थे और जिला जज ने अदालत में सुनवाई के बाद इनकी जमानत अर्जी मंजूर कर दी गई थी.
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