वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में त्रयंबकेश्वर मंदिर में हुई घटना को लेकर साधु-सतों में काफी आक्रोश है. इसे लेकर अखिल भारतीय संत समिति ने विरोध किया है. इस तरह की घटना से कहीं न कहीं सनातन धर्म को मानने वाले लोग आहत हुए हैं. वहीं, साधु-संतों ने गृह मंत्रालय से ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि नासिक त्रयंबकेश्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ के ऊपर हरा चादर चढ़ाने का कुछ कट्टरपंथियों द्वारा प्रयास किया गया. यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. अखिल भारतीय संत समिति का यह मानना है कि जार्ज जोरेश्वर के पैसों से देश को अस्थिर करने और आग में झोंकने की साजिश है. इसके नियंत्रण के तार हिंदुस्तान के गली-गली सो कॉल्ड अल्पसंख्यक के नाम पर है.
इस संख्या वाद को पोषित करने वाले राजनेताओं के घरों तक जुड़े हुए हैं. महाराष्ट्र में पहले अकोला और अब त्रयंबकेश्वर देखते हुए ऐसा लगता है कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग गुट के आधार पर पूरे देश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश है. गृहमंत्री से हमारी मांग है कि अपने आईबी के आउटपुट के आधार पर जितनी कठोरतम कार्रवाई इन देशद्रोहियों पर की जा सकती है की जानी चाहिए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार हिंदू देवता त्रयंबकेश्वर को भंग करने के इरादे से कुछ मुस्लिम कौम के युवकों ने त्रयंबकेश्वर मंदिर में घुसने की कोशिश की, यह 10-12 मुस्लिम युवक थे. इस पर सिक्योरिटी गार्ड ने अंदर जाने से मना कर दिया. फिर भी दूसरे प्रवेश द्वार से दीवार के ऊपर चढ़कर मंदिर के अंदर गए और त्रंबकेश्वर की पिंडी के ऊपर हरा कपड़ा चढ़ाकर उस पर फूलों की चादर चढ़ाई.
इसी को लेकर नासिक के त्रयंबकेश्वर में बड़ा बवाल खड़ा हुआ है. नासिक के हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया है. इस पूरी घटना की पुलिस में शिकायत दर्ज हुई है. अब तक 4 से 5 लोगों की गिरफ्तारी त्रयंबकेश्वर पुलिस ने की है. इसी को लेकर नासिक में बड़ा हंगामा शुरू है. काशी के विभिन्न मंदिरों और मठों में भी इस तरह की घटना ना हो इसके लिए साधु संत बैठक कर रहे हैं. जल्द ही वह इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे.
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