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वाराणसी: रक्षाबंधन पर महिलाओं ने शुरू की ऐसी अनोखी मुहिम, जो देगी बनारस को संजीवनी - रक्षा बंधन शुभ मुहूर्त 2022

रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के बीच प्रेम का पर्व होता है. कहा जाता है कि, इस दिन बहनें राखी बांध कर भाइयों से रक्षा वचन लेती हैं. लेकिन धर्म नगरी काशी में इसके उलट एक तस्वीर देखने को मिली है.

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रक्षाबंधन का पर्व
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Published : Aug 11, 2022, 12:37 PM IST

वाराणसी: पूरे देश में रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. ऐसे में रक्षाबंधन की एक अनोखी तस्वीर धर्म नगरी काशी में नजर आयी. यहां इस पावन पर्व पर महिलाओं ने राखी की एक नई शुरुआत की है. बड़ी बात यह है कि, महिलाओं की इस नई शुरुआत से जहां लोगों को संजीवनी मिलेगी, तो वहीं, समाज का वातावरण भी शुद्ध होगा. क्या है नई शुरुआत, किस तरीके से महिलाओं ने शुरू की है यह नई मुहिम. जानने के लिए देखें हमारी यह रिपोर्ट.

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शुरू की मुहिम
दरअसल रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के बीच प्रेम का पर्व होता है. कहा जाता है कि, इस दिन बहनें राखी बांध कर भाइयों से रक्षा वचन लेती हैं.लेकिन धर्म नगरी काशी में इसके उलट एक तस्वीर देखने को मिली है. यहां बहनों ने भाइयों को राखी बांध कर उन्हें उनकी रक्षा का वचन दिया और उनसे समाज की सुरक्षा का वादा लिया. यह सुनकर आप भी हैरान हो रहे होंगे लेकिन ये यथार्थ हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि इन बहनों के भाई कोई मनुष्य नहीं बल्कि प्रकृति को संरक्षण देने वाले वृक्ष हैं, जो हम सबको संजीवनी देते हैं.महिलाओं ने इस पावन पर्व पर शुभ मुहूर्त में सुबह विधिवत पूजन अर्चन कर तिलक लगाकर के वृक्षों को रुद्राक्ष की राखी बांधी और उन्हें मिठाई की जगह पानी समर्पित किया. इसे भी पढ़े-इस बार रक्षाबंधन पर ऐसे राशि के अनुसार राखी बांधे बहनें, चमक जाएगी भाइयों की किस्मत

पौधों को महिलाओं ने बांधी राखी: महिलाओं का कहना है कि, यह वृक्ष भी हमारे भाई हैं. जो हमें ऑक्सीजन की संजीवनी देते हैं.कोरोना काल में हम सभी ने देखा कि इनसे रिश्ता तोड़ना हमारे समाज और हम सभी के लिए कितना घातक साबित हो गया था. इसलिए इस रक्षाबंधन पर्व पर हम सभी ने सबसे पहले वृक्ष को अपना भाई मानकर उन्हें राखी बांधी और उनकी रक्षा का उन्हें वचन दिया इसके साथ ही उनसे यह प्रार्थना की कि वह हम सबका ध्यान रखें, क्योंकि बाहर वह भी हमारी सुरक्षा करते हैं.


निश्चित तौर पर रक्षाबंधन पर्व पर पूरे देश से अलग अलग तस्वीरें देखने को मिल रही होंगी, लेकिन धर्म नगरी काशी से निकली यह तस्वीर जहां एक ओर इस पर्व की महत्वता को एक अलग रूप से परिभाषित कर रही है. तो वहीं, दूसरी ओर समाज को संदेश भी दे रही है कि, लोग इस राखी अपने पर्यावरण को संरक्षित रख सके. ताकि समाज को प्रकृति की छांव हमेशा मिलती रहे.
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वाराणसी: पूरे देश में रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. ऐसे में रक्षाबंधन की एक अनोखी तस्वीर धर्म नगरी काशी में नजर आयी. यहां इस पावन पर्व पर महिलाओं ने राखी की एक नई शुरुआत की है. बड़ी बात यह है कि, महिलाओं की इस नई शुरुआत से जहां लोगों को संजीवनी मिलेगी, तो वहीं, समाज का वातावरण भी शुद्ध होगा. क्या है नई शुरुआत, किस तरीके से महिलाओं ने शुरू की है यह नई मुहिम. जानने के लिए देखें हमारी यह रिपोर्ट.

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शुरू की मुहिम
दरअसल रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के बीच प्रेम का पर्व होता है. कहा जाता है कि, इस दिन बहनें राखी बांध कर भाइयों से रक्षा वचन लेती हैं.लेकिन धर्म नगरी काशी में इसके उलट एक तस्वीर देखने को मिली है. यहां बहनों ने भाइयों को राखी बांध कर उन्हें उनकी रक्षा का वचन दिया और उनसे समाज की सुरक्षा का वादा लिया. यह सुनकर आप भी हैरान हो रहे होंगे लेकिन ये यथार्थ हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि इन बहनों के भाई कोई मनुष्य नहीं बल्कि प्रकृति को संरक्षण देने वाले वृक्ष हैं, जो हम सबको संजीवनी देते हैं.महिलाओं ने इस पावन पर्व पर शुभ मुहूर्त में सुबह विधिवत पूजन अर्चन कर तिलक लगाकर के वृक्षों को रुद्राक्ष की राखी बांधी और उन्हें मिठाई की जगह पानी समर्पित किया. इसे भी पढ़े-इस बार रक्षाबंधन पर ऐसे राशि के अनुसार राखी बांधे बहनें, चमक जाएगी भाइयों की किस्मत

पौधों को महिलाओं ने बांधी राखी: महिलाओं का कहना है कि, यह वृक्ष भी हमारे भाई हैं. जो हमें ऑक्सीजन की संजीवनी देते हैं.कोरोना काल में हम सभी ने देखा कि इनसे रिश्ता तोड़ना हमारे समाज और हम सभी के लिए कितना घातक साबित हो गया था. इसलिए इस रक्षाबंधन पर्व पर हम सभी ने सबसे पहले वृक्ष को अपना भाई मानकर उन्हें राखी बांधी और उनकी रक्षा का उन्हें वचन दिया इसके साथ ही उनसे यह प्रार्थना की कि वह हम सबका ध्यान रखें, क्योंकि बाहर वह भी हमारी सुरक्षा करते हैं.


निश्चित तौर पर रक्षाबंधन पर्व पर पूरे देश से अलग अलग तस्वीरें देखने को मिल रही होंगी, लेकिन धर्म नगरी काशी से निकली यह तस्वीर जहां एक ओर इस पर्व की महत्वता को एक अलग रूप से परिभाषित कर रही है. तो वहीं, दूसरी ओर समाज को संदेश भी दे रही है कि, लोग इस राखी अपने पर्यावरण को संरक्षित रख सके. ताकि समाज को प्रकृति की छांव हमेशा मिलती रहे.
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