वाराणसी: धर्म नगरी काशी से बाबा विश्वनाथ के आराध्य प्रभु श्रीराम के लिए खिलौने को भेजने की तैयारी चल रही है. खास बात यह है कि यह खिलौना काशी के रमापति बैंक की ओर से दिया जाएगा. रमापति बैंक यानी भगवान राम का वह दरबार जहां पर वह बाल स्वरूप में विराजते हैं और यह काशी का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां पर प्रभु को खिलौना चढ़ाया जाता है. इन खिलौनों में धनुष बाण, हाथी, घोड़ा व अलग-अलग तरीके की कलाकृतियां हैं. इन कलाकृतियों को तैयार करने का काम काशी के कारीगरों ने किया है. कुछ खिलौने रमापति बैंक के श्रद्धालुओं के जरिए दान किए गए हैं.
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जानी है. ऐसे में पूरे देश में खुशी का माहौल है. जो लोग अयोध्या में हैं वे तो जाएंगे ही, लेकिन जो लोग बाहरी जिलों के हैं वे भी उस दिन अयोध्या पहुंचना चाहते हैं और रामलला के दर्शन करना चाहते हैं. कुछ ऐसा ही बनारस में देखने को मिल रहा है. बता दें कि बनारस में रामलला बाल रूप में हैं. इसे राम रमापति बैंक कहा जाता है. इसके साथ ही यहां पर हस्तलिखित राम नाम का संग्रह भी है, जिसे लोग उधार लेकर जाते हैं और लिखकर वापस करते हैं.
बनारस में दिखता रामलला का बाल रूपः राम रमापति बैंक को संचालित करने वाले सुनील बताते हैं कि रामलला का भव्य मंदिर बनने जा रहा है. पूरे देश और पूरे विश्व को जो खुशी है उसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता है. हर आदमी के अंदर एक इच्छा है कि हम वहां जरूर जाएं और अयोध्या के मंदिर में विराजे हुए रामलला का दर्शन करें. राम रमापति बैंक जो वाराणसी में स्थित है. हमारे परिवार द्वारा संचालित बैंक है. यहां पर रामलला का बाल रूप है. बाल रूप में ही रामलला अयोध्या में विराजमान हैं. एक बच्चे के लिए सबसे अच्छी सौगात क्या हो सकती है? आप जब घर पहुंचते हैं और आपका बच्चा आपके हाथ में अपने लिए उपहार स्वरूप कोई खिलौना देखता चाहता है. रामलला भी वैसे ही हैं.
काशी से अयोध्या रामलला के लिए जाएंगे खिलौनेः वे बताते हैं, 'हमारे यहां रामलला बाल रूप में हैं. उनके आगे खिलौने समय-समय पर चढ़ाए जाते हैं. न सिर्फ हमारे द्वारा बल्कि बैंक के सदस्यों और भक्तों द्वारा यहां पर खिलौने चढ़ाए जाते हैं. हमारी भी यही इच्छा है कि अगर राम रमापति बैंक को निमंत्रण मिलता है तो उसी दिन, जिस दिन निमंत्रण होगै उस दिन यहां से रामलला के लिए खिलौने लेकर हम लोग जाएंगे. यह खिलौने वाराणसी के रामलला से अयोध्या के रामलला तक जाएंगे. अगर निमंत्रण नहीं भी मिलता है तो जब कभी भी हम जाएंगे तो रामलला के लिए लकड़ी, प्लास्टिक, रबर और अन्य धातु के खिलौने लेकर जाएंगे.'
19 अरब से अधिक राम नाम का संग्रहः वो कहते हैं, 'जो भी खिलौने बच्चों को अतिप्रिय होते हैं उसे हम सौगात के रूप में लेकर हम जरूर अयोध्या जाएंगे. राम रमापति बैंक पिछले 96 साल से काशी में स्थित है. इस बैंक की स्थापना हमारे दादाजी के दादाजी छन्नूलाल जी ने की थी. हम लोग उनकी पांचवीं पीढ़ी हैं. पिछले 96 साल में विश्व में इस बैंक को जो बात इकलौता बनाती है वह है यहां राम नाम का संग्रह जोकि हस्तलिखित है. विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए यहां से कर्ज के रूप में दिए गए राम नाम वह लिखकर के लोग लौटाते हैं. उसकी संख्या 19 अरब से ऊपर हो चुकी है.'
कहीं नहीं है इतना बड़ा संग्रहः उनका कहना है कि, 'विश्व में इतना बड़ा राम नाम का हस्तलिखित संग्रह कहीं नहीं है. यह राम रमापति बैंक का खजाना है जो सभी के लिए खुला रहता है. फर्क सिर्फ इतना है कि आप इस खजाने में से अपने लिए कितना लूट सकते हैं.' बता दें कि काशी से कुछ न कुछ अयोध्या के लिए बनाकर भेजा जा रहा है. यहां के कारीगरों को भगवान राम का दरबार और राम मंदिर का मॉडल बनाने का ऑर्डर मिला है. इसके साथ ही यहां के कारीगर अपने माध्यम से भी अयोध्या में भगवान राम के लिए कुछ न कुछ तैयार करने में लगे हैं. खिलौनों को राम रमापति बैंक के जरिए श्री राम मंदिर ट्रस्ट को दान किया जाएगा, जो प्रभु श्री राम के दरबार में सजेंगे.