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वाराणसी: इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण, काशी के घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब - काशी के घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी को लगा था और आज 26 दिसंबर को इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण लग रहा है. वहीं आज मोक्ष की नगरी वाराणसी के घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा हुआ है.

भजन-कीर्तन करती महिलाएं
भजन-कीर्तन करती महिलाएं
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Published : Dec 26, 2019, 8:56 AM IST

वाराणसी: आज इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लग रहा है. साल के अंतिम सूर्य ग्रहण के मौके पर पुण्य का भागी बनने के लिए धर्मनगरी वाराणसी के घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ने लगा है. बीती देर रात से ही ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिलाओं के साथ पुरुष भी घाटों पर जमे हुए हैं. कड़कड़ाती ठंड की परवाह किए बगैर लोग सूर्य ग्रहण के मोक्ष का इंतजार कर रहे हैं.

सूर्य ग्रहण के कारण घाटों पर उमड़ा भीड़.

सूर्य ग्रहण से घाटों पर उमड़ी भीड़

  • आज 2019 का तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लग रहा है.
  • खंडग्रास सूर्यग्रहण भारत के अलावा श्रीलंका समेत कई अन्य देशों में भी दिखाई देगा.
  • भारत में सुबह 8:20 पर ग्रहण की शुरुआत होगी और 11:25 पर ग्रहण का मोक्ष होगा.
  • इस दौरान मंदिरों के कपाट बीती रात से ही बंद कर दिए गए हैं.
  • काशी विश्वनाथ मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर में आज सुबह मंगला आरती के बाद मंदिरों का कपाट बंद कर दिया गया है.
  • विश्वनाथ मंदिर 11:25 के बाद और अन्नपूर्णा मंदिर 12:25 पर भक्तों के दर्शन के लिए खोला जाएगा.

घाटों पर कोहरे की सफेद चादर होने के बावजूद भी लोग स्नान और दान करने वाले लोग मंदिरों में शरण लिए हुए हैं. महिलाएं लगातार भजन-कीर्तन कर भगवान पर आए कष्ट को कम करने की प्रार्थना कर रही हैं. ग्रहण के मोक्ष काल के बाद लोग गंगा में डुबकी लगाकर दान पुण्य कर भगवान का दर्शन करेंगे.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसी: धर्म संसद का हुआ आयोजन, देश में सुख और शांति इसका उद्देश्य

वाराणसी: आज इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लग रहा है. साल के अंतिम सूर्य ग्रहण के मौके पर पुण्य का भागी बनने के लिए धर्मनगरी वाराणसी के घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ने लगा है. बीती देर रात से ही ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिलाओं के साथ पुरुष भी घाटों पर जमे हुए हैं. कड़कड़ाती ठंड की परवाह किए बगैर लोग सूर्य ग्रहण के मोक्ष का इंतजार कर रहे हैं.

सूर्य ग्रहण के कारण घाटों पर उमड़ा भीड़.

सूर्य ग्रहण से घाटों पर उमड़ी भीड़

  • आज 2019 का तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लग रहा है.
  • खंडग्रास सूर्यग्रहण भारत के अलावा श्रीलंका समेत कई अन्य देशों में भी दिखाई देगा.
  • भारत में सुबह 8:20 पर ग्रहण की शुरुआत होगी और 11:25 पर ग्रहण का मोक्ष होगा.
  • इस दौरान मंदिरों के कपाट बीती रात से ही बंद कर दिए गए हैं.
  • काशी विश्वनाथ मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर में आज सुबह मंगला आरती के बाद मंदिरों का कपाट बंद कर दिया गया है.
  • विश्वनाथ मंदिर 11:25 के बाद और अन्नपूर्णा मंदिर 12:25 पर भक्तों के दर्शन के लिए खोला जाएगा.

घाटों पर कोहरे की सफेद चादर होने के बावजूद भी लोग स्नान और दान करने वाले लोग मंदिरों में शरण लिए हुए हैं. महिलाएं लगातार भजन-कीर्तन कर भगवान पर आए कष्ट को कम करने की प्रार्थना कर रही हैं. ग्रहण के मोक्ष काल के बाद लोग गंगा में डुबकी लगाकर दान पुण्य कर भगवान का दर्शन करेंगे.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसी: धर्म संसद का हुआ आयोजन, देश में सुख और शांति इसका उद्देश्य

Intro:वाराणसी: आज इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण है और साल के अंतिम सूर्य ग्रहण के मौके पर पुण्य का भागी बनने के लिए धर्मनगरी वाराणसी के घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ने लगा है. कल देर रात से ही ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिलाओं के साथ पुरुष घाटों पर जमे हुए हैं और ठंड की परवाह किए बगैर सूर्य ग्रहण के मोक्ष का इंतजार कर रहे हैं. इस दौरान महिलाओं की भारी भीड़ ठंड की वजह से मंदिरों में शरण ली हुई है और लगातार भजन-कीर्तन का दौर जारी है.Body:वीओ-01 दरअसल आज 2019 का तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण हो रहा है खंडग्रास सूर्यग्रहण भारत के अलावा श्रीलंका समेत कई अन्य देशों में भी दिखाई देगा भारत में सुबह 8:20 पर ग्रहण की शुरुआत होगी और 11:25 पर ग्रहण का मोक्ष होगा इस दौरान मंदिरों के कपाट कल रात बंद होने के साथ ही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर व अन्नपूर्णा मंदिर में आज सुबह मंगला आरती के बाद मंदिरों को बंद कर दिया गया है अब विश्वनाथ मंदिर 11:25 पर और अन्नपूर्णा मंदिर 12:25 पर भक्तों के दर्शन के लिए खोला जाएगा.Conclusion:वीओ-02 फिलहाल ग्रहण से पहले काशी के घाटों पर कोहरे की सफेद चादर होने की वजह से यहां मौजूद स्नान व दान करने वाले लोग मंदिरों में शरण लिए हुए हैं और लगातार भजन कीर्तन कर भगवान पर आए कष्ट को कम करने की प्रार्थना कर रहे हैं ग्रहण के मोक्ष काल के बाद गंगा में डुबकी लगाकर सभी पुण्य का भागीदार बनते हुए दान पुण्य करने के लिए घाटों पर जुटे हुए हैं.
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