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काशी के इस घर में दिखता है संगीत का अनोखा संगम, तीन कमरों में बने हैं तीन स्टूडियो - यूपी में लॉकडाउन

यूपी के वाराणसी जिले में जेपी मेहता इंटर कॉलेज के पास स्थित अपार्टमेंट के एक फ्लैट में तीन स्टूडियो बनें हैं. यहां एक कमरे में भारतीय संगीत, दूसरे में वेस्टर्न संगीत का स्टूडियो जबकि तीसरे में कराओके गाने की झलक मिलती है.

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तीन कमरों में तीन स्टूडियो.
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Published : Apr 20, 2020, 6:50 PM IST

वाराणसीः काशी को यूं ही धर्म, संस्कृति, अध्यात्म की नगरी नहीं कहते हैं. काशी का कण-कण यहां की संस्कृति, संगीत कला की गवाही देता है. यह वही शहर है, जहां पर पंडित राजन-साजन, पंडित छन्नूलाल मिश्र, बिस्मिल्ला खां, गिरिजा देवी जैसे महान संगीतज्ञ पैदा हुए. काशी उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों है. यहां की हर गली आपको एक अलग सभ्यता, संगीत की पहचान कराती है. ऐसे ही जेपी मेहता इंटर कॉलेज के पास बने एक अपार्टमेंट के फ्लैट में तीन कमरों में अलग-अलग संगीत का स्टूडियो बना हुआ है.

संगीत का अद्भुत संगम.

पहला कमरा
वाराणसी के जेपी मेहता इंटर कॉलेज के पास एक अपार्टमेंट में ईटीवी भारत की टीम पहुंची. यहां एक घर में तीन स्टूडियो देखने को मिला. इस घर के एक कमरे में भारतीय संगीत की झलक देखने को मिली. यहां भारतीय संगीत के वादयंत्रों को रखे गए हैं, जिससे लोग रियाज करते हैं.

दूसरा कमरा
वहीं घर के आंगन को वेस्टर्न म्यूजिक का स्टूडियो बनाकर रखा गया है, जहां पर वेस्टर्न म्यूजिक का रियाज़ किया जाता है. इसके साथ ही साथ उसके यंत्रों को भी रखा गया है. भारतीय संगीत के साथ वेस्टर्न म्यूजिक का यह संगम अद्भुत है.

तीसरा कमरा
वहीं सबसे खूबसूरत तीसरे कमरे का स्टूडियो, जिसमें कराओके गाने की व्यवस्था की गई है. कराओके के मदद से गाने की लिरिक्स को पढ़ कर संगीत को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करने का रियाज किया जाता है. घर के मुखिया अजय सिंह पत्नी के साथ कराओके गाने का रियाज करते हैं.

लॉकडाउन में परिवार को दे रहे समय
ईटीवी भारत की टीम के साथ बात करते हुए शास्त्रीय संगीतकार श्रुति ने बताया कि हमारे लिए लॉकडाउन का दौर नया अनुभव रहा है. हमने पहली बार घर बैठकर अपने प्रोग्राम का फेसबुक के माध्यम से लाइव प्रसारण किया. जबकि अमूमन उन्हें स्टेज शो, विभिन्न जगहों पर जाकर करते हैं, लेकिन यह भी हमारे लिए एक बेहतरीन अनुभव रहा.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: लॉकडाउन से फिर लौटा कैरम का दौर, लोग घरों में व्यतीत कर रहे वक्त

वहीं बांसुरी वादक प्रांजल ने कहा कि हम सबको अपने परिवार वालों के साथ मिलकर लॉकडाउन का समर्थन करना चाहिए और अपने घरों में सुरक्षित रहना चाहिए. पाश्चात्य संगीत की धुन बजाने वाले हेमंत सिंह ने कहा कि इस समय हम सब को घरों में सुरक्षित रह कर नेचर को सिक्योर करना चाहिए. सभी से अपील की कि सभी लोग घर में रहे.

इसे भी पढ़ें- सहारनपुर: कोरोना से बचाव हेतु लोगों को जागरूक कर रहा पांच वर्षीय छात्र

घर के मुखिया अजय सिंह का कहना है कि यह अपने परिवार के साथ समय बिताने का एक अच्छा वक्त है. वह प्रतिदिन अपने परिवार के साथ बैठकर के संगीत के माध्यम से अपनों का साथ देते हैं और एक बेहतरीन समय व्यतीत करते हैं. उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि लोग लॉकडॉउन के दौर में भी अपने परिवार के साथ मिलकर के आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ाएं.

वाराणसीः काशी को यूं ही धर्म, संस्कृति, अध्यात्म की नगरी नहीं कहते हैं. काशी का कण-कण यहां की संस्कृति, संगीत कला की गवाही देता है. यह वही शहर है, जहां पर पंडित राजन-साजन, पंडित छन्नूलाल मिश्र, बिस्मिल्ला खां, गिरिजा देवी जैसे महान संगीतज्ञ पैदा हुए. काशी उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों है. यहां की हर गली आपको एक अलग सभ्यता, संगीत की पहचान कराती है. ऐसे ही जेपी मेहता इंटर कॉलेज के पास बने एक अपार्टमेंट के फ्लैट में तीन कमरों में अलग-अलग संगीत का स्टूडियो बना हुआ है.

संगीत का अद्भुत संगम.

पहला कमरा
वाराणसी के जेपी मेहता इंटर कॉलेज के पास एक अपार्टमेंट में ईटीवी भारत की टीम पहुंची. यहां एक घर में तीन स्टूडियो देखने को मिला. इस घर के एक कमरे में भारतीय संगीत की झलक देखने को मिली. यहां भारतीय संगीत के वादयंत्रों को रखे गए हैं, जिससे लोग रियाज करते हैं.

दूसरा कमरा
वहीं घर के आंगन को वेस्टर्न म्यूजिक का स्टूडियो बनाकर रखा गया है, जहां पर वेस्टर्न म्यूजिक का रियाज़ किया जाता है. इसके साथ ही साथ उसके यंत्रों को भी रखा गया है. भारतीय संगीत के साथ वेस्टर्न म्यूजिक का यह संगम अद्भुत है.

तीसरा कमरा
वहीं सबसे खूबसूरत तीसरे कमरे का स्टूडियो, जिसमें कराओके गाने की व्यवस्था की गई है. कराओके के मदद से गाने की लिरिक्स को पढ़ कर संगीत को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करने का रियाज किया जाता है. घर के मुखिया अजय सिंह पत्नी के साथ कराओके गाने का रियाज करते हैं.

लॉकडाउन में परिवार को दे रहे समय
ईटीवी भारत की टीम के साथ बात करते हुए शास्त्रीय संगीतकार श्रुति ने बताया कि हमारे लिए लॉकडाउन का दौर नया अनुभव रहा है. हमने पहली बार घर बैठकर अपने प्रोग्राम का फेसबुक के माध्यम से लाइव प्रसारण किया. जबकि अमूमन उन्हें स्टेज शो, विभिन्न जगहों पर जाकर करते हैं, लेकिन यह भी हमारे लिए एक बेहतरीन अनुभव रहा.

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वहीं बांसुरी वादक प्रांजल ने कहा कि हम सबको अपने परिवार वालों के साथ मिलकर लॉकडाउन का समर्थन करना चाहिए और अपने घरों में सुरक्षित रहना चाहिए. पाश्चात्य संगीत की धुन बजाने वाले हेमंत सिंह ने कहा कि इस समय हम सब को घरों में सुरक्षित रह कर नेचर को सिक्योर करना चाहिए. सभी से अपील की कि सभी लोग घर में रहे.

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घर के मुखिया अजय सिंह का कहना है कि यह अपने परिवार के साथ समय बिताने का एक अच्छा वक्त है. वह प्रतिदिन अपने परिवार के साथ बैठकर के संगीत के माध्यम से अपनों का साथ देते हैं और एक बेहतरीन समय व्यतीत करते हैं. उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि लोग लॉकडॉउन के दौर में भी अपने परिवार के साथ मिलकर के आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ाएं.

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