वाराणसी: कोविड 19 संक्रमण से ठीक हुए लोगों को अब तीन महीने के बाद टीका दिया जाएगा. वहीं, ऐसे लोग जो टीके की पहली डोज लेने के बाद संक्रमित हुए हैं, उन्हें भी तीन महीने के बाद ही दूसरी डोज लेने की सलाह दी गई है. कोविड 19 टीकाकरण कार्यों और वैक्सीन के प्रभावों की निगरानी कर रहे नेशनल एक्पर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 की सलाह पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश पर वाराणसी स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोविड 19 आपदा को लेकर लगातार बदलते हालात और वैश्विक स्तर पर टीकाकरण से जुड़े वैज्ञानिक साक्ष्यों व अनुभवों को देखते हुए नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड 19 द्वारा यह सलाह दी गई है.
धात्री माताएं भी ले सकती हैं टीका
सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने कहा कि स्तनपान कराने वाली यानी धात्री माताओं को कोविड टीकाकरण कराने को लेकर कई तरह की बातें की जा रही थीं. सोशल मीडिया पर कोविड का टीका स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए घातक बताया जा रहा था, लेकिन एक्पर्ट ग्रुप के अनुसार सभी धात्री माताएं टीका ले सकती हैं. गंभीर रूप से बीमार लोग 4 से 8 सप्ताह बाद टीका ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमित रोगियों को यदि एंटी सार्स 2 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दिया गया है तो ऐसे लोग अस्पताल से निकलने के तीन माह बाद टीका ले सकते हैं. साथ ही वैसे सभी लोग जो बीमार हैं और जिन्हें अस्पताल या आईसीयू में देखभाल की जरूरत है, उन्हें कोविड का टीका 4 से 8 सप्ताह बाद तक लगाया जा सकता है.
14 दिन बाद कर सकते हैं रक्तदान
सीएमओ ने बताया कि कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति कोविड काल में रक्तदान कर सकता है. ऐसे लोग जिनका टीकाकरण हुआ है, वे टीकाकरण के 14 दिन बाद रक्तदान कर सकते हैं. जो कोविड संक्रमित हुए और फिर उनका आरटीपीसीआर निगेटिव आ गया है तो वे भी 14 दिन बाद रक्तदान कर सकते हैं. एक्सपर्ट ग्रुप ने कहा कि स्तनपान कराने वाली महिला भी कोविड 19 टीकाकरण करा सकती है. साथ ही यह भी सलाह दी है कि कोविड टीकाकरण से पूर्व वैक्सीन लेने वाले लोगों के रैपिड एंटीजेन टेस्ट की जरूरत नहीं होती है.
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प्रभावी तरीके से अनुपालन का निर्देश
सीएमओ ने कहा कि मंत्रालय द्वारा आदेश जारी होने के बाद जनपद स्तर के भी संबंधित अधिकारियों को इन सिफारिशों के अनुपालन को प्रभावी तरीके से सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है. साथ ही इन सिफारिशों और जानकारियों को कोविड रोकथाम एवं टीकाकरण से संबंधित सेवा देने वाले लोगों तक पहुंचाने के लिए स्थानीय भाषा का उपयोग करते हुए मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार का आदेश दिया है. साथ ही सभी स्तर पर टीकाकरण कार्य में लगे लोगों को इस संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण भी मुहैया कराने की कवायद शुरू की जाएगी.