वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह से बैन कर लोगों से देसी तरीकों का इस्तेमाल करने की अपील कर रहे हैं. इसे लेकर प्रदेश सरकार भी काफी सजग दिख रही है. इन सब के बीच अब पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्लास्टिक छोड़ देसी तरीकों से कुछ नया और अनोखा प्रयास किया जा रहा है. इस प्रयास में टेराकोटा से बने बर्तन को तैयार कराया गया है, जिनमें सबसे खास है मिट्टी की बनी बोतल और ग्लास, जिसे सरकारी बैठकों में पहुंचाने की तैयारी की गई है.
टेराकोटा एक ऐसी आर्ट है, जिससे काफी खूबसूरत मूर्तियां तैयार करने का काम तक होता रहा है, लेकिन मूर्तियों और शोपीस के अलावा प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद कुछ ऐसी चीजें भी तैयार कराई जा रही हैं, जो अपने आप में अनोखी हैं. इनमें पानी की आधा लीटर से लेकर ढाई लीटर तक की बोतल, पानी पीने का गिलास, दूध का गिलास, बीयर मग समेत कई अन्य तरह के मिट्टी के बर्तन भी तैयार कराए जा रहे हैं.
सबसे खास बात यह है कि गुजरात में इन सारे प्रोडक्ट को तैयार करवाया जा रहा है. वहीं जिले में कुछ व्यापारी इसे सरकारी स्तर के बैठकों में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. टेराकोटा की बनी बोतल लोगों को पसंद भी आ रही हैं. हाल ही में एक प्रदर्शनी में यूनियन बैंक समेत कई बैंकों की तरफ से इसके बड़े आर्डर भी मिल चुके हैं और अब मुख्यमंत्री से लेकर अन्य अधिकारियों की बैठक में इसे ट्रायल के तौर पर ले जाने की तैयारी चल रही है, ताकि प्लास्टिक की छोटी और बड़ी बोतलों को सरकारी बैठकों से हटाकर उनकी जगह इस देसी बोतल और गिलास को ही रखा जा सके.
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इसके अलावा इस प्रयास के बल पर लगभग 100 से ज्यादा किसान-कुम्हार परिवारों को रोजगार भी मिलने जा रहा है. गुजरात में इनकी ट्रेनिंग की जा रही है, जिनको बनारस में तैयार करवाने का काम होगा.
यह प्रयास सफल होगा या नहीं यह तो भविष्य के गर्त में हैं, लेकिन इसके बल पर प्रधानमंत्री मोदी का प्लास्टिक हटाओ का सपना पूरा कर लोगों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है.-शरद श्रीवास्तव, टेराकोटा आर्टिस्ट