वाराणसी: आज काशीवासियों के साथ ही पूरे हिन्दुस्तान और विश्व के सनातनधर्मियों के लिए गौरव का क्षण है और इस भव्य लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होकर हम खुद को धन्य मान रहे हैं. ये बातें संत समाज की ओर से कही गई. वहीं, इस कार्यक्रम की भव्यता को बढ़ाने के लिए 3000 से अधिक विशिष्ट व अति विशिष्ट जनों को आमंत्रित किया गया था. इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वाराणसी में बड़ी संख्या में आज संत समुदाय भी जुटा है. दशाश्वमेध और गोदौलिया पर ही सारे वाहनों को रोक दिया जा रहा है और यहां पर लगाए गए गोल्फ कार्ट के जरिए विशिष्ट अतिथि और संत समुदाय के लोगों को मंदिर तक पहुंचाया जा रहा है.
इस दौरान ईटीवी भारत ने यहां पहुंचे संतों से बातचीत की और संत बेहद खुश नजर आए. वाराणसी धर्म और अध्यात्म की नगरी कही जाती है. वहीं, इस आध्यात्मिक नगरी का आज एक अद्भुत रूप देखने को मिल रहा है, क्योंकि बाबा विश्वनाथ के धाम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाला है.
इसके पहले विश्वनाथ धाम में बड़ी संख्या में संतों का जुटान शुरू हो चुका है. दूर-दूर से आए 250 से ज्यादा संत बनारस के अलग-अलग हिस्सों से मंदिर पहुंचने लगे हैं. दशाश्वमेध घाट पर वीआईपी एंट्री भी प्रतिबंधित की गई है और वाहन किसी भी हाल में मंदिर तक नहीं जा रहे हैं.
यहां पर ई-रिक्शा और गोल्फ कार्ड के जरिए वीआईपी और संत समुदाय के अलावा अति विशिष्ट विशिष्ट लोगों को मंदिर तक पहुंचाया जा रहा है. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए संतों ने अपनी खुशी का इजहार किया और कहा कि यह दिन सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ा दिन है.
सनातन धर्म की विजय का दिवस है. बाबा विश्वनाथ के मंदिर की भव्यता निश्चित तौर पर हर किसी को गौरवान्वित करने वाली है. वहीं, संत समुदाय के लोग शंखनाद के साथ बाबा विश्वनाथ के मंदिर तक पहुंच रहे हैं.
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