वाराणसी: बनारस में पर्यटकों के लिए गंगा उस पार बसाई गई टेंट सिटी का 13 जनवरी को उद्घाटन होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों उद्घाटन से पहले ही 15, 16 और 17 जनवरी के लिए सारे टेंट बुक हो चुके हैं. 5 सालों के कॉन्ट्रैक्ट के तहत इस टेंट सिटी का निर्माण हुआ है और पहले साल के लिए 240 टेंट बनकर तैयार हुए हैं, लेकिन इस टेंट सिटी के शुरू होने से पहले ही सियासत भी शुरू हो गई है. एक तरफ जहां कांग्रेस इस टेंट सिटी पर सवाल उठा रही है, तो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस टेंट सिटी को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किए हैं.
सवाल यही है कि क्या टेंट सिटी में रहने वाले लोगों के जरिए निकलने वाले अपशिष्ट क्या गंगा को प्रदूषित नहीं करेंगे और क्या गंगा किनारे गंदगी नहीं होगी. इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने के लिए हमने पड़ताल की और यह जानने का प्रयास किया कि क्या वाकई में टेंट सिटी से निकलने वाले अपशिष्ट के प्रबंधन की उचित व्यवस्था है या फिर सब कुछ हवा-हवाई है. हमारी इस पड़ताल में जो चीजें सामने आईं, उसमें यह स्पष्ट हो गया किसवाल बिना जानकारी के उठाए गए हैं और इनके पीछे की हकीकत कुछ और है.
दरअसल वाराणसी की टेंट सिटी उत्तर प्रदेश में पहली बार पर्यटकों के लिए बनाई गई अद्भुत व्यवस्था और टूरिस्ट पॉइंट ऑफ व्यू से एक अलग नजरिया देखने को मिला है. राजस्थान और गुजरात की तर्ज पर बनारस में इस प्रयास के जरिए पर्यटकों को उत्तर प्रदेश तक लाने की कवायद कहीं ना कहीं से आने वाले भविष्य में भी बड़ा फायदा पहुंचाएगी, लेकिन इन सबके बीच यह सवाल जरूरी है कि आखिर गंगा किनारे बसाई जा रही इस टेंट सिटी से क्या गंगा की निर्मलता कर अविरलता पर फर्क पड़ेगा या फिर प्रधानमंत्री मोदी के गंगा स्वच्छता के मिशन को ध्यान में रखकर सारी व्यवस्था की गई है?
यह सवाल उठना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि विपक्ष को टेंट सिटी ने बोलने का मौका दे दिया है. कांग्रेस नेता अजय राय का कहना है कि बनारस में तो टेंट सिटी की कोई जरूरत ही नहीं थी यहां पर पहले से ही लोग अध्यात्म और धर्म की खोज में आते हैं. धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेते हैं टेंट सिटी बसाकर सिर्फ कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है और इसके जरिए गंगा की अविरलता और निर्मलता भी प्रभावित होगी. अजय राय ने सवाल उठाया है कि आखिर यहां पर रहने वाले लोगों का निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ कहां जाएगा. उसे गंगा में ही ले जाया जाएगा, वहां पर होने वाली तमाम गंदगी या कैसे फैलने से रोका जाएगा.
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