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वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई मंदिर संवारे जाएंगे, टूरिज्म हब तैयार होगा

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Published : Jun 30, 2023, 5:04 PM IST

Updated : Jun 30, 2023, 5:11 PM IST

वाराणसी (varanshi) समेत पूर्वांचल के मंदिरों को संवारने की तैयारी हो रही है. इन्हें टूरिज्म हब (tourism hub) के रूप में विकसित करने की योजना है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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वाराणसीः वाराणसी में लगातार बढ़ते टूरिस्टों की संख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पूरे पूर्वांचल की पर्यटन की तस्वीर को बदलने के लिए तैयार है. इस तस्वीर में ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ प्राचीन मंदिरों को भी विकसित करने की योजना है. इसके तहत बकायदा 50 करोड़ का बजट भी पास किया गया है. इसके अंतर्गत वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली के मंदिरों को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां आने वाले लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी.

पूर्वांचल के पर्यटन स्थलों की बदलेगी तस्वीर.

दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार टूरिज्म के क्षेत्र में भी अधिक ध्यान दे रही है. सरकार का प्लान प्रदेश भर के टूरिज्म के क्षेत्रों का विकास करना और उनका सौंदर्यीकरण करना है. इससे विरासत का संरक्षण तो होगा ही. साथ ही साथ वहां के रहने वाले लोगों को भी इसका फायदा पहुंचेगा, इसी क्रम में वाराणसी जिले में भी सभी टूरिज्म के क्षेत्रों और तीर्थ क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है. यहां के मंदिरों के सौंदर्यीकरण और उनके डेवलेपमेंट की योजना तैयार की गई है, जिससे पूर्वांचल को एक बड़े टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जा सके.इस बारे में पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि पूर्वांचल में अगर बनारस मंडल को देखें तो बनारस, जौनपुर, चंदौली और गाजीपुर इन चार जिलों का ये मंडल है. इसमें से वाराणसी अधिक प्रसिद्ध है. इसके साथ ही चंदौली वन क्षेत्र के रूप में बहुत ही प्रसिद्ध है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता को ध्यान में रखकर प्रस्ताव बने हैं. गाजीपुर ऐतिहासिक है. यहां पर भी बहुत से स्पॉट ऐसे हैं, जिनको इस वित्तीय वर्ष में डेवलप किया जा रहा है. गाजीपुर में कबीरमठ व मौनी बाबा मठ का प्रस्ताव है, जिसे हम डेवलप करेंगे. इसके साथ ही चंदौली के शालिग्राम मंदिर, महावीर मंदिर, हनुमान मंदिर को विकसित करने का प्रस्ताव भी है.

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टूरिज्म का सबसे बड़ा हब बनेगा पूर्वांचल.

पूर्वांचल को टूरिज्म हब के रूप में करेंगे विकसित: उन्होंने बताया कि ये सभी प्राथमिकता में हैं. आने वाले समय में हम इन स्थलों के विकास करने का प्रस्ताव शासन को भेजकर स्वीकृत कराएंगे. ये योजनाएं अनुमोदित हो गई है. इनको पूरी करने की प्रक्रिया की जा रही है. वहीं पूर्वांचल को बहुत बड़े टूरिज्म हब के रूप में डेवलप करने का प्रस्ताव है. इसमें करीब 50 करोड़ तक के प्रस्ताव को हम ले रहे हैं. जल्द से जल्द इन चारों जिलों में काम शुरू कर दिया जाएगा. पूर्वांचल एक टूरिज्म हब के रूप में पहचाना जाएगा.

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काशी मंडल के टूरिस्ट प्लेस विकसित किए जाएंगे.

उन्होनें बताया कि वाराणसी के जैनमंदिर, चंद्रावती चोलापुर ये दोनों ही हमारी प्राथमिकता में हैं. दोनों ही योजनाओं को हमने अनुमोदित कराया है. चंद्रावती में काम शुरू भी हो चुका है. जल्द से जल्द अन्य स्थलों पर भी हम काम शुरू करने जा रहे हैं. वहीं, रविदास मंदिर भी हमारी प्राथमिकता में है. रविदास मंदिर पर पहले से एक कार्ययोजना अनुमोदित है, जिसका कार्य चल रहा है जो काम छूट जा रहे हैं उन्हें हम नए प्रस्ताव के रूप में लेकर जल्द से जल्द शुरू करने जा रहे हैं. रविदास मंदिर के प्रांगण में सौंदर्यीकरण और मूलभूत सुविधाओं का प्रस्ताव है.

वाराणसी मंडल में मंदिरों और घाटों का होगा सौंदर्यीकरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में मंदिरों के विकास का काम तेजी से चल रहा है. इसके साथ ही साथ वाराणसी के घाटों के भी सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है. वहीं, कुछ नए घाटों का निर्माण भी किया जाना है और कुछ का निर्माण किया जा चुका है. इसके साथ ही यहां स्थित पुराने मंदिरों जो कि टूरिस्ट प्लेस में भी आते हैं, उनका सौंदर्यीकरण किया जाना है. यहां पर रविदास मंदिर और जैनमंदिर लोगों के बीच प्रसिद्ध है. पर्यटन विभाग की तरफ से वाराणसी मंडल के सभी बड़े मंदिरों के विकास के लिए काम किया जा रहा है.


ये भी पढ़ेंः रायबरेली में जयमाल से पहले प्रेमी संग भागी दुल्हन, दुखी दूल्हे ने की जान देने की कोशिश

वाराणसीः वाराणसी में लगातार बढ़ते टूरिस्टों की संख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पूरे पूर्वांचल की पर्यटन की तस्वीर को बदलने के लिए तैयार है. इस तस्वीर में ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ प्राचीन मंदिरों को भी विकसित करने की योजना है. इसके तहत बकायदा 50 करोड़ का बजट भी पास किया गया है. इसके अंतर्गत वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली के मंदिरों को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां आने वाले लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी.

पूर्वांचल के पर्यटन स्थलों की बदलेगी तस्वीर.

दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार टूरिज्म के क्षेत्र में भी अधिक ध्यान दे रही है. सरकार का प्लान प्रदेश भर के टूरिज्म के क्षेत्रों का विकास करना और उनका सौंदर्यीकरण करना है. इससे विरासत का संरक्षण तो होगा ही. साथ ही साथ वहां के रहने वाले लोगों को भी इसका फायदा पहुंचेगा, इसी क्रम में वाराणसी जिले में भी सभी टूरिज्म के क्षेत्रों और तीर्थ क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है. यहां के मंदिरों के सौंदर्यीकरण और उनके डेवलेपमेंट की योजना तैयार की गई है, जिससे पूर्वांचल को एक बड़े टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जा सके.इस बारे में पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि पूर्वांचल में अगर बनारस मंडल को देखें तो बनारस, जौनपुर, चंदौली और गाजीपुर इन चार जिलों का ये मंडल है. इसमें से वाराणसी अधिक प्रसिद्ध है. इसके साथ ही चंदौली वन क्षेत्र के रूप में बहुत ही प्रसिद्ध है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता को ध्यान में रखकर प्रस्ताव बने हैं. गाजीपुर ऐतिहासिक है. यहां पर भी बहुत से स्पॉट ऐसे हैं, जिनको इस वित्तीय वर्ष में डेवलप किया जा रहा है. गाजीपुर में कबीरमठ व मौनी बाबा मठ का प्रस्ताव है, जिसे हम डेवलप करेंगे. इसके साथ ही चंदौली के शालिग्राम मंदिर, महावीर मंदिर, हनुमान मंदिर को विकसित करने का प्रस्ताव भी है.

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टूरिज्म का सबसे बड़ा हब बनेगा पूर्वांचल.

पूर्वांचल को टूरिज्म हब के रूप में करेंगे विकसित: उन्होंने बताया कि ये सभी प्राथमिकता में हैं. आने वाले समय में हम इन स्थलों के विकास करने का प्रस्ताव शासन को भेजकर स्वीकृत कराएंगे. ये योजनाएं अनुमोदित हो गई है. इनको पूरी करने की प्रक्रिया की जा रही है. वहीं पूर्वांचल को बहुत बड़े टूरिज्म हब के रूप में डेवलप करने का प्रस्ताव है. इसमें करीब 50 करोड़ तक के प्रस्ताव को हम ले रहे हैं. जल्द से जल्द इन चारों जिलों में काम शुरू कर दिया जाएगा. पूर्वांचल एक टूरिज्म हब के रूप में पहचाना जाएगा.

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काशी मंडल के टूरिस्ट प्लेस विकसित किए जाएंगे.

उन्होनें बताया कि वाराणसी के जैनमंदिर, चंद्रावती चोलापुर ये दोनों ही हमारी प्राथमिकता में हैं. दोनों ही योजनाओं को हमने अनुमोदित कराया है. चंद्रावती में काम शुरू भी हो चुका है. जल्द से जल्द अन्य स्थलों पर भी हम काम शुरू करने जा रहे हैं. वहीं, रविदास मंदिर भी हमारी प्राथमिकता में है. रविदास मंदिर पर पहले से एक कार्ययोजना अनुमोदित है, जिसका कार्य चल रहा है जो काम छूट जा रहे हैं उन्हें हम नए प्रस्ताव के रूप में लेकर जल्द से जल्द शुरू करने जा रहे हैं. रविदास मंदिर के प्रांगण में सौंदर्यीकरण और मूलभूत सुविधाओं का प्रस्ताव है.

वाराणसी मंडल में मंदिरों और घाटों का होगा सौंदर्यीकरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में मंदिरों के विकास का काम तेजी से चल रहा है. इसके साथ ही साथ वाराणसी के घाटों के भी सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है. वहीं, कुछ नए घाटों का निर्माण भी किया जाना है और कुछ का निर्माण किया जा चुका है. इसके साथ ही यहां स्थित पुराने मंदिरों जो कि टूरिस्ट प्लेस में भी आते हैं, उनका सौंदर्यीकरण किया जाना है. यहां पर रविदास मंदिर और जैनमंदिर लोगों के बीच प्रसिद्ध है. पर्यटन विभाग की तरफ से वाराणसी मंडल के सभी बड़े मंदिरों के विकास के लिए काम किया जा रहा है.


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Last Updated : Jun 30, 2023, 5:11 PM IST
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