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11 महीने से वेतन से नहीं मिला वेतन, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के बाहर धरने पर बैठे शिक्षक

लखनऊ के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर तदर्थ शिक्षक वेतन भुगतान और सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है.

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Published : Jun 21, 2023, 10:47 PM IST

लखनऊ: वेतन भुगतान और सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर तदर्थ शिक्षकों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया. प्रदेशभर से आए शिक्षकों का कहना था कि वेतन के लिए शिक्षक विभाग के अधिकारियों से लेकर सरकार के मंत्रियों तक चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा है. प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना कि प्रदेश के 20 से 25 जिलों में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को पिछले 11 माह से वेतन नहीं मिला है.

वेतन नहीं मिलने पर धरने पर बैठे शिक्षक
वेतन नहीं मिलने पर धरने पर बैठे शिक्षक

यूपी बोर्ड में तदर्थ शिक्षको का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक के सामने रखी मांग है. निदेशक के अपील के बाद भी शिक्षकों का अनिश्चित कालीन धरना जारी है. शिक्षकों की चेतवानी, जबतक वेतन निर्गत नहीं होता धरना रहेगा जारी. संयोजक माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश राजमणि सिंह ने कहा ही डायरेक्टर माध्यमिक महेंद्र देव धरना स्थल पर आए थे. हमारे मांग पत्र को लिया उन्होंने और ऊपर तक बात करने की बात की परंतु सदर शिक्षकों की प्रतिज्ञा और संकल्प है. जब तक हमारा वेतन नहीं जा रही हो जाता तब तक हम लोग अनवरत याचना कार्यक्रम को चलाएंगे. इसलिए याचना कार्यक्रम लगातार चलता रहेगा जब तक वेतन नहीं निर्गत हो जाता है. या जब तक कोई ठोस आश्वासन या लिखित आदेश हम सभी को नहीं प्राप्त हो जाता है.

वेतन नहीं मिलने पर धरने पर बैठे शिक्षक
वेतन नहीं मिलने पर धरने पर बैठे शिक्षक

तदर्थ शिक्षकों को मिला आप का समर्थन:शिक्षा निदेशालय पर चल रहे तदर्थ शिक्षकों के धरना प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी ने समर्थन दिया. आम आदमी पार्टी यूपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने तदर्थ शिक्षकों के बकाये वेतन का भुगतान कराने की सरकार से मांग की. उन्होंने कहा कि तदर्थ शिक्षकों को पिछले 1 साल से वेतन नहीं मिला है. शिक्षक अधिकारियों से लेकर भाजपा मंत्रियों तक चक्कर लगाते रहे. इसके बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. शिक्षक और उनका पूरा परिवार संकट के दौर से चल रहा है. योगी सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है. इससे पहले भी योगी सरकार के शासनकाल में शिक्षामित्रों और शिक्षा अनुदेशकों ने अपनी जायज मांगों को पूरा कराने के लिए धरना प्रदर्शन किया, महिला शिक्षकों ने सर मूढ़वाया लेकिन योगी सरकार गूंगी बहरी बनी रही. प्रदेश में जहां एक तरफ बेरोजगारी लगातार चरम सीमा पर बढ़ती जा रही है.

यह भी पढ़ें: Aligarh में अंग्रेजी शराब के ठेके को हटाने के लिए महिलाओं का प्रदर्शन, दुकान के सामने धरने पर बैठीं

लखनऊ: वेतन भुगतान और सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर तदर्थ शिक्षकों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया. प्रदेशभर से आए शिक्षकों का कहना था कि वेतन के लिए शिक्षक विभाग के अधिकारियों से लेकर सरकार के मंत्रियों तक चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा है. प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना कि प्रदेश के 20 से 25 जिलों में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को पिछले 11 माह से वेतन नहीं मिला है.

वेतन नहीं मिलने पर धरने पर बैठे शिक्षक
वेतन नहीं मिलने पर धरने पर बैठे शिक्षक

यूपी बोर्ड में तदर्थ शिक्षको का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक के सामने रखी मांग है. निदेशक के अपील के बाद भी शिक्षकों का अनिश्चित कालीन धरना जारी है. शिक्षकों की चेतवानी, जबतक वेतन निर्गत नहीं होता धरना रहेगा जारी. संयोजक माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश राजमणि सिंह ने कहा ही डायरेक्टर माध्यमिक महेंद्र देव धरना स्थल पर आए थे. हमारे मांग पत्र को लिया उन्होंने और ऊपर तक बात करने की बात की परंतु सदर शिक्षकों की प्रतिज्ञा और संकल्प है. जब तक हमारा वेतन नहीं जा रही हो जाता तब तक हम लोग अनवरत याचना कार्यक्रम को चलाएंगे. इसलिए याचना कार्यक्रम लगातार चलता रहेगा जब तक वेतन नहीं निर्गत हो जाता है. या जब तक कोई ठोस आश्वासन या लिखित आदेश हम सभी को नहीं प्राप्त हो जाता है.

वेतन नहीं मिलने पर धरने पर बैठे शिक्षक
वेतन नहीं मिलने पर धरने पर बैठे शिक्षक

तदर्थ शिक्षकों को मिला आप का समर्थन:शिक्षा निदेशालय पर चल रहे तदर्थ शिक्षकों के धरना प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी ने समर्थन दिया. आम आदमी पार्टी यूपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने तदर्थ शिक्षकों के बकाये वेतन का भुगतान कराने की सरकार से मांग की. उन्होंने कहा कि तदर्थ शिक्षकों को पिछले 1 साल से वेतन नहीं मिला है. शिक्षक अधिकारियों से लेकर भाजपा मंत्रियों तक चक्कर लगाते रहे. इसके बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. शिक्षक और उनका पूरा परिवार संकट के दौर से चल रहा है. योगी सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है. इससे पहले भी योगी सरकार के शासनकाल में शिक्षामित्रों और शिक्षा अनुदेशकों ने अपनी जायज मांगों को पूरा कराने के लिए धरना प्रदर्शन किया, महिला शिक्षकों ने सर मूढ़वाया लेकिन योगी सरकार गूंगी बहरी बनी रही. प्रदेश में जहां एक तरफ बेरोजगारी लगातार चरम सीमा पर बढ़ती जा रही है.

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