वाराणसी: गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक कमेटी बना दी है. जिसे लेकर एक देश एक कानून की मांग की तरफ इसे पहला कदम माना जा रहा है. इसे लेकर वाराणसी में संत समाज ने गुजरात सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए गुजरात कैबिनेट का फैसला ऐतिहासिक है. अखिल भारतीय संत समिति इसका स्वागत करती है.
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि बहुत दिनों से यह चर्चा चल रही थी कि एक देश और एक कानून बहुसंख्यक के लिए अलग कानून, अल्पसंख्यक के लिए अलग कानून, अगड़े के लिए अलग कानून, पिछड़े के लिए कानून. ऐसे कानूनों की श्रृंखला में यह देश एकजुट कहां रह पाता. एक दिन ऐसा आता कि यह देश टूटता और बिखर जाता. इस बिखराव से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व में चल रही गुजरात की भूपेंद्र भाई पटेल की सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है. अखिल भारतीय संत समिति इस निर्णय का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात सरकार को साधुवाद देती है.
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता की दिशा में सरदार वल्लभभाई पटेल से लेकर वर्तमान की पीढ़ी तक पुन: गुजरात ने राह दिखाई है. गुजरात सरकार की पहल अनुकरणीय है. देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए समय-समय पर ऐसे ठोस निर्णय लेते रहने चाहिए.
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