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मदनी के बयान पर भड़के स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती, बोले-इन्हें इतिहास पढ़ने की जरूरत है - Madani statement

वाराणसी में स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती ने मौलाना मदनी के बयान के पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन्होंने इतिहास सही से नहीं पढ़ा है. मौलान मुझे कोई 1000 हजार साल पुराना आर्किटेक्ट बता दें.

स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती
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Published : Feb 12, 2023, 4:39 PM IST

मदनी के बयान पर भड़के स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में अभी तक श्रीरामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के अनर्गल बयान का आक्रोश था. अब मौलाना मदनी ने विवादित बयान दे दिया. जिसके बाद काशी के संतों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. जिस पर सभी संत अपनी प्रक्रिया दे रहे हैं.

स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती
स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती

दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रहे जमीयत- उलमा- ए-हिंद के 34 वें अधिवेशन में संस्था के अध्यक्ष मौलाना मसूद मदनी ने इस्लाम को सबसे पुराना धर्म बताया है. जिसको लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में तमाम धर्मगुरु संत समाज इसका विरोध कर रहे हैं. ऐसे में काशी में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी अपना विरोध दर्ज कराया है.

स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती ने कहा कि मौलाना मदनी के बयान के बाद लगता है. भारत में सारे कुकर्म के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. इस देश के लोगों को इतिहास सही से नहीं पढ़ाया गया. अखिल भारतीय संत समिति यह मांग करती है. भारत सरकार को तथ्यों के आधार पर उन्हें इतिहास लेखन का कार्य करना चाहिए. मदनी साहब इस्लाम को दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बता रहे हैं. बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतमबुद्ध ने नेपाली भाषा में कहा था कि मैं कोई संप्रदाय नहीं चला रहा हूं, यह सनातन धर्म ही है. मौलाना मदनी और स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से लगता है कि इन दोनों ने देश का सही से इतिहास नहीं पढ़ा है.

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री ने कहा कि टर्की और सीरिया में आए भूकंप में 3000 वर्ष पुराने मंदिर मिले हैं. चीन के अंदर भी 5000 वर्ष पुराने मंदिर मिले हैं. गुजरात में 5000 वर्ष पुराना मंदिर है. मैं मदनी को चैलेंज देता हूं कि वह मुस्लिमों से जुड़ा 1000 वर्ष पुराना कोई आर्किटेक्ट उपलब्ध करा दें, इसके बाद बहस करें. अन्यथा देश की जनता को गुमराह करना बंद करें.

यह भी पढ़ें:Ramcharitmanas Controversy : अखिलेश ने दिया स्वामी प्रसाद का साथ तो फिर क्यों पहुंचे तुलसीदास के द्वार?

मदनी के बयान पर भड़के स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में अभी तक श्रीरामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के अनर्गल बयान का आक्रोश था. अब मौलाना मदनी ने विवादित बयान दे दिया. जिसके बाद काशी के संतों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. जिस पर सभी संत अपनी प्रक्रिया दे रहे हैं.

स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती
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दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रहे जमीयत- उलमा- ए-हिंद के 34 वें अधिवेशन में संस्था के अध्यक्ष मौलाना मसूद मदनी ने इस्लाम को सबसे पुराना धर्म बताया है. जिसको लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में तमाम धर्मगुरु संत समाज इसका विरोध कर रहे हैं. ऐसे में काशी में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी अपना विरोध दर्ज कराया है.

स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती ने कहा कि मौलाना मदनी के बयान के बाद लगता है. भारत में सारे कुकर्म के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. इस देश के लोगों को इतिहास सही से नहीं पढ़ाया गया. अखिल भारतीय संत समिति यह मांग करती है. भारत सरकार को तथ्यों के आधार पर उन्हें इतिहास लेखन का कार्य करना चाहिए. मदनी साहब इस्लाम को दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बता रहे हैं. बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतमबुद्ध ने नेपाली भाषा में कहा था कि मैं कोई संप्रदाय नहीं चला रहा हूं, यह सनातन धर्म ही है. मौलाना मदनी और स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से लगता है कि इन दोनों ने देश का सही से इतिहास नहीं पढ़ा है.

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री ने कहा कि टर्की और सीरिया में आए भूकंप में 3000 वर्ष पुराने मंदिर मिले हैं. चीन के अंदर भी 5000 वर्ष पुराने मंदिर मिले हैं. गुजरात में 5000 वर्ष पुराना मंदिर है. मैं मदनी को चैलेंज देता हूं कि वह मुस्लिमों से जुड़ा 1000 वर्ष पुराना कोई आर्किटेक्ट उपलब्ध करा दें, इसके बाद बहस करें. अन्यथा देश की जनता को गुमराह करना बंद करें.

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