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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जारी किया हिंदू घोषणा पत्र

धर्म नगरी वाराणसी में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने हिंदू घोषणा पत्र जारी किया. यह घोषणा पत्र 21 अप्रैल को वाराणसी में होने वाले संत समाज के सम्मेलन में पारित किया जाएगा.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने घोषणा पत्र जारी किया.
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Published : Apr 14, 2019, 5:30 PM IST

वाराणसी : केदार घाट स्थित विद्या मठ में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने हिंदू घोषणा पत्र जारी कर लोगों से सनातन धर्म के हित में बातें करने वाली पार्टी को समर्थन देने की अपील की है. स्वामी जी ने कहा कि सनातन धर्म के लोगों की संख्या इस देश में 100 करोड़ से भी ज्यादा है.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने घोषणा पत्र के मुद्दों की जानकारी दी.
  • अविमुक्तेश्वरानंद के हिंदू घोषणा पत्र में सनातन धर्म से जुड़े हुए मुद्दों को शामिल किया है.
  • इस घोषणापत्र में राम मंदिर को लेकर मां गंगा और गौ हत्या सहित कुल 27 ऐसे मुद्दे हैं.

पार्टियों के घोषणा पत्र में नहीं है सनातन धर्म के मुद्दे
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह भी कहा कि सनातन धर्म के लोगों का आदर इस देश में नहीं हो रहा है. कुछ मुट्ठी भर लोग आते हैं और अपनी बात करते हैं. उनकी बातें सभाएं तक ही सीमित रह जाती हैं. सनातन धर्म के लोगों की जो प्रमुख समस्याएं हैं. उनके बारे में न तो कोई बात कर रहा है और न कोई राजनीतिक दल इसे उठा रहा है. गौरक्षा पर सभी सनातन धर्म के लोग एक हैं, लेकिन सत्ता पक्ष पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की घोषणा पत्र 2019 और कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में कहीं भी इस मुद्दे पर बात नहीं की गई है.


ऐसी पार्टी को देंगे वोट
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सत्ता में जो लोग हैं और जो लोग सत्ता की प्राप्ति के लिए सपने देख रहे हैं, अगर सनातन धर्म के लोगों की अनदेखी कर रहे हैं. अब तो मैं यही कहूंगा जो पार्टी काशी में टूटी हुई मूर्तियां उसी स्थान पर स्थापित करेंगी, हम अपना वोट उन्हीं को देंगे.

वाराणसी : केदार घाट स्थित विद्या मठ में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने हिंदू घोषणा पत्र जारी कर लोगों से सनातन धर्म के हित में बातें करने वाली पार्टी को समर्थन देने की अपील की है. स्वामी जी ने कहा कि सनातन धर्म के लोगों की संख्या इस देश में 100 करोड़ से भी ज्यादा है.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने घोषणा पत्र के मुद्दों की जानकारी दी.
  • अविमुक्तेश्वरानंद के हिंदू घोषणा पत्र में सनातन धर्म से जुड़े हुए मुद्दों को शामिल किया है.
  • इस घोषणापत्र में राम मंदिर को लेकर मां गंगा और गौ हत्या सहित कुल 27 ऐसे मुद्दे हैं.

पार्टियों के घोषणा पत्र में नहीं है सनातन धर्म के मुद्दे
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह भी कहा कि सनातन धर्म के लोगों का आदर इस देश में नहीं हो रहा है. कुछ मुट्ठी भर लोग आते हैं और अपनी बात करते हैं. उनकी बातें सभाएं तक ही सीमित रह जाती हैं. सनातन धर्म के लोगों की जो प्रमुख समस्याएं हैं. उनके बारे में न तो कोई बात कर रहा है और न कोई राजनीतिक दल इसे उठा रहा है. गौरक्षा पर सभी सनातन धर्म के लोग एक हैं, लेकिन सत्ता पक्ष पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की घोषणा पत्र 2019 और कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में कहीं भी इस मुद्दे पर बात नहीं की गई है.


ऐसी पार्टी को देंगे वोट
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सत्ता में जो लोग हैं और जो लोग सत्ता की प्राप्ति के लिए सपने देख रहे हैं, अगर सनातन धर्म के लोगों की अनदेखी कर रहे हैं. अब तो मैं यही कहूंगा जो पार्टी काशी में टूटी हुई मूर्तियां उसी स्थान पर स्थापित करेंगी, हम अपना वोट उन्हीं को देंगे.

Intro:लोकसभा चुनाव 2019 में जहां एक तरफ राजनीतिक दल अपने घोषणापत्र जारी कर जनता को लुभाने में लगी है तो वही धर्म की नगरी वाराणसी में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने हिंदू घोषणा पत्र जारी किया।
इस घोषणापत्र में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जारी किया और बताया कि 21 अप्रैल को वाराणसी में होने वाले संत समाज के विद्युत सम्मेलन में पारित किया जाएगा।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद के हिंदू घोषणा पत्र में सनातन धर्म से जुड़े हुए मुद्दों को शामिल किया इस घोषणापत्र में राम मंदिर को लेकर मां गंगा और गौ हत्या सहित कुल 27 ऐसे मुद्दे हैं जो सनातन धर्म के लोग लगातार मांग करते आ रहे हैं।


बाइट :-- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, शिष्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती


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Body: वाराणसी के केदार घाट स्थित विद्या मठ में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने हिंदू घोषणा पत्र जारी कर सनातन धर्म के लोगों से सनातन धर्म के हित में बातें करने वाली पार्टी को समर्थन देने की अपील किया स्वामी जी ने कहा कि सनातन धर्म के लोगों की संख्या इस देश में 100 करोड़ से भी ज्यादा है सनातन धर्म के लोग तीर्थ यात्रा पर जाते हैं तो भारत की अर्थव्यवस्था को बेहद लाभ पहुंचता है जिससे करना गलत नहीं है कि भारत की अर्थव्यवस्था सनातन धर्म के आसपास ही घूमती रहती है।


Conclusion: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह भी कहा सनातन धर्म के लोगों का आदर इस देश में नहीं हो रहा है कुछ मुट्ठी भर लोग आते हैं और अपनी बात करते हैं। उनकी बातें सभाएं तक ही सीमित रह जाती हैं सनातन धर्म के लोगों की जो प्रमुख समस्याएं हैं उनके बारे में ना तो कोई बात कर रहा है और ना कोई राजनीतिक दल इस से उठा रहा है गौरक्षा पर सभी सनातन धर्म के लोग एक हैं लेकिन सत्ता पक्ष पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की घोषणा पत्र 2019 और कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में कहीं भी इस मुद्दे पर बात नहीं किया।

अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सत्ता में जो लोग हैं और जो लोग सत्ता की प्राप्ति के लिए सपने देख रहे हैं और सनातन धर्म के लोगों की अनदेखी कर रहे हैं। अब तो मैं यही कहूंगा जो पार्टी कहेगी कि काशी में टूटी हुई मूर्तियां उन्हें उस स्थान पर स्थापित होंगे हम अपना वोट उन्हीं को करना।

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