अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में 21 नवंबर यानी गुरुवार की शाम प्रशासनिक भवन में छात्रों के एक समूह द्वारा किये गये हंगामे की घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है. 10 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. जबकि छह छात्रों को निलंबित करने के साथ तीन छात्रों पर विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
100 से अधिक छात्रों ने किया था प्रदर्शनः घटना उस समय हुई जब 100 से 125 छात्रों की भीड़ ने प्रशासनिक भवन का दरवाजा बलपूर्वक बंद कर दिया और अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की. छात्र अटेंडेंस और छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. स्थिति उस समय और गंभीर हो गई जब कुलपति प्रशासनिक भवन से अपने आवास के लिए प्रस्थान कर रही थी. उग्र छात्रों ने कुलपति की गाड़ी को घेर लिया. रास्ता रोक कर आपत्तिजनक नारेबाजी करते हुए गाड़ी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की.
किसी तरह कुलपति की गाड़ी निकालीः घटना पर संज्ञान लेते हुए प्रॉक्टर टीम ने किसी तरह कुलपति की गाड़ी को सुरक्षित बाहर निकाला. इसके बाद प्रॉक्टर डॉ. मोहम्मद वसीम ने घटना को कानून के खिलाफ बताते हुए एफआईआर दर्ज कराई. उन्होंने कहा, यह एक गंभीर अपराध है. छात्रों को पहले ही उनकी समस्याओं पर बातचीत का आश्वासन दिया गया था, लेकिन कुछ छात्रों ने कानून को हाथ में लिया. थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया गया है.
इनके खिलाफ एफआईआरः सिविल लाइन क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि सुरक्षा अधिकारी इरफान अहमद की शिकायत पर छात्र जकी उर रहमान, मिस्बाह केसर, मोहम्मद दानिश, इरफान, आदिल, शोएब कुरैशी, पारस, फवाद, अरशद, सलमान और आरिफ पर एफआईआर दर्ज किया गया है. आरोप है कि कुलपति की गाड़ी रोककर सरकारी काम में बाधा पहुंचाई और जानलेवा हमले का प्रयास किया.
छात्र समस्याएं लेकर गये थे प्रशासनिक भवनः घटना के पीछे छात्रों की अटेंडेंस को लेकर समस्या बताई जा रही है. इसके अलावा, कुछ छात्र विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर भी प्रदर्शन कर रहे थे. प्रॉक्टर वसीम अली ने स्पष्ट किया कि छात्रों की समस्याओं पर प्रशासन लगातार बातचीत कर रहा है और उनके अटेंडेंस कम होने की समस्या के उपाय किए जा रहे हैं.
नुशासनहीनता और हिंसा बर्दाश्त नहींः घटना के बाद विश्वविद्यालय ने छह छात्रों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और तीन छात्रों को परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रॉक्टर ने कहा कि अनुशासनहीनता और हिंसा को विश्वविद्यालय में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. छात्रों के साथ वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन किसी भी प्रकार की हिंसा या सरकारी कार्य में बाधा डालने को सख्ती से निपटा जाएगा.
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