वाराणसीः काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की निगरानी याचिका को जिला जज ने स्वीकार कर लिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 नवंबर की तारीख मुकर्रर की गई है.
लखनऊ ट्रिब्यूनल में सुनवाई चाहता है वक्फ बोर्ड
दरसअल, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) के निर्णय के खिलाफ निगरानी याचिका दायर की थी. मामले में भगवान विश्वेश्वर काशी विश्वनाथ मंदिर के पक्ष ने पुरात्तव सर्वेक्षण की मांग की थी. इसमें अंजुमन इंतजामिया कमिटी ने आपत्ति जाहिर की, लेकिन फिर मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने प्रवेश किया और कोर्ट में याचिका दायर की. वक्फ बोर्ड ने कहा कि मामले की सुनवाई लखनऊ वक्फ ट्रिब्यूनल में होनी चहिए, लेकिन 25 फरवरी को लोवर कोर्ट ने याचिका रद्द कर दी थी.
दायर किया था रिविजनल एडमिशन
बोर्ड ने रिविजिनल एडमिशन का आवेदन किया, जिसकी सुनवाई 20 अगस्त को हुई. इस मामले में लगातार कोर्ट में एक के बाद एक तारीख बढ़ती रही. पिछले दिनों लॉर्ड विश्वेश्वर के पक्षकारों की तरफ से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिका का विरोध किया गया और विलंब से याचिका दायर करने पर इसे खारिज करने की अपील की गई. इस पर वक्फ बोर्ड के वकील ने लॉकडाउन की वजह से देरी होने की बात कहते हुए याचिका को स्वीकार करने की अपील की थी.
इसे कोर्ट ने पिछली सुनवाई में देरी होने की वजह बताते हुए तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाकर इसे स्वीकार किया था और इसकी पोषणीयता यानी याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर फैसला लेने के लिए आज की तिथि मुकर्रर की थी. मामले में तीनों पक्ष यानी भगवान विश्वेश्वर मंदिर पक्ष, अंजुमन इंतजामिया कमेटी मस्जिद पक्ष और सुन्नी वक्फ बोर्ड की बहस सुनने के बाद फैसला 22 अक्टूबर शाम 6 बजे दिया गया.
मामले के क्षेत्राधिकार को लेकर शुरू होगी सुनवाई
गुरुवार शाम 6 बजे फैसला आने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड की रिविजिनल एडमिशन स्वीकार कर ली गयी है और अब 12 नवंबर को क्षेत्राधिकार पर सुनावई होगी. आसान भाषा में कहें तो सुन्नी वक्फ बोर्ड 12 नवंबर को अपना पक्ष रखेगा कि मामले की सुनवाई लखनऊ सेंट्रल वक्फ ट्रिब्यूनल में होनी चाहिए, जबकि दूसरा पक्ष लॉर्ड विश्वेश्वर मामले की सुनवाई वाराणसी कोर्ट में ही किए जाने के पक्ष में है. फिलहाल अब 12 नवंबर से इस प्रकरण की सुनवाई के क्षेत्राधिकार को लेकर एक बार पुनः कोर्ट सुनवाई शुरू करेगा.