वाराणसी: सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर शनिवार को काशी पहुंचे. इस दौरान सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि रविवार को वाराणसी मंडल की समीक्षा बैठक है, जिसमे शिरकत करने पूरी टीम आई हुई है. सुभासपा के पूर्व प्रवक्ता शशिप्रताप सिंह के आरोपों पर बोलते हुए कहा कि हम काम पर विश्वास करते है. ये वही बनारस है, जहां मैंने काम शुरू किया तो लोगों ने मजाक बनाया लेकिन आज वो दौर पैदा किया इसी बनारस में कई चुनाव जीते है.
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जिन मुद्दों के लेकर हम चले थे हम उसके लिए अग्रसर है. समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि देखिए अभी जो राष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है. उस चुनाव में पार्टी के नेताओं और हमारे 6 विधायकों के द्वारा जब सपा ने यशवंत सिन्हा को समर्थन के लिए प्रेसवार्ता की तो हम लोगों को नहीं बुलाया गया. गलती हमारी इतनी थी कि आजमगढ़ में उपचुनाव था. हमारी टीम चुनाव में लगी रही और जब रिजल्ट आया तो हम लोग 8 हजार 4 सौ वोट से हारे और धरातल से समीक्षा में आया कि यदि अखिलेश आजमगढ़ आए होते तो हम लोग चुनाव जीत जाते. उन्होंने कहा कि एसी से निकलकर नॉन एसी में भी काम करने की जरूरत है. ऐसा कहना मेरा अखिलेश यादव को बुरा लगा और इसलिए हम लोगों को नहीं बुलाया.
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राजभर ने कहा कि 8 तारीख को सीएम ऑफिस से फोन आया कि मुख्यमंत्री मिलना चाहते हैं. तो मैं चला गया. इस दौरान मुलाकात हुई तो उन्होंने अनुरोध किया कि आप दलित पिछड़े और अल्पसंख्यक की बात करते हैं. द्रौपदी मुर्मू जाति व्यवस्था में सबसे निचले पायदान से आती हैं और महिला भी हैं. आप इनका समर्थन करिए. मैंने पार्टी नेताओं और विधायकों से बात करके मैसेज देने की बात कही. तब सीएम ने कहा कि नहीं द्रौपदी मुर्मू मिलना चाहती हैं.
वह लखनऊ आई हैं हैं तो मैं शाम को उससे मिलने चला गया. सीएम ने जो बात मुझसे कही थी वही बात उन्होंने भी दोहराई. मैंने 12 तारीख को आयोजित प्रेस वार्ता मुलायम सिंह की पत्नी के निधन की वजह से टाल दी. 13 तारीख को गृहमंत्री का फोन आया कि आखिर क्या बात हुई जो प्रेस वार्ता डाल दी. उन्होंने दिल्ली मिलने के लिए बुलाया तो मैं दिल्ली चला गया, जो बात मुख्यमंत्री ने कही थी वहीं गृह मंत्री ने भी कही. इस पर 15 तारीख को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की घोषणा कर दी.
उन्होंने कहा कि हमारे सहयोगी दल हमसे वोट ही नहीं मांग रहे हैं. लेकिन जो मांग रहा है उसे हम समर्थन दे रहे हैं. हम आज भी समाजवादी पार्टी के साथ हैं. लेकिन जब अखिलेश को वोट की जरूरत नहीं है तो हम क्या करें. हम समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में है और जिस दिन अखिलेश कह देंगे कि हमारा आपका गठबंधन नहीं तो उस दिन फिर देखेंगे.
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