वाराणसी: कोरोना वायरस का असर इन दिनों हर जगह देखने को मिल रहा है. चाहे फिर सार्वजनिक स्थान हो या लोगों की निजी जिंदगी कोरोना की वजह से हर कोई काफी बचाव के उपाय कर रहा है. इन सब के बीच अब इस वायरस का असर धार्मिक और परंपरागत अनुष्ठानों पर भी पड़ने लगा है. ऐसा ही असर वाराणसी के दो आयोजनों पर पड़ा है. एक तरफ जहां दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं पर यहां आने से रोक लगा दी गई है. वहीं अस्सी घाट पर बीते 5 सालों से चल रहे सुबह-ए-बनारस कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया गया है. पांच सालों में यह पहला मौका होगा, जब अस्सी घाट पर होने वाले सुबह-ए-बनारस के कार्यक्रम को स्थगित किया गया है.
वाराणसी के जिला अधिकारी ने फोन पर हुई बातचीत पर बताया कि गंगा आरती को फिलहाल रोका तो नहीं जा रहा है, लेकिन गंगा आरती में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानियों के शामिल होने को लेकर बचाव के दृष्टिगत आज से ही अगले आदेश तक सिर्फ 1 से 7 ब्राह्मणों के बीच इस गंगा आरती को सूक्ष्म रूप में कराने के निर्देश दिए गए हैं. आरती आयोजन में किसी भी श्रद्धालु को न शामिल होने के लिए आयोजकों गंगा सेवा निधि को कहा जा चुका है. यह आदेश 30 मार्च तक के लिए दिया गया है. स्थिति देखने के बाद आगे चीजें डिसाइड की जाएंगी. वहीं इस आयोजन के अलावा बनारस की पहचान बन चुके अस्सी घाट के सुबह ए बनारस कार्यक्रम को भी फिलहाल कोरोना की वजह से स्थगित कर दिया गया है.
इस वायरस के फैलने के डर से इस आयोजन को फिलहाल स्थगित किया गया है, क्योंकि इस आयोजन में गंगा आरती योगा और कई सांस्कृतिक आयोजन होते हैं. जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहते हैं, बचाव के दृष्टिगत यह फैसला लिया गया है. शासन के निर्देश और अगली बैठक के बाद स्थिति के आधार पर चीजें निर्धारित की जाएंगी.
-पंडित राजेश्वर आचार्य, अध्यक्ष, सुबह ए बनारस आयोजन समिति