वाराणसी: जिले के बीएचयू के जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एसके चौबे पर छात्राओं ने छेड़खानी का आरोप लगाया था. वहीं शनिवार को देर रात छात्राओं ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया. इस दौरान धरने पर बैठी छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्राओं को काफी मनाने की कोशिश की, लेकिन छात्राएं कुलपति को बुलाने पर अड़ी रहीं.
यह मामला 2018 का है, जब जंतु विभाग का शैक्षणिक टूर उड़ीसा के पुरी में गया था. वहीं छात्राओं ने एसके चौबे पर छेड़खानी का आरोप लगाया था. शैक्षणिक भ्रमण से लौटने के बाद छात्राओं ने कुलपति से शिकायत की, जिसके बाद मामले में आंतरिक जांच कमेटी गठित की गई. करीब एक महीने के अधिक समय तक चली जांच में छात्र-छात्राओं के साथ ही कर्मचारियों और शिक्षकों से भी पूछताछ की गई.
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कमेटी ने प्रोफेसर चौबे को कसूरवार मानते हुए फाइनल रिपोर्ट कुलपति को सौंपी थी. आरोपित प्रोफेसर पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बीएचयू कार्यकारिणी के परिषद की बैठक में रखी गई. इसके बाद प्रोसेसर चौबे को भविष्य में किसी प्रशासनिक पद पर आसीन न रहने देने की सजा के साथ जुलाई में दोबारा ज्वाइन कराया गया. इसी को लेकर छात्राएं में काफी रोष देखने को मिल रहा है, जिसके लिए वह प्रदर्शन कर रही हैं.
प्रोफेसर की इस तरह की हरकत और छेड़छाड़ करने पर इतनी छोटी सजा दी गई है. हम बस यह चाहते हैं कि उनको बीएचयू से बर्खास्त किया जाए. उसके साथ ही उनके ऊपर मुकदमा दर्ज हो, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी हम धरने पर बैठे रहेंगे.
-छात्रा
जांच कमेटी के सुझाव के आधार पर सात जून 2019 को संपन्न कार्यकारिणी परिषद की बैठक में बड़ा सजा दी गई. प्रोफेसर चौबे को भविष्य में कोई प्रशासनिक दायित्व नहीं दिया जाएगा और न ही वे विद्यार्थियों संबंधित गतिविधियों में शामिल होंगे. इसके अलावा प्रोफेसर एसके चौबे किसी अन्य संस्था में आवेदन भी नहीं कर सकते हैं.
-डॉ. राजेश सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय