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BHU में छात्राओं का धरना प्रदर्शन, प्रोफेसर को बर्खास्त करने की मांग

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बीएचयू की छात्राओं ने प्रोफेसर एसके चौबे पर छेड़खानी का आरोप लगाया था. इसी कड़ी में प्रोफेसर को बर्खास्त करने को लेकर छात्राओं ने मोर्चा खोल दिया है.

बीएचयू प्रोफेसर की बर्खास्तगी को लेकर छात्राओं का प्रदर्शन.
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Published : Sep 15, 2019, 10:43 AM IST

वाराणसी: जिले के बीएचयू के जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एसके चौबे पर छात्राओं ने छेड़खानी का आरोप लगाया था. वहीं शनिवार को देर रात छात्राओं ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया. इस दौरान धरने पर बैठी छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्राओं को काफी मनाने की कोशिश की, लेकिन छात्राएं कुलपति को बुलाने पर अड़ी रहीं.

बीएचयू प्रोफेसर की बर्खास्तगी को लेकर छात्राओं का प्रदर्शन.

यह मामला 2018 का है, जब जंतु विभाग का शैक्षणिक टूर उड़ीसा के पुरी में गया था. वहीं छात्राओं ने एसके चौबे पर छेड़खानी का आरोप लगाया था. शैक्षणिक भ्रमण से लौटने के बाद छात्राओं ने कुलपति से शिकायत की, जिसके बाद मामले में आंतरिक जांच कमेटी गठित की गई. करीब एक महीने के अधिक समय तक चली जांच में छात्र-छात्राओं के साथ ही कर्मचारियों और शिक्षकों से भी पूछताछ की गई.

इसे पढ़ें:- राम मंदिर आस्था का विषय है और जीत आस्था की होगी: सुब्रमण्यम स्वामी

कमेटी ने प्रोफेसर चौबे को कसूरवार मानते हुए फाइनल रिपोर्ट कुलपति को सौंपी थी. आरोपित प्रोफेसर पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बीएचयू कार्यकारिणी के परिषद की बैठक में रखी गई. इसके बाद प्रोसेसर चौबे को भविष्य में किसी प्रशासनिक पद पर आसीन न रहने देने की सजा के साथ जुलाई में दोबारा ज्वाइन कराया गया. इसी को लेकर छात्राएं में काफी रोष देखने को मिल रहा है, जिसके लिए वह प्रदर्शन कर रही हैं.

प्रोफेसर की इस तरह की हरकत और छेड़छाड़ करने पर इतनी छोटी सजा दी गई है. हम बस यह चाहते हैं कि उनको बीएचयू से बर्खास्त किया जाए. उसके साथ ही उनके ऊपर मुकदमा दर्ज हो, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी हम धरने पर बैठे रहेंगे.
-छात्रा

जांच कमेटी के सुझाव के आधार पर सात जून 2019 को संपन्न कार्यकारिणी परिषद की बैठक में बड़ा सजा दी गई. प्रोफेसर चौबे को भविष्य में कोई प्रशासनिक दायित्व नहीं दिया जाएगा और न ही वे विद्यार्थियों संबंधित गतिविधियों में शामिल होंगे. इसके अलावा प्रोफेसर एसके चौबे किसी अन्य संस्था में आवेदन भी नहीं कर सकते हैं.
-डॉ. राजेश सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय

वाराणसी: जिले के बीएचयू के जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एसके चौबे पर छात्राओं ने छेड़खानी का आरोप लगाया था. वहीं शनिवार को देर रात छात्राओं ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया. इस दौरान धरने पर बैठी छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्राओं को काफी मनाने की कोशिश की, लेकिन छात्राएं कुलपति को बुलाने पर अड़ी रहीं.

बीएचयू प्रोफेसर की बर्खास्तगी को लेकर छात्राओं का प्रदर्शन.

यह मामला 2018 का है, जब जंतु विभाग का शैक्षणिक टूर उड़ीसा के पुरी में गया था. वहीं छात्राओं ने एसके चौबे पर छेड़खानी का आरोप लगाया था. शैक्षणिक भ्रमण से लौटने के बाद छात्राओं ने कुलपति से शिकायत की, जिसके बाद मामले में आंतरिक जांच कमेटी गठित की गई. करीब एक महीने के अधिक समय तक चली जांच में छात्र-छात्राओं के साथ ही कर्मचारियों और शिक्षकों से भी पूछताछ की गई.

इसे पढ़ें:- राम मंदिर आस्था का विषय है और जीत आस्था की होगी: सुब्रमण्यम स्वामी

कमेटी ने प्रोफेसर चौबे को कसूरवार मानते हुए फाइनल रिपोर्ट कुलपति को सौंपी थी. आरोपित प्रोफेसर पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बीएचयू कार्यकारिणी के परिषद की बैठक में रखी गई. इसके बाद प्रोसेसर चौबे को भविष्य में किसी प्रशासनिक पद पर आसीन न रहने देने की सजा के साथ जुलाई में दोबारा ज्वाइन कराया गया. इसी को लेकर छात्राएं में काफी रोष देखने को मिल रहा है, जिसके लिए वह प्रदर्शन कर रही हैं.

प्रोफेसर की इस तरह की हरकत और छेड़छाड़ करने पर इतनी छोटी सजा दी गई है. हम बस यह चाहते हैं कि उनको बीएचयू से बर्खास्त किया जाए. उसके साथ ही उनके ऊपर मुकदमा दर्ज हो, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी हम धरने पर बैठे रहेंगे.
-छात्रा

जांच कमेटी के सुझाव के आधार पर सात जून 2019 को संपन्न कार्यकारिणी परिषद की बैठक में बड़ा सजा दी गई. प्रोफेसर चौबे को भविष्य में कोई प्रशासनिक दायित्व नहीं दिया जाएगा और न ही वे विद्यार्थियों संबंधित गतिविधियों में शामिल होंगे. इसके अलावा प्रोफेसर एसके चौबे किसी अन्य संस्था में आवेदन भी नहीं कर सकते हैं.
-डॉ. राजेश सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय

Intro:बीएचयू जूलॉजी डिपार्टमेंट से जुड़े छेड़खानी के आरोपी प्रोफेसर एसके चौबे को बर्खास्त करने की मांग को लेकर छात्राओं उन्हें शनिवार देर रात मोर्चा खोल दिया लंका स्थित सिंह द्वार पर धरने पर बैठ गई छात्राएं तख्ती बैनर संग नारेबाजी करते वहीं धरने पर बैठ गए इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें मनाने की कोशिश पूरी रात की लेकिन छात्राएं कुलपति को बुलाने पर अड़ी रही।


Body:यह पूरा मामला वर्ष 2018 में जंतु विज्ञान विभाग के शैक्षणिक टूर उड़ीसा के पुरी में गया था जहां छात्राओं ने प्रोफेसर एसके चौबे पर अश्लील हरकत का आरोप लगाया था शैक्षणिक भ्रमण से लौटते के बाद छात्राओं ने कुलपति से शिकायत की उसके बाद मामले में आंतरिक जांच कमेटी गठित की गई 1 महीने के अधिक समय तक चली जांच में छात्र-छात्राओं के साथ ही कर्मचारियों और शिक्षकों से पूछताछ की गई कमेटी ने प्रोफेसर चौबे को कसूरवार मानते हुए फाइनल रिपोर्ट कुलपति को सौंपी आरोपित प्रोफेसर पर कार्यवाही के लिए रिपोर्ट बीएचयू कार्यकारिणी के परिषद की बैठक में रखी गई इसके बाद प्रोसेसर चौबे को भविष्य में किसी प्रशासनिक पद पर आसीन रहने देने की सजा के साथ जुलाई में दोबारा ज्वाइन कराया गया इसी को लेकर छात्राएं रोष है जिसके लिए वह प्रदर्शन कर रही हैं।


Conclusion:छात्रा ने बताया कि जिस तरह की हरकत और छेड़छाड़ किया गया है इस पर इतनी छोटी सजा दी गई है हम बस यह चाहते हैं कि उनको बीएचयू से बर्खास्त किया जाए उसके साथ ही उनके ऊपर मुकदमा दर्ज हो जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी हम धरने पर बैठे रहेंगे।

बाईट:-- छात्रा, चेहरा ब्लर कर दें

डॉ राजीव सिंह ने बताया जांच कमेटी के सुझाव के आधार पर 7 जून 2019 को संपन्न कार्यकारिणी परिषद की बैठक में बड़ा सजा दी गई प्रोफेसर चौबे ना तो भविष्य में कोई प्रशासनिक दायित्व दिया जाएगा और ना ही वे विद्यार्थियों संबंधित गतिविधियों में शामिल होंगे इसके अलावा प्रोफेसर एसके चौबे किसी अन्य संस्था में आवेदन भी नहीं कर सकते है। छात्राओं की जो मांग है वह हमें बताएं हम अगली कमेटी में एक बार फिर इस बात को रखेंगे और जो उचित कार्यवाही हुई उसको किया जाएगा

बाईट :-- डॉ राजेश सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय
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