वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Kashi Hindu University) के छात्र एक बार फिर यूनीवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. मंगलवार को फर्स्ट और सेकेंड ईयर के छात्र-छात्राएं कैंपस खोलने की मांग को लेकर लंका गेट पर धरने पर बैठ गए. 4 सूत्रीय मांगों को लेकर बीएचयू के सिंहद्वार पर बैठे छात्रों की वजह से आवागमन भी प्रभावित हुआ. अनदेखी का आरोप लगाकर स्टूडेंट विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हालांकि, प्रदर्शन की सूचना मिलते ही मौके पर चीफ प्रॉक्टर सहित प्रॉक्टोरियल बोर्ड के पदाधिकारी धरनास्थल पर पहुंच गए. लंका गेट पर कई थानों की फोर्स भी पहुंच गई है.
छात्रों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) के बीच सब कुछ सार्वजनिक तौर पर खोल दिया गया है. कॉलेजों में राजनीतिक रैलियां हो रही हैं. विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रकार के आयोजन हो रहे हैं. ऐसे में हमारी कक्षाएं ऑफलाइन पूर्ण रूप से शुरू क्यों नहीं की जा रही है. आखिर, हमारे भविष्य के साथ क्यों खेला जा रहा है.
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छात्र विपुल सिंह ने बताया पिछले कई महीनों से लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन से कैंपस खोलने की गुजारिश की जा रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही सेकंड सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑफलाइन शुरू कराने को कह रहा है. हालांकि, सभी लोगों को पता है कि बीएचयू कैंपस खोल दिया गया, लेकिन विश्वविद्यालय ने अभी तक फर्स्ट और सेकंड ईयर के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय नहीं खोला है. ऐसे में हमारी 4 सूत्रीय मांग है कि जल्द से जल्द विश्वविद्यालय ऑफलाइन मोड पर पूर्ण रूप से खोला जाए. पूरी क्षमता के साथ सभी हॉस्टलों को छात्रों के लिए रिलीज किया जाए. जल्द ही मैदान और कसरत के स्थानों को भी खोला जाए. सेल्फ फाइनेंस वाले छात्रों से ऑनलाइन क्लास करा कर जो पेमेंट लिया गया है. उसको वापस किया जाए.