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वाराणसी: खराब चीजों से बनी कलाकृतियों की प्रदर्शनी

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में अनोखी प्रदर्शनी लगाई गई. इस प्रदर्शनी में घरों में पड़े वेस्टेज मटेरियल का खूबसूरती से इस्तेमाल किया गया. वहीं यह प्रदर्शनी लोगों को अपनी ओर काफी आकर्षित कर रही है.

वाराणसी के बीएचयू में वेस्ट मटेरियल से बनी यूनिक चीजों की लगाई गई प्रदर्शनी
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Published : Nov 9, 2019, 4:49 PM IST

वाराणसी: बेकार पड़ी चीजों से तैयार कलाकृतियों की प्रदर्शनी बीएचयू में लगाई गई. इनको बनाने में वेस्टेज मटेरियल जैसे कोल्ड ड्रिंक के ढक्कन, पेन ऐसी छोटी-छोटी चीजों का इस्तेमाल किया गया है. जिसे हम घरों में फालतू समझकर फेंक देते हैं. इस प्रदर्शनी के जरिए इस बात का संदेश दिया गया कि कोई भी चीज फालतू नहीं होती है. उसका उपयोग किसी न किसी तरह किया जा सकता है. वेस्टेज मटेरियल से बनी छोटी-बड़ी कुल सौ से ज्यादा वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई है.

बेकार चीजों से बनी कलाकृतियों की प्रदर्शनी
  • वाराणसी में वेस्ट मेटेरियल से बनाई गई प्रदर्शनी लोगों को कर रही आकर्षित.
  • कबाड़ की छोटी-छोटी वस्तुओं से यह प्रदर्शनी बनाई गई है.
  • लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से लगाई गई प्रदर्शनी.
  • प्लास्टिक और वेस्टेज मेटरियल का इसमें इस्तेमाल किया गया है.
  • इस प्रदर्शनी से युवाओं को बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है.

डिजाइनर श्याम शर्मा ने बातचीत में बताया कि इस प्रदर्शनी को लगाने से मेरा बस एक उद्देश्य है कि हम जिसको बेस्ट मटेरियल समझते हैं चाहे वह प्लास्टिक में हो या कोई भी वेस्टेज या मेटल हो. कोई भी मटेरियल वेस्टेज नहीं होता है. उसको अगर हम सही तरह से यूज करें तो यूनिक डिजाइन से बहुत सारी यूनिक चीजें बना सकते हैं. हम उस वेस्टेज मटेरियल की वैल्यू भी काफी बढ़ा सकते हैं. इस प्रदर्शनी का उद्देश्य उन युवाओं को संदेश देना था जो बेरोजगार हैं, वे इससे सीख लेकर रोजगार पा सकते हैं.

वाराणसी: बेकार पड़ी चीजों से तैयार कलाकृतियों की प्रदर्शनी बीएचयू में लगाई गई. इनको बनाने में वेस्टेज मटेरियल जैसे कोल्ड ड्रिंक के ढक्कन, पेन ऐसी छोटी-छोटी चीजों का इस्तेमाल किया गया है. जिसे हम घरों में फालतू समझकर फेंक देते हैं. इस प्रदर्शनी के जरिए इस बात का संदेश दिया गया कि कोई भी चीज फालतू नहीं होती है. उसका उपयोग किसी न किसी तरह किया जा सकता है. वेस्टेज मटेरियल से बनी छोटी-बड़ी कुल सौ से ज्यादा वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई है.

बेकार चीजों से बनी कलाकृतियों की प्रदर्शनी
  • वाराणसी में वेस्ट मेटेरियल से बनाई गई प्रदर्शनी लोगों को कर रही आकर्षित.
  • कबाड़ की छोटी-छोटी वस्तुओं से यह प्रदर्शनी बनाई गई है.
  • लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से लगाई गई प्रदर्शनी.
  • प्लास्टिक और वेस्टेज मेटरियल का इसमें इस्तेमाल किया गया है.
  • इस प्रदर्शनी से युवाओं को बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है.

डिजाइनर श्याम शर्मा ने बातचीत में बताया कि इस प्रदर्शनी को लगाने से मेरा बस एक उद्देश्य है कि हम जिसको बेस्ट मटेरियल समझते हैं चाहे वह प्लास्टिक में हो या कोई भी वेस्टेज या मेटल हो. कोई भी मटेरियल वेस्टेज नहीं होता है. उसको अगर हम सही तरह से यूज करें तो यूनिक डिजाइन से बहुत सारी यूनिक चीजें बना सकते हैं. हम उस वेस्टेज मटेरियल की वैल्यू भी काफी बढ़ा सकते हैं. इस प्रदर्शनी का उद्देश्य उन युवाओं को संदेश देना था जो बेरोजगार हैं, वे इससे सीख लेकर रोजगार पा सकते हैं.

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय दृश्य कला संकाय में अनोखी प्रदर्शनी लगाई गई। यह प्रदर्शनी इसलिए खास है क्योंकि हमारे घरों में पड़े हुए वेस्ट मटेरियल का इतनी खूबसूरती से प्रयोग किया गया है। यह यूनिक पीस में तब्दील हो गया। इसलिए दूर दूर से कलाकारों को यह प्रदर्शनी अपनी और आकर्षित कर रही है।


Body:प्रदर्शनी में बहुत छोटी छोटी वस्तुओं को बनाया गया है। जो वेस्ट मटेरियल जैसे कोल्ड ड्रिंक के ढक्कन टूटे हुए पेन ऐसी छोटी-छोटी चीज है। जिसे हम घरों में फालतू समझ कर फेंक देते हैं लेकिन इस प्रदर्शनी से पता चला कि कोई भी चीज फालतू नहीं होती। उसका यूज़ किया जा सकता है। छोटे-बड़े कुल सौ से ज्यादा वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई।


Conclusion:श्याम शर्मा ने बताया इस प्रदर्शनी लगाने से मेरा बस एक आशा है। हम जिसको बेस्ट मटेरियल समझते हैं।चाहे वह प्लास्टिक में है। या कोई भी वेस्ट है या मेटल बेस्ट है। कोई भी मटेरियल बेस्ट नहीं होता है।उसको अगर हम सही ढंग से यूज करें यूनिक और डिजाइन से बहुत सारी यूनिक चीजें दे सकते हैं। हम उस वेस्ट मटेरियल का वैल्यू बढ़ा सकते हैं।उसे नई चीजें भी बना सकते हैं मेरा आर्ट के पीछे बस यही आईडिया है। मैं सोसाइटी को सपोर्ट करना चाहता हूं।कि बहुत से युवा हैं जो बेरोजगार है वह इन चीजों से रोजगार पा सकते हैं और हमारे यहां वेस्ट चीजों का भी यूज अच्छे तरीके से होगा।

बाईट :-- श्याम शर्मा, डिजाइनर

श्रुति ने बताया यह बहुत ही अनोखी प्रदर्शनी थी यहां बहुत कुछ सीखने को मिला क्योंकि हम भी एक आर्टिस्ट हैं और सबसे बड़ी बात है कि इन वेस्ट चीजों का इतनी छोटी छोटी और प्यारी चीजें बनाई गई हैं जो बिल्कुल यूनिक है जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते इसे हम पता चला कि कोई भी चीज वेस्ट नहीं होता है।

बाईट :-- श्रुति, छात्रा,बीएचयू।

अशुतोष उपध्याय
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