वाराणसी : जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है, पिछले दो दिनों से कुलपति आवास के बाहर बैठे छात्रों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर वीसी आवास से बीएचयू के मुख्य द्वार तक प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
यह है मामला : बता दें कि बीएचयू के भगवान दास छात्रावास में रहने वाले एक छात्र को 24-11-2022 को गलत कारण बताकर छात्रावास से निकाल दिया गया था, जिसे लेकर छात्र पिछले 7 महीने से लगातार कुलपति से लेकर विभिन्न अधिकारियों तक एप्लीकेशन देकर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं है. जिसके बाद छात्र के साथी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के आवास के सामने पिछले दो दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि दो दिनों से प्रदर्शन के बाद भी कोई मिलने नहीं आया, जिसके बाद छात्रों ने विरोध मार्च निकाला.
छात्र अवधेश देव पांडेय ने बताया कि '24 नवंबर 2022 को वार्डन जेपी राय ने मेरा हॉस्टल इस आधार पर कैंसिल कर दिया गया था कि एक अन्य छात्र ने हॉस्टल के बाथरूम का कांच तोड़ दिया था. छात्र का कहना है कि वार्डन का कहना था कि हॉस्टल में बर्थडे मनाने के कारण कांच टूटा है, जबकि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है. उन्होंने बताया कि मैंने हॉस्टल में बर्थडे नहीं मनाया है. पिछले दो दिनों से कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठा हूं. कोई हमसे मिलने नहीं आया. प्रदर्शन करने के बाद एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें हिंदी विभाग और एलएलबी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर हैं. विधि विभाग के एचओडी ने कमेटी गठित की है. आज सात माह का समय बीत चुका है. अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया इसलिए आज हम लोगों ने विरोध किया है.'
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