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BHU में फीस वृद्धि, छात्रों ने निकाला पैदल मार्च, फूंका विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला - काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि (fee hike in Banaras Hindu University) को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने परिसर में पैदल मार्च निकाला. इस दौरान छात्रों ने तीन जगहों पर विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला फूंका.

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Published : Oct 20, 2022, 10:49 PM IST

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हुई फीस वृद्धि (fee hike in Banaras Hindu University) के विरुद्ध चल रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन के छठवें दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (All India Student Council) ने परिसर में पैदल मार्च निकाला. इस दौरान छात्रों ने तीन स्थानों पर विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला भी फूंका.

बता दें कि 15 अक्टूबर से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहीं है. गुरुवार को आंदोलन के छठवें दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र संघ भवन से सिंह द्वार तक पैदल मार्च निकाला. साथ ही परिसर में तीन स्थानों पर विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला फूंक कर अपना विरोध दर्ज कराया.

परिसर में तीन स्थानों पर कुलपति का पुतला दहन
इस दौरान विधार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन बहरा बना हुआ है. विद्यार्थियों की आवाज को नजरंदाज कर रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा फीस वृद्धि के जो तर्क दिए जा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन झूठ बोल रहा है कि फीस वृद्धि नहीं की गई है. अगर फीस वृद्धि नहीं की गई है तब फीस किसकी वापस की जा रही है? विश्वविद्यालय प्रशासन से हमारी यही मांग है कि इस वृद्धि को वापस लिया जाए और भविष्य में इस प्रकार के निर्णय लेने से पूर्व छात्रों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाए.

विद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण और छात्र करेंगे बड़ा आंदोलन
इस दौरान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई के इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन फीस वृद्धि पर सफेद झूठ बोल रहा है. अगर फीस वृद्धि हुई नहीं हुई है तो सत्र 2021 के विद्यार्थियो से बढ़ी हुई फीस क्यों वसूली गई? विश्वविद्यालय प्रशासन लीपापोती करने के बजाय जल्द से जल्द फीस वृद्धि वापस ले. हमारा आंदोलन फीस वृद्धि वापस लेने तक जारी रहेगा. प्रशासन द्वारा इस पूरे प्रकरण पर कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों की आवाज सुनकर कोई सकारात्मक निर्णय ले. अन्यथा यह आंदोलन अनवरत चलता रहेगा. यह पुतला फूंकना विश्वविद्यालय प्रशासन को एक चेतावनी है.

यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी मामले में BHU के प्रश्न पत्र ने बढ़ाई सरगर्मी, जाने कौन से हैं वो सवाल?

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हुई फीस वृद्धि (fee hike in Banaras Hindu University) के विरुद्ध चल रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन के छठवें दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (All India Student Council) ने परिसर में पैदल मार्च निकाला. इस दौरान छात्रों ने तीन स्थानों पर विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला भी फूंका.

बता दें कि 15 अक्टूबर से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहीं है. गुरुवार को आंदोलन के छठवें दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र संघ भवन से सिंह द्वार तक पैदल मार्च निकाला. साथ ही परिसर में तीन स्थानों पर विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला फूंक कर अपना विरोध दर्ज कराया.

परिसर में तीन स्थानों पर कुलपति का पुतला दहन
इस दौरान विधार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन बहरा बना हुआ है. विद्यार्थियों की आवाज को नजरंदाज कर रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा फीस वृद्धि के जो तर्क दिए जा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन झूठ बोल रहा है कि फीस वृद्धि नहीं की गई है. अगर फीस वृद्धि नहीं की गई है तब फीस किसकी वापस की जा रही है? विश्वविद्यालय प्रशासन से हमारी यही मांग है कि इस वृद्धि को वापस लिया जाए और भविष्य में इस प्रकार के निर्णय लेने से पूर्व छात्रों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाए.

विद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण और छात्र करेंगे बड़ा आंदोलन
इस दौरान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई के इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन फीस वृद्धि पर सफेद झूठ बोल रहा है. अगर फीस वृद्धि हुई नहीं हुई है तो सत्र 2021 के विद्यार्थियो से बढ़ी हुई फीस क्यों वसूली गई? विश्वविद्यालय प्रशासन लीपापोती करने के बजाय जल्द से जल्द फीस वृद्धि वापस ले. हमारा आंदोलन फीस वृद्धि वापस लेने तक जारी रहेगा. प्रशासन द्वारा इस पूरे प्रकरण पर कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों की आवाज सुनकर कोई सकारात्मक निर्णय ले. अन्यथा यह आंदोलन अनवरत चलता रहेगा. यह पुतला फूंकना विश्वविद्यालय प्रशासन को एक चेतावनी है.

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