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BHU में विद्यार्थियों ने काटा बवाल, कहा-प्रोफेसर ने चेंबर साफ करने वाले छात्रों को PhD में दिया एडमिशन

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में 2022 की पीएचडी प्रक्रिया में हुई धांधली को लेकर छात्रों ने जमकर बवाल काटा. छात्रों ने एक प्रोफेसर को हिंदी विभाग के अंदर बंद कर दिया.

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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
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Published : Aug 8, 2022, 5:21 PM IST

वाराणसीः बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में प्रशासन और छात्रों के बीच का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले संस्कृत के एक छात्र ने रिसर्च एडमिशन में धांधली की बात करके विश्वविद्यालय पर गंभीर आरोप लगाए थे. सोमवार को छात्रों ने हिंदी विभाग पर ताला बंद कर प्रोफेसर विनय कुमार सिंह पर पीएचडी एडमिशन में धांधली का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा. मौके पर पहुंची प्रॉक्टोरियल बोर्ड टीम ने छात्र को समझाने का प्रयास किया. लेकिन छात्रों का कहना था जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी यह प्रदर्शन जारी रहेगा.

छात्र मुकेश यादव

छात्र मुकेश यादव ने बताया कि वर्ष 2022 की पीएचडी प्रक्रिया में यहां के प्रोफेसर ने धांधली की. प्रोफेसर विनय सिंह का इस मामले में बड़ा हाथ था. प्रोफेसर विनय सिंह पर सुप्रीम कोर्ट और विश्वविद्यालय कमेटी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए निष्कासित कर दिया था. लेकिन फिर भी डीन ने प्रोफेसर विनय सिंह को पीएचडी चयनित कमेटी में स्थान दिया. लेकिन उन्होंने फिर से पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया में धांधली की और अपना चेंबर साफ करने वाले छात्रों को पीएचडी में एडमिशन दिया.

पढ़ेंः हथकरघा उद्योग के लिए आईआईटी बीएचयू ने डिजाइन किया एर्गोनॉमिक करघा, ये मिलेगा फायदा

छात्र मुकेश यादव ने बताया कि 77 एपीआई वाले छात्रों का एडमिशन नहीं किया, बल्कि 72 एपीआई वालों का एडमिशन किया है. ओबीसी में इसी तरह किया गया है. कम नंबर वालों को इंटरव्यू में ज्यादा नंबर दिया गया. छात्रों का सीधे तौर पर कहना है कि प्रोफेसर विनय सिंह ने इस पूरे मामले में धांधली की है और उन्हें बर्खास्त किया जाए.

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वाराणसीः बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में प्रशासन और छात्रों के बीच का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले संस्कृत के एक छात्र ने रिसर्च एडमिशन में धांधली की बात करके विश्वविद्यालय पर गंभीर आरोप लगाए थे. सोमवार को छात्रों ने हिंदी विभाग पर ताला बंद कर प्रोफेसर विनय कुमार सिंह पर पीएचडी एडमिशन में धांधली का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा. मौके पर पहुंची प्रॉक्टोरियल बोर्ड टीम ने छात्र को समझाने का प्रयास किया. लेकिन छात्रों का कहना था जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी यह प्रदर्शन जारी रहेगा.

छात्र मुकेश यादव

छात्र मुकेश यादव ने बताया कि वर्ष 2022 की पीएचडी प्रक्रिया में यहां के प्रोफेसर ने धांधली की. प्रोफेसर विनय सिंह का इस मामले में बड़ा हाथ था. प्रोफेसर विनय सिंह पर सुप्रीम कोर्ट और विश्वविद्यालय कमेटी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए निष्कासित कर दिया था. लेकिन फिर भी डीन ने प्रोफेसर विनय सिंह को पीएचडी चयनित कमेटी में स्थान दिया. लेकिन उन्होंने फिर से पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया में धांधली की और अपना चेंबर साफ करने वाले छात्रों को पीएचडी में एडमिशन दिया.

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छात्र मुकेश यादव ने बताया कि 77 एपीआई वाले छात्रों का एडमिशन नहीं किया, बल्कि 72 एपीआई वालों का एडमिशन किया है. ओबीसी में इसी तरह किया गया है. कम नंबर वालों को इंटरव्यू में ज्यादा नंबर दिया गया. छात्रों का सीधे तौर पर कहना है कि प्रोफेसर विनय सिंह ने इस पूरे मामले में धांधली की है और उन्हें बर्खास्त किया जाए.

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