वाराणसीः बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में प्रशासन और छात्रों के बीच का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले संस्कृत के एक छात्र ने रिसर्च एडमिशन में धांधली की बात करके विश्वविद्यालय पर गंभीर आरोप लगाए थे. सोमवार को छात्रों ने हिंदी विभाग पर ताला बंद कर प्रोफेसर विनय कुमार सिंह पर पीएचडी एडमिशन में धांधली का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा. मौके पर पहुंची प्रॉक्टोरियल बोर्ड टीम ने छात्र को समझाने का प्रयास किया. लेकिन छात्रों का कहना था जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी यह प्रदर्शन जारी रहेगा.
छात्र मुकेश यादव ने बताया कि वर्ष 2022 की पीएचडी प्रक्रिया में यहां के प्रोफेसर ने धांधली की. प्रोफेसर विनय सिंह का इस मामले में बड़ा हाथ था. प्रोफेसर विनय सिंह पर सुप्रीम कोर्ट और विश्वविद्यालय कमेटी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए निष्कासित कर दिया था. लेकिन फिर भी डीन ने प्रोफेसर विनय सिंह को पीएचडी चयनित कमेटी में स्थान दिया. लेकिन उन्होंने फिर से पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया में धांधली की और अपना चेंबर साफ करने वाले छात्रों को पीएचडी में एडमिशन दिया.
पढ़ेंः हथकरघा उद्योग के लिए आईआईटी बीएचयू ने डिजाइन किया एर्गोनॉमिक करघा, ये मिलेगा फायदा
छात्र मुकेश यादव ने बताया कि 77 एपीआई वाले छात्रों का एडमिशन नहीं किया, बल्कि 72 एपीआई वालों का एडमिशन किया है. ओबीसी में इसी तरह किया गया है. कम नंबर वालों को इंटरव्यू में ज्यादा नंबर दिया गया. छात्रों का सीधे तौर पर कहना है कि प्रोफेसर विनय सिंह ने इस पूरे मामले में धांधली की है और उन्हें बर्खास्त किया जाए.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप