वाराणसी : बनारस रेल इंजन कारखाना यानी बरेका (Banaras Rail Engine Factory) ने 2022 में एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया. बरेका (bereka electric locomotive) के इतिहास में पहली बार हुआ है कि जब 365 दिनों में कारखाने में 367 रेल इंजनों को तैयार किया गया. इस रेकॉर्ड को बनाने में यहां के 5700 कर्मचारियों ने दिन रात मेहनत की. खास यह है कि इनमें बरेका की 350 महिलाएं भी शामिल रहीं, जिन्होंने भारी भरकम मशीनों और पेचीदे टूल के साथ टेक्निकल काम भी किए. इनके बनाए इंजन दुनिया के 11 देशों में पटरियों पर दौड़ रहे हैं.
बनारस रेल इंजन कारखाने में सबसे पहले 1964 में डीजल लोकोमोटिव (diesel locomotive) बनकर तैयार हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इसे देश को समर्पित किया था. 2017 के बाद डीजल रेल इंजन के साथ यहां विद्युत रेल इंजन (bereka electric locomotive) का भी निर्माण शुरू किया. अब तक 1,276 विद्युत रेल इंजनों का निर्माण भी किया जा चुका है.
बनारस के रेल इंजन कारखाने में कभी पुरुषों का वर्चस्व था. मगर वक्त के साथ यहां महिलाओं की एंट्री हुई. तकनीकी कार्यों के अलावा वह सारे काम करती हैं, जो वहां मौजूद पुरुष कर्मचारी करते हैं. बरेका (bereka electric locomotive) के जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि रेल इंजन बनाने के दौरान प्रोडक्शन वर्क में महिलाएं अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. रेल इंजनों को बनाने में सबसे ज्यादा महिलाएं हार्वेस प्रोडक्टिविटी में मौजूद हैं. इस विभाग में 45 लोग कार्यरत हैं, जिसमें 30 फ़ीसदी महिलाएं हैं. उन्होंने बताया कि ये महिलाएं हारवेस, रूफटॉप, सेल और इंजन बना रही हैं.
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