वाराणसी: बिना अनुमति लिए धरना-प्रदर्शन करने के मामले में आरोपित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का बयान दर्ज किया गया.अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/एमपी- एमएलए कोर्ट (Varanasi MP-MLA court) में विचाराधीन इस मामले में अजय राय का बयान दर्ज (State Congress President Ajay Rai statement recorded) कराया. साथ ही सुनवाई के लिए अगली तिथि 23 नवम्बर नियत कर दी.
वहीं अदालत में बयान दर्ज होने के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के अधिवक्ता अनुज यादव भी मौजूद रहे. प्रकरण के अनुसार तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट जेबी सिंह ने अदालत में परिवाद दर्ज कराया था. आरोप था कि 11 सितम्बर 1996 को दिन में करीब 12 बजे अजय राय, राजेश रंजन, रामाश्रय, सुरेश उपाध्याय, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार, सच्चिदानंद, सत्यम राय, अशोक कुमार, विनोद कुमार, सत्येंद्र सिंह, अमरनाथ, जयप्रकाश, राकेश, लालजी दूवे अपने 350-400 अन्य समर्थकों को साथ पहुंचे थे.
वह और समर्थक करीब 200-250 गाड़ियों, जिसमें बस, कार, जीप, स्कूटर, मोटरसाइकिल एवं ट्रैक्टरों में भरकर जुलूस के रुप में जोर-जोर से नारे लगाते हुए जौनपुर-वाराणसी मुख्य मार्ग से शिवपुर बाईपास से कचहरी वाराणसी जाने वाली सड़क पर अजय राय के नामांकन को लेकर मुख्य मार्गों को घेरकर अवरोध उत्पन्न कर दिया. साथ ही गाड़ियों के भीतर तथा छतों पर बैठे हुए लोग अजय राय के समर्थन में नारे लगाते हुए पूरे मुख्य मार्ग को अवरुद्ध किये हुए चल रहे थे.
गैर इरादतन हत्या प्रयास के मामले में दो सगे भाईयों को राहत: वहीं एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान प्रभारी सत्र न्यायाधीश (देवकांत शुक्ला) की अदालत ने गैर इरादतन हत्या प्रयास के मामले में आरोपित को राहत दे दी. बड़ी गैबी भेलूपुर निवासी आरोपित सतपाल सिंह उर्फ सोनू सिंह व अमनदीप सिंह उर्फ मोनू सिंह को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की दशा में 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें एवं व्यक्तिगत बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता शशिकांत राय उर्फ चुन्ना राय, विपीन शर्मा, अतीनदर सिंह व अर्यमान सक्सेना ने पक्ष रखा.
वहीं अभियोजन पक्ष के अनुसार बडी गैबी, भेलूपुर निवासी वादी शशांक जायसवाल ने भेलूपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसके पड़ोसी में रहने वाले सोनू सिंह व मोनू सिंह अपने घर में निर्माण कार्य करवा रहे थे और निर्माण सामाग्री हमारे घर के सामने गिरा दी हैं. इससे हमें आने जाने में असुविधा हो रही हैं. जब मैंने सामान हटाने को कहा तो उपरोक्त लोग मेरे साथ गाली गलोज करने लगे. जब मैंने मना किया तो उन्होंने ईट पत्थरोंं से हमला कर दिया.
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