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श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का वाराणसी आगमन आज, बौध भिक्षुओं से लेंगे आशीर्वाद

श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद महिंदा राजपक्षे अपने पहले विदेश दौरे पर भारत पहुंचे हैं. आज वह वाराणसी पहुंचेंगे. इस दौरान वह वाराणसी, सारनाथ के अलावा बोधगया और तिरुपति भी जाएंगे.

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श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे
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Published : Feb 8, 2020, 5:38 PM IST

Updated : Feb 9, 2020, 8:40 AM IST

वाराणसी: श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे आज यानी रविवार को वाराणसी के सारनाथ पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री राजपक्षे सारनाथ स्थित परिसर में धमेख स्तूप की परिक्रमा कर मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पहुचेंगे. यहां महाबोधि सोसाइटी के महासचिव भंते पी शिवली और संयुक्त सचिव थेरो भंते के मेधानकर बौद्ध उनका परपंरा के अनुसार स्वागत करेंगे. प्रधानमंत्री खंडहर परिसर में भगवान बुद्ध से जुड़े पुरावशेषों को देख इतिहास की जानकारी लेंगे. करीब साढ़े 10 से 11 बजे के बीच बाबा विश्वनाथ का दर्शन करेंगे.

पहली बार सारनाथ पहुंचेंगे श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे.


यहां वे भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली, धमेख स्तूप के दर्शन पूजन करेंगे. इसके बाद वह मूलगंध कुटी विहार स्थित बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध का पूजन कर बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद भी लेंगे. इसके बाद वे सारनाथ के पुरातात्विक संग्रहालय का भी अवलोकन करेंगे. महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार भारत आए हैं.


महिन्दा राजपक्षे के सारनाथ दौरे को भारत-श्रीलंका के बीच संबंधों में नई ऊर्जा के रूप में देखा जा रहा है. वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं. 'बौद्ध धर्म भारत-श्रीलंका संबंधों को सदा एक नई उर्जा प्रदान करता है.' बता दें कि इससे पहले जापान, जर्मनी, फ्रांस के के राष्ट्राध्यक्ष भी वाराणसी का दौरा कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें- वाराणसी: BHU के 110 होनहार दिव्यांग छात्रों को मिली आर्थिक मदद

वाराणसी: श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे आज यानी रविवार को वाराणसी के सारनाथ पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री राजपक्षे सारनाथ स्थित परिसर में धमेख स्तूप की परिक्रमा कर मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पहुचेंगे. यहां महाबोधि सोसाइटी के महासचिव भंते पी शिवली और संयुक्त सचिव थेरो भंते के मेधानकर बौद्ध उनका परपंरा के अनुसार स्वागत करेंगे. प्रधानमंत्री खंडहर परिसर में भगवान बुद्ध से जुड़े पुरावशेषों को देख इतिहास की जानकारी लेंगे. करीब साढ़े 10 से 11 बजे के बीच बाबा विश्वनाथ का दर्शन करेंगे.

पहली बार सारनाथ पहुंचेंगे श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे.


यहां वे भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली, धमेख स्तूप के दर्शन पूजन करेंगे. इसके बाद वह मूलगंध कुटी विहार स्थित बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध का पूजन कर बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद भी लेंगे. इसके बाद वे सारनाथ के पुरातात्विक संग्रहालय का भी अवलोकन करेंगे. महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार भारत आए हैं.


महिन्दा राजपक्षे के सारनाथ दौरे को भारत-श्रीलंका के बीच संबंधों में नई ऊर्जा के रूप में देखा जा रहा है. वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं. 'बौद्ध धर्म भारत-श्रीलंका संबंधों को सदा एक नई उर्जा प्रदान करता है.' बता दें कि इससे पहले जापान, जर्मनी, फ्रांस के के राष्ट्राध्यक्ष भी वाराणसी का दौरा कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें- वाराणसी: BHU के 110 होनहार दिव्यांग छात्रों को मिली आर्थिक मदद

Intro:श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद महिंदा राजपक्षे अपने पहले विदेश दौरे पर भारत पहुंचे हैं. वे इस इस दौरान वाराणसी, सारनाथ, के अलावा बोधगया और तिरुपति भी जाएंगे.
Body:रविवार को उनका वाराणसी पहुँचने का कार्यक्रम है बाद वे लगभग साढ़े 3 बजे सारनाथ पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री राजपक्षे सारनाथ स्थित परिसर में धमेख स्तूप की परिक्रमा कर मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पहुचेंगे, जहां महाबोधि सोसाइटी के महासचिव भंते पी शिवली और संयुक्त सचिव थेरो भंते के मेधानकर बौद्ध उनका परपंरा के अनुसार स्वागत करेंगे. प्रधानमंत्री खंडहर परिसर में भगवान बुद्ध से जुड़े पुरावशेषों को देख इतिहास की जानकारी लेंगे.

यहाँ वे भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली, धमेख स्तूप के दर्शन पूजन करेंगे. इसके बाद वह मूलगंध कुटी विहार स्थित बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध का पूजन कर बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद भी लेंगे. इसके बाद वे सारनाथ के पुरातात्विक संग्रहालय का भी अवलोकन करेंगे. महिंद्रा राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार भारत आये हैं.

byte1- के मेधानकर बौद्ध, संयुक्त सचिव, महाबोधि सोसाइटी ऑफ़ इंडिया Conclusion:महिन्द्रा राजपक्षे के सारनाथ दौरे को भारत-श्रीलंका के बीच संबंधों में नई ऊर्जा के रूप में देखा जा रहा है. वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं. "बौद्ध धर्म भारत-श्रीलंका संबंधों को सदा एक नई उर्जा प्रदान करता है." बता दें कि इससे पहले जापान, जर्मनी, फ्रांस के के राष्ट्राध्यक्ष भी वाराणसी का दौरा कर चुके हैं.
Last Updated : Feb 9, 2020, 8:40 AM IST
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